Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कोरोना से बिगड़े हालात को देखते हुए जन अनुशासन पखवाड़े के तहत वीकेंड कर्फ्यू जारी है. कोविड-19 की एडवाजरी के तहत वैवाहिक आयोजन में अधिकतम लोगों की संख्या 50 अनुमति की गई है. लेकिन, चौरासी विधायक राजकुमार रोत की शादी के आयोजन में रविवार को इन नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ीं. कुशालमगरी क्षेत्र में बारात लेकर पहुंचे विधायक राजकुमार रोत के वैवाहिक आयोजन में बड़ी संख्या में जहां लोग एकत्रित हुए. वहीं, ताजूब्ब की बात यह रही कि एक दिन पूर्व तक एक-एक विवाह स्थल घुमकर जुर्माना राशि वसूल कर सख्त हिदायत देने वाला डूंगरपुर जिला प्रशासन कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आया.
बसों-जीपों में भरकर आए बाराती, निकाली बिंदोली
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के चौरासी विधायक राजकुमार रोत की बारात रविवार सुबह पाडली सांसरपुर गांव से दो गाडिय़ों में रवाना हुई और यह डूंगरपुर शहर से सटे कुशालमगरी गांव पहुंची. औद्योगिक क्षेत्र मोड़ पर बारात उतरी और फिर दूल्हे बने विधायक राजकुमार रोत घोड़ी पर चढ़े. यहां दो घोडिय़ों की व्यवस्था कर रखी थी. इसमें से एक पर विधायक बैठे, तो वहीं दूसरी घोड़ी पीछे चल रही थी. बैण्ड-बाजों इस दौरान आगे पीछे बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. विधायक की शादी में आदिवासी परंपरा के अनुसार ढोल मंजीरे और परंपरागत वाद्ययंत्र बजाए गए. इस दौरान कई लोगों के मुंह पर मास्क भी लगा हुआ नहीं था.
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आदिवासी रीति-रिवाज से हुआ विवाह
विधायक की बारात दुल्हन के घर के नजदीक पंहुची तो यहां दुल्हन परिवार के लोगों ने आदिवासी परम्परा अनुसार स्वागत किया. इसके बाद फूलों की बारिश से स्वागत करते हुए दूल्हे विधायक सहित बारात को एक घर पर उतारा. यहां सामाजिक रस्में हुई. शादी के लिए यहां दो बड़े-बड़े पाण्डाल सजाए हुए थे. भोजन के लिए भी बहुत बड़ा पांडाल बनाया था. जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी
डूंगरपुर प्रशासन का ‘डंडा’ सिर्फ आम जनता पर !
सोशल मीडिया पर राजकुमार रोत वैवाहिक आयोजन के वीडियो और फोटोग्राफ वायरल होते ही जमकर लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई. वैवाहिक आयोजनों की गाइड-लाइन की पालना के लिए सरकार के निर्देश पर डूंगरपुर जिला प्रशासन गत कई दिनों से काफी सख्त कदम उठा रहा था. यहां तक की शनिवार को स्वयं जिला कलक्टर अपने पूरे लवाजमे के साथ पूरे शहर में भ्रमण को निकले तथा हर शादी मण्डप में पहुंच कर सख्त हिदायतें भी दी. वहीं, एक विवाह स्थल पर अधिक लोग मिलने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए एफआईआर तक दर्ज करवाने के निर्देश दिए. लेकिन, रविवार को विधायक की शादी में प्रशासन की मूकदर्शिता सोशल मीडिया पर छाई रही. लोगों का कहना रहा कि नियम-कायदे सिर्फ आमजन के लिए ही हैं.
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गहलोत सरकार के ‘सियासी संकट’ के दौरान दिया था समर्थन
बता दें कि राजकुमार रोत डूंगरपुर के चौरासी से बीपीटी से विधायक हैं और गहलोत सरकार पर पिछले साल आए सियासी संकट के दौरान सरकार के साथ खड़े दिखे थे. उस समय बागीदौरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह आरोप लगा रहे थे कि डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा और चौरासी सीट से जीते भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने दो मौकों पर 5-5 करोड़ रुपए लिए है. यह वीडियो पंचायत राज चुनाव के दौरान एक सभा का था. सियासी संकट के दौरान चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने भी वीडियो जारी किया था. जिसमें उन्होंने अपहरण करने जैसी बात कही थी और बाद में बीटीपी के दोनों विधायकों ने सरकार को समर्थन भी दिया था.