देश के सबसे बड़े झूठे नेता और बिन पेंदी के लोटे की तरह हैं ओपी राजभर- सुभासपा छोड़ बोले शशि प्रताप

उत्तरप्रदेश की सियासत में मचा घमासान, राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में बड़ी बगावत आई सामने, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने छोड़ा राजभर का साथ, वहीं ओम प्रकाश राजभर पर लगाए गंभीर आरोप- राजभर हैं देश के सबसे बड़े झूठे नेता, उन्होंने सिर्फ परिवारवाद को दिया है बढ़ावा, जल्द ही नई पार्टी बनने के दिए संकेत

सुभासपा छोड़ बोले शशि प्रताप
सुभासपा छोड़ बोले शशि प्रताप

Politalks.News/UttarPradeshPolitics. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के बीच आपसी मनमुटाव की खबरों के बीच खुद राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में बड़ी बगावत सामने आ गई है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने सुभासपा छोड़ दी है, यही नहीं शशि प्रताप ने ओम प्रकाश राजभर के ऊपर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. शशि प्रताप ने कहा है कि ओम प्रकाश राजभर देश के सबसे बड़े झूठे नेता हैं और उन्होंने सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा दिया है. इसके साथ ही शशि प्रताप सिंह ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान भी कर दिया है.

शशि प्रताप ने बताया कि उनकी पार्टी का नाम ‘राष्ट्रीय समता पार्टी’ होगा. मीडिया से बात करते हुए शशि प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘ओपी राजभर ने सिर्फ धोखा दिया है और वह देश के सबसे बड़े झूठे नेता हैं. ओम प्रकाश राजभर बिन पेंदी के लोटे की तरह हैं और सिर्फ धोखा देने का काम करते हैं.’ यही नहीं शशि प्रताप सिंह ने ओपी राजभर पर परिवारवाद का आरोप भी लगाया है. प्रताप ने कहा कि, ‘पिछले 17 सालों से पार्टी की सेवा करने के बाद भी उन्हें कुछ न मिला. राजभर ने अपनी पार्टी में सिर्फ अपनी पत्नी और बेटे को बड़े पद पर बिठाया है.’ यहां आपको बता दें कि शशि प्रताप सिंह को कुछ दिन पहले ही पार्टी के प्रवक्ता पद से हटाया गया था. वहीं ओपी राजभर के बेटे और पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने कहा है कि शशि प्रताप सिंह के पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर इस वक्त समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. हाल ही राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की बीते गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में भी सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आए थे. जबकि, सपा के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत सिंह इस दौरान वहां मौजूद थे. इस बीच, ओपी राजभर ने सपा के साथ तल्खी की खबरों पर कहा है कि उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है. राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें अखिलेश यादव से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है. राजभर ने कहा कि वे अभी भी सपा के साथ हैं लेकिन अगर अखिलेश यादव उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे तो वे जबरदस्ती नहीं रहेंगे.

हालांकि, ओमप्रकाश राजभर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाजवादी पार्टी में अगर सम्मान होता तो जैसा बताया जा रहा है, वो (अखिलेश यादव) क्यों नहीं बुलाते, अपमान करने के लिए ही तो नहीं बुला रहे हैं. राजभर के इस बयान से साफ नजर आ रहा है कि राजभर और अखिलेश यादव के बीच अच्छे सम्बंध नहीं रहे हैं. ओपी राजभर आजमगढ़ उपचुनाव में हार के बाद से लगातार अखिलेश यादव पर निशाना साधते रहे हैं और हाल ही में राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना समर्थन एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को दिया है जबकि सपा का समर्थन यशवंत सिन्हा के साथ है.

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इन सबके बीच सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को लेकर योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘ओपी राजभर आज बोलने लायक हुए हैं, वह बीजेपी की देन है. वह सुबह चाय कहीं और पीते हैं, नाश्ता कहीं और करते हैं, खाना कहीं और खाते हैं और बात करने कहीं और जाते हैं. वो जहां से गए थे, अपने पुराने साथी के पास फिर से लौट कर आयें. 2024 के पहले वह आ जाएंगे, जाएंगे कहां?”

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