यूपी विधानसभा चुनाव: बीजेपी के साथियों का ‘दिल मांगे मोर’, अपनों ने बढ़ाई नड्डा-योगी की टेंशन

यूपी में चुनाव की आहट के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज, सभी पार्टियों ने खोलने शुरू किए पत्ते, अपनों को मनाने में जुटे बीजेपी, सपा और बसपा, बसपा ने अकेले चुनावी रण में उतरने का किया ऐलान तो AIMIM भी 100 सीटों में प्रत्याशी उतारने की तैयारी में, नीतीश कुमार और रामदास अठावले ने बढ़ाई बीजेपी हाईकमान की धड़कनें. दोनों ही पार्टियों ने अपनी बात, तो निषाद पार्टी और अपना दल भी रख चुके हैं अपने मन की बात, आने वाले दिनों में और दिलचस्प होगा चुनावी माहौल

यूपी में बीजेपी के साथियों का दिल मांगे मोर
यूपी में बीजेपी के साथियों का दिल मांगे मोर

Politalks.News/UttarPradesh. अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी में सभी राजनीतिक पार्ट‍ियां जुट गई हैं. चुनाव से पहले कौन दल किसके साथ और कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इसको लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जहां यूपी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी चुनाव में अकेले उतराने का ऐलान किया है. ऐसे में एनडीए के सहयोगी दल भी यूपी में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू जहां 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है. उधर, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्‍यक्ष रामदास अठावले ने बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है और यूपी चुनाव में सात से आठ सीटों की मांग की है. ऐसे में बीजेपी के लिए आने वाले दिनों में अपने सहयोगियों को मनाना भी एक चुनौती होगा. हालही में पार्टी ने यूपी सरकार में अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी और दूसरी सहयोगी अपना दल (एस) को भी मनाया था.
जेडीयू यूपी में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में
जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि अभी यूपी का पूरा काम केसी त्यागी देख रहे हैं. पार्टी की एक्टिविटी वहां चल रही है. कुशवाहा ने कहा कि जब चुनाव आएगा तो हम तय करेंगे कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है. कब और कैसे चुनाव लड़ा जाएगा ये आने वाले दिनों में तय होगा. उन्‍होंने कहा कि हम अधिक से अधिक सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को उतरना चाहते हैं. अभी तक 200 सीटों चुनाव लड़ने की तैयारी है. लेकिन अंतिम फैसला चुनाव के समय होगा. वहीं चुनाव को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच बात भी चल रही है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की, इस बातचीत के बाद केसी त्यागी ने कहा- ‘अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी से बात नहीं बनती तो हम अकेले भी चुनाव में उतर सकते हैं. उत्तर प्रदेश में हम पहले भी एनडीए का हिस्सा रहे हैं. 2017 के चुनाव में भी हम पूरी तरह से तैयार थे. लेकिन पार्टी में सर्वसहमति के बाद हमने चुनाव न लड़ने का फैसला किया था. जेडीयू के इस फैसले से एनडीए और खासकर बीजेपी को फायदा हुआ था.’

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केसी त्यागी ने कहा कि- ‘यूपी में भी नीतीश कुमार की पिछड़े समाज में पॉपुलैरिटी का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन हमारी पार्टी ने अब विस्तार का फैसला किया है, अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी से बात नहीं बनती है तो हम चुनाव में अकेले भी उतर सकते हैं.’ केसी त्यागी ने बताया कि- ‘बिहार में एनडीए का हिस्सा रहते हुए हम पहले भी पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों में बीजेपी से अलग रहकर चुनाव लड़ चुके हैं.’
क्‍या है रामदास अठावले का कहना
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्‍यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने यूपी चुनाव में गठबंधन को लेकर कहा है कि मैंने बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से मुलाक़ात की है. हमने बीजेपी में 8-10 सीट मांगी हैं और बीजेपी को इससे फ़ायदा होगा. हमने प्रस्ताव रखा है इस पर बीजेपी ज़रूर विचार करेगी.

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अपना दल और निषाद पार्टी पहले ही रख चुके ‘मन की बात’
अपना दल की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मिर्जापुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और बस्ती 4 सीटो की मांग की गई थी. बीजेपी की तरफ से 2 सीटे देने की बात कही गई. इसके साथ साथ विधानसभा चुनावों में भी पिछले से ज़्यादा सीट देने की मांग की गई है. पिछले चुनावों में अपना दल विधानसभा में 11 सीट पर चुनाव लड़ी थी जिनमें से 9 सीटें जीत कर आई थी.

दूसरी तरफ निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष डॉ. संजय निषाद ने 2022 में बीजेपी से डिप्टी सीएम की मांग रखी है और भदोही में संजय निषाद ने कहा- 2022 के चुनाव को लेकर पार्टी बूथ स्तर पर तैयारी कर रही है. 160 सीटों पर हम मजबूत हैं यहां बड़ी संख्या में निषादों के वोट हैं. सरकार से उन्होंने निषादों के आरक्षण संबंधी जो मांगे हैं, उनको पूरा करने की मांग की है. संजय निषाद ने कहा कि भाजपा निषादों को जितना खुश रखेगी, उतनी ज्यादा सीटें जीतेगी. हालांकि बताया जा रहा है कि बीजेपी ने अपने दोनों ही सहयोगी दलों को मना लिया है.

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