Politalks.News/UttarPradesh. कोरोना के महासंकट के बीच उत्तर प्रदेश के गांवों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक के मुताबिक सुबह 7 बजे से शुरु हुआ मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहेगा. तीसरे चरण में आज बाराबंकी, शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कांसगज, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बलरामपुर, सिद्दार्थनगर, देवरिया, चंदौली, मीरजापुर (मिर्जापुर) और बलिया में मतपेटियों के माध्यम से मतदान किया जा रहा है. इन जिनों में चुनावों को संपन्न कराने के लिए पोलिंग पार्टियां रविवार की शाम हो ही मतगणना स्थलों पर पहुंच गई थीं.
तृतीय चरण के पंचायत चुनाव के लिए कुल 207549 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जिनमें से 427 जोनल मजिस्ट्रेट, 2910 सेक्टर मजिस्ट्रेट़ समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार ने तीसरे चरण के चुनाव से पहले सभी 20 जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से फोन पर बातचीत की. मनोज कुमार ने सभी को निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि प्रत्येक मतदान केन्द्र में आवश्यकतानुसार सैनेटाइजर, मास्क आदि की पर्याप्त व्यवस्था रहे. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए मतदाताओं से मतदान कराया जाए. बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराने के साथ-साथ कोविड संक्रमण से बचाव के लिए हर मतदान केन्द्र पर पर्याप्त आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस को अगले महीने मिलेगा फुल टाइम अध्यक्ष या इस बार कोरोना बनेगा ब्रह्मास्त्र ?
गौरतलब है कि तृतीय चरण के 20 जनपदों में ग्राम पंचायत के 73231 सदस्य सहित 55 ग्राम प्रधान तथा 371 क्षेत्र पंचायत सदस्य के अतिरिक्त 6 जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें से बलरामपुर में दो, कानपुर देहात, चन्दौली, फिरोजाबाद एवं सिद्धार्थ नगर में एक-एक जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. तृतीय चरण के 20 जनपदों में 746 जिला पंचायत वार्ड के जिला पंचायत सदस्यों के लिए 11243 कुल नामांकन हुए थे, जिनमें से 242 नामांकन रद्द होने 579 वापसी तथा छह निर्विरोध होने के बाद अब 10416 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
इसी तरह 18530 क्षेत्र पंचायत वार्ड के क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 92062 नामांकन किए गए थे, जिनमें 319 नामांकन रद्द होने 2788 वापसी तथा 371 निर्विरोध होने के बाद अब 88584 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसी प्रकार इन 20 जनपदों में 14379 ग्राम पंचायत के प्रधान पद के लिए 128672 नामांकन हुए, जिनमें से 313 रद्द होने और 11143 नाम वापस लिए गए. वहीं 55 निर्विरोध हो जाने के बाद अब 116162 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसी तरह 180473 ग्राम पंचायत वार्डों के पद के लिए 133495 नामांकन दाखिल किए गए, जिनमें 2288 नामांकन रद्द हुए, 927 ने नाम वापस ले लिया और 73231 का निर्विरोध चुनाव हुआ. इसके बाद अब 57649 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
यह भी पढ़ें: रेमडेसिविर कोरोना की अवधि को कम करता है, पर यह जीवन रक्षक दवाई नहीं- जानिए विशेषज्ञों की राय
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायतों के प्रधानों, पंच, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया जारी है. यूपी में अब तक 2 चरणों में मतदान हो चुका है, जबकि तीसरे चरण के लिए आज वोटिंग जारी है. वहीं चौथे और आखिरी चरण के लिए 29 अप्रैल (गुरुवार) को मतदान होगा. जिसके बाद सभी 75 जिलों के लिए एक साथ 2 मई को मतगणना होगी.
इससे पहले 19 अप्रैल को लखनऊ से समेत जिलों में मतदान हुआ था. राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट के अनुसार द्वितीय चरण में ओवरऑल 71 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. इस दौरान सबसे ज्यादा मतदान 80.95 फीसदी ललितपुर जिले में हुआ जबकि सबसे कम प्रतापढ़ में 60.06 फीसदी मत पड़े थे. वहीं राजधानी लखनऊ में 72 फीसदी मतदान हुआ था.
यह भी पढ़ें-सिद्धू ने हटाया कांग्रेस का नाम, फिर से साधा कैप्टन पर निशाना, गुरु की अगली चाल पर सबकी नजर
लगातार उठ रही चुनाव स्थगित करने की मांग
कोरोना के खौफ के बीच हो रहे इन चुनावों को डलाने की लगातार मांग होती रही है. उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखकर चुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी. शिक्षक संघ ने कहा था कि मुख्यमंत्री जी स्वयं आप, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई मंत्री कोरोना से पीड़ित हैैं. सैकड़ों लोगों की रोज जान जा रही है. चुनाव में जिन कर्मियों की ड्यूटी लग रही है उनमें से कई संक्रमित हैं ऐसे में चुनाव स्थगित किए जाने चाहिए, लेकिन शायद सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों के लिए लोगों की जान से ज्यादा चुनाव जरूरी है.