पॉलिटॉक्स न्यूज़/दिल्ली. सोमवार को संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत जबरदस्त हंगामे के साथ हुई. लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों के अंदर दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर जमकर हंगामा मचाया. लोकसभा में कुछ सांसद बैनर लेकर वेल तक पहुंच गए. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस सांसदों में धक्का-मुक्की भी हुई. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
ओम बिरला की कड़ी प्रतिक्रिया
सोमवार को शुरू हुई लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही हंगामे के चलते 4 बार स्थगित हुई. लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होने से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दुखी नजर आए. सोमवार को अन्तिम बार 4.40 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने दुखी मन से कहा कि, “सदन में जो हुआ उससे मैं व्यक्तिगत रूप से दुखी हूं. मैं ऐसी परिस्थिति में सदन संचालित करना नहीं चाहता.” बिरला ने आगे कहा, “संसद की परंपरा, नियम और मर्यादा बनाए रखें, सदन सबका है, ऐसे में आपसी सहमति से विचार करना जरूरी है. सदन की मर्यादा हमेशा के लिए बन जाए ताकि हम देश को दिशा दे सकें. भारत का लोकतंत्र मजबूत होना चाहिए.” इसके साथ ही ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया पलटवार
बता दें, सोमवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने दिल्ली हिंसा को लेकर गृहमन्त्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग के साथ हंगामा किया. लोकसभा में प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे भी लगे. इस दौरान विपक्ष के कुछ सांसद बैनर लेकर वेल तक पहुंच गए. इस पर विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जिनके कार्यकाल में 1984 जैसी घटना हुई वो आज यहां पर हंगामा कर रहे हैं. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.
कांग्रेस और बीजेपी सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की
यही नहीं लोकसभा में तो बीजेपी और कांग्रेस के सांसदों में धक्का-मुक्की तक हुई. ये भिड़ंत तब हुई जब कांग्रेस सांसद ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के बैनर के साथ ट्रेजरी बेंच तक जाने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी और कुछ और बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस पर हंगामा बढ़ता देख लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी सांसदों में भिड़ंत जारी रही. ये करीब 10 मिनट तक चलता रहा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने मामला सुलझाने का प्रयास भी किया.
दौसा सांसद जसकौर मीणा के खिलाफ कार्रवाई की मांग
गौरतलब है कि लोकसभा में जिस वक्त ये सब कुछ हंगामा हो रहा था, उस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी समेत वहां मौजूद तमाम वरिष्ठ सांसद पूरी घटना को देख रहे थे. वहीं केरल से कांग्रेस की सांसद राम्या हरिदास ने दौसा से बीजेपी सांसद जसकौर मीणा पर गंभीर आरोप लगाए. महिला सांसद राम्या हरीदास ने कहा कि जसकौर मीणा ने उनके साथ मारपीट की. सांसद राम्या हरिदास ने इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को खत भी लिखा है. उन्होंने लिखा कि 2 मार्च को 3 बजे लोकसभा के अंदर जसकौर मीणा ने मेरे साथ मारपीट की. ये मेरे साथ फिर से इस वजह से हुआ क्योंकि मैं एक दलित हूं और महिला हूं. अध्यक्ष महोदय मैं आपसे मांग करती हूं कि आप जसकौर मीणा के खिलाफ कार्रवाई करें.
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गुलाम नबी ने उठाया राज्यसभा में मुद्दा
वहीं, कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि हम दिल्ली हिंसा पर संसद में बहस चाहते हैं. इससे बड़ा इस समय कोई मुद्दा नहीं है. केंद्र सरकार दिल्ली में शांति लाना नहीं चाहती थी. शांति वापसी को लेकर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया. पुलिस दर्शक बनी रही.
संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने भी हुआ प्रदर्शन
विपक्ष के सांसदों ने संसद परिसर में भी दिल्ली हिंसा को लेकर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी समेत कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा. कांग्रेस के अलावा, आम आदमी पार्टी और टीएमसी के सांसदों ने भी गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया.
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