6 महीने पहले से अंदेशा होने के बावजूद शिंदे की बगावत रोकने में नाकाम रहे ठाकरे- पवार का बड़ा दावा

शिवसेना में दो-फाड़ होने के करीब आठ महीने बाद एमवीए सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार ने दावा किया कि शिवसेना में बगावत को लेकर उद्धव ठाकरे को दी गई थी चेतावनी, उद्धव ने कहा कि उनकी जानकारी में है सब, कर लेंगे सेटल, जब 15-16 विधायकों के गुट ने पहली बार शिवसेना छोड़ी तो शीर्ष नेतृत्व को सतर्क हो जाना चाहिए था

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Ajit Pawar on Uddhav Thackeray. बीते साल एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने और बीजेपी गठबंधन की नई सरकार के गठन के करीब आठ महीने बाद एनसीपी नेता अजीत पवार ने बड़ा दावा किया है. पवार ने दावा किया कि शिवसेना में बगावत को लेकर उद्धव ठाकरे को चेतावनी देने के बावजूद उद्धव ठाकरे इस बगावत को रोक नहीं सके थे. बता दें कि अजीत पवार एमवीए गठबंधन वाली ठाकरे सरकार के दौरान उपमुख्यमंत्री रहे थे. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन की महाविकास अघाड़ी सरकार चल रही थी. बीते साल शिवसेना के एक गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दी थी.

आपको बता दें कि शिवसेना में हुई दो फाड़ के लगभग आठ महीने के बाद अजीत पवार ने दावा करते हुए बताया कि उन्हें करीब छह महीने पहले ही यह अंदेशा हो गया था कि शिवसेना में कुछ खिचड़ी पक रही है. अजित पवार के मुताबिक जून 2022 में चीजें शुरू हो गई थीं. यही नहीं पवार ने यहां तक कहा कि अंदेशा होने पर मैंने खुद उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे के बारे में आगाह किया था. इस पर उद्धव ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी है और वह शिंदे से इस बारे में बात करेंगे. अजित पवार ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने मुझे आश्वस्त भी किया था कि मामला पूरी तरह से सुलट जाएगा. बता दें कि बाद में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के एक गुट के साथ बगावत कर दी थी. इसके बाद शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली और एमवीए सरकार गिरा दी.

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एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि जब 15-16 विधायकों के गुट ने पहली बार शिवसेना छोड़ी तो शीर्ष नेतृत्व को सतर्क हो जाना चाहिए था. पार्टी को चाहिए था कि हालात को ध्यान में रखते हुए जरूरी उपाय करती, लेकिन ऐसा कुछ किया ही नहीं गया. पवार के मुताबिक इसके विपरीत में मीडिया की खबरों में जो बात झलक रही थी, उससे लग रहा था कि जो पार्टी छोड़कर जाना चाहे जा सकता है. अजित पवार ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर आंखें बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए था. पवार ने कहा कि मेरी समझ में नहीं आता कि आखिर शिवसेना नेतृत्व ने ऐसा होने कैसे दिया.

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