मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है. प्रदेश में 8.52 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने को तैयार है. राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक, 1276 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर 8,52,088 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 4 लाख 13 हजार 64 पुरुष और 4 लाख 39 हजार 28 महिला मतदाता शामिल हैं. 50 हजार 611 ऐसे युवा मतदाता हैं, जो पहली वोट डालेंगे. राज्य में 80 साल से अधिक उम्र के 8490 मतदाता भी अपने मत का प्रयोग करेंगे. इस दौरान कई दिग्गज नेताओं की साख भी दांव पर लगी है. 3 दिसंबर को परिणाम जारी किए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश में हिट हुई ‘राजनीति की शोले’: जय-वीरू के सामने गब्बर-ठाकुर हैं तैयार
40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा में फिलहाल मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के पास बहुमत है लेकिन इस बार मिजोरम में त्रिकोणीय मुकाबला है. मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार लालदुहोमा के नेतृत्व वाली जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) भी सत्ता की दावेदार बताई जा रही है. मिजोरम विधानसभा चुनाव की कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर भी इस बार सभी की निगाहें गढ़ी हुई है. आइए जानते हैं इन खास हाई प्रोफाइल सीटों के बारे में…
1. आइजोल पूर्व-1: मिजोरम विधानसभा चुनाव में आइजोल पूर्व-1 सबसे खास है. यहां सबकी नजरें टिकी रहेंगी. इस सीट पर निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा फिर से ताल ठोक रहे हैं. जोरमथांगा 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे. इस बार उनके सामने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के उपाध्यक्ष लालथानसांगा हैं. दूसरी ओर, आइजोल ईस्ट-I पारंपरिक रूप से कभी कांग्रेस का गढ़ रहा था. ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जता रही है.
2. आइजोल पश्चिम-III: इस सीट पर भी इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है और तीनों ही एक-दूसरे पर भारी पड़ते दिख रहे हैं. निवर्तमान जेडपीएम विधायक वी.एल. ज़ैथनज़ामा के खिलाफ पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता और एमएनएफ उम्मीदवार के. सॉमवेला ताल ठोक रहे हैं. 2008 में यह निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया, इसके बाद से किसी भी पार्टी ने यहां लगातार जीत दर्ज नहीं की है.
3. सेरछिप: इस विधानसभा सीट से जेडपीएम नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा मैदान में हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में वह यहां से जीते थे. इस बार उनके सामने एमएनएफ के नवागंतुक जे. माल्सावमज़ुअल वानचावंग और कांग्रेस उम्मीदवार आर. वानलालट्लुआंगा हैं. लालडुहोमा ने 2018 में इस सीट से पांच बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला को मात दी थी. इस बार यहां माल्सावमज़ुअल वानचावंग के आने से मुकाबला औऱ रोमांचक हो गया है.
4. हच्छेक: हच्छेक को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह त्रिपुरा सीमा के पास मिजोरम के ममित जिले में स्थित है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस के लालरिंडिका राल्टे विधायक हैं. उनका मुकाबला वर्तमान राज्य खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे से होगा. एमएनएफ ने इस सीट पर रोयटे को उतारा है. इस सीट पर हमेशा कांग्रेस का दबदबा रहा है. लेकिन इस बार रोयटे भी मजबूत नजर आ रहे हैं. मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने के.जे. लालबियाकनघेटा को टिकट दिया है.