Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण को लेकर घमासान अब अपने अंतिम चरण में है. दूसरे चरण के लिए प्रचार का शोर थम गया है. दूसरे चरण में 13 जुलाई को 5 नगर निगम समेत 214 निकायों में मतदान होगा. वहीं कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता अपने अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे हैं तो वहीं दोनों ही दलों के दिग्गजों के बीच सियासी बयानबाजी भी चरम पर है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. निकाय चुनाव में वोट ना देने वाले बयान पर जहां शिवराज ने कमलनाथ को घेरा तो अब उन्होंने सीएम पर पलटवार करते हुए नगर निगम चुनाव में वोट ना देने की अपनी असल वजह भी बताई. इस दौरान सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘जब ये निक्कर में थे तब तो मैं सांसद बन गया था, फिर भी ये लोग ऐसी बातें करते हैं.’
मध्यप्रदेश निकाय चुनाव में दूसरे चरण के तहत प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को दोनों ही दलों के दिग्गज नेताओं ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रीवा और कटनी में सभाएं और रोड-शो किया. तो कमलनाथ ने रतलाम में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे. इस दौरान दोनों एक दूसरे के निशाने पर रहे. सूबे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ द्वारा नगर निगम चुनाव में वोट नहीं डालने सीएम शिवराज सिंह चौहान के आरोपों पर पलटवार करते हुए अपनी सफाई दी है. इस दौरान कमलनाथ ने अपने वोट ना डालने की असल वजह भी बताई.
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दरअसल एक रैली के दौरान सीएम शिवराज ने कमलनाथ को नॉन सीरियस नेता बताते हुए कहा था कि, ‘जैसे खुद कमलनाथ हैं ठीक उसी तरह नॉन सीरियस उनकी पार्टी है. यह वही कमलनाथ हैं जो विधानसभा में यह कहते थे कि मैं यहां बैठ कर अपना समय बर्बाद क्यों करूं, लेकिन अब उन्होंने कह दिया है कि मैं मतदान करके समय बर्बाद क्यों करूं, जो आदमी सबसे यह कह रहा है कि घर से निकले और कांग्रेस को वोट डाले लेकिन खुद ही वोट डालने के लिए नहीं गया तो यह तो लोकतंत्र के साथ नाइंसाफी है.’ सीएम शिवराज के इस बयान पर पलटवार करते हुए सोमवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान सीएम शिवराज पर जमकर निशाना साधा.
कमलनाथ ने सोमवार को रतलाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, ‘मैं नगर निगम का मतदाता नहीं हूं, मेरा गांव नगर निगम में नहीं आता. अगर मैं नगर निगम का मतदाता होता तो मैं जरूर वोट देता, लेकिन शिवराज सिंह के पेट में दर्द हो रहा है कि मैंने वोट नहीं डाला. शिवराज वोट डालने के बहाने वोटरों को दबाने, डराने, पटाने और ललचाने गए थे. ये वोट डालने की बात मुझे समझा रहे हैं. जब ये निक्कर में थे तब मैं एमपी बन गया था.’ कमलनाथ ने आगे कहा कि, ‘शिवराज सिंह अपना आधा भाषण मुझ पर बोलते हैं. 15 साल बाद हमारी सरकार बनी थी और उन्होंने सरकार गिराने का सौदा कर लिया.’
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मध्यप्रदेश में आये सियासी संकट का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘मैं मुख्यमंत्री था, मैं भी सौदा कर सकता था लेकिन मैंने कहा कि प्रदेश की पहचान सौदे की राजनीति से नहीं होनी चाहिए. कुर्सी चली जाए तो चली जाए लेकिन सौदा नहीं करेंगे. आज शिवराज सरकार में प्रदेश महिला अपराध, बलात्कार, बेरोजगारी में नंबर वन है. किसानों की आत्महत्या के मामले में भी नंबर वन है. इन्होंने भ्रष्टाचार की व्यवस्था बना दी है. याद रखिए अगले 15 महीने में कांग्रेस की सरकार आएगी क्योंकि इनके पास अब सिर्फ पुलिस, पैसा और प्रशासन बचा है.’
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनावों के पहले चरण में छह जुलाई को 11 नगर निगमों के लिए मतदान हो चूका है. इनमें तीन पर कांग्रेस, दो में भाजपा मजबूत है. सिंगरौली में पहली बार आम आदमी पार्टी भी दम दिखा रही है. सूत्रों की मानें तो तीन पर कांग्रेस, दो पर बीजेपी मजबूत दिख रही है. सिंगरौली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां पर आम आदमी पार्टी (आप) भी टक्कर देती दिख रही है. हालांकि, भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. प्रदेश में 11 नगर निगमों- भोपाल, इंदौर, बुरहानपुर, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली, सतना, खंडवा में बुधवार को मतदान हो चूका है. वहीं निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 13 जुलाई को 43 जिलों के 214 नगरीय निकायों में सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. इसके परिणाम 17 जुलाई को आएंगे.