संविदा कार्मिकों को लॉकडाउन की अवधि का भुगतान करने सहित मुख्यमंत्री गहलोत के तीन बड़े फैसले

जिला मुख्यालयों पर खोले जाने वाले इंदिरा महिला शक्ति केन्द्रों के लिए प्रथम चरण में चालू वित्तीय वर्ष में बजट मद में उपलब्ध 6 करोड़ 67 लाख रुपए व्यय करने की मंजूरी, राजस्थान विधानसभा के भूतपूर्व सदस्य एवं कुटुम्ब पेंशनर नियम 2010 के नियम 11 (3) के प्रावधानों में शिथिलता

CM Ashok Gehlot's Big Decisions (File Photo)
CM Ashok Gehlot's Big Decisions (File Photo)

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के अलग-अलग वर्गों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को तीन बड़े फैसलों पर मुहर लगा दी है. कोरोनाकाल की त्रासदी के बीच संवेदनशील निर्णय लेते हुए सीएम गहलोत ने प्रदेश में विभिन्न विभागों, राजकीय उपक्रमों आदि में कार्यरत संविदा कार्मिकों, आकस्मिक स्त्रोतों के माध्यम से नियुक्त कार्मिकों को अप्रैल 2021 में लागू किए गए राज्यव्यापी लॉकडाउन की अवधि के वेतन अथवा पारिश्रमिक का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के मद्देनजर संविदा कार्मिकों को आर्थिक सबल देने के लिए यह संवेदनशील निर्णय लिया है. दरअसल बड़ी संख्या में संविदा कार्मिकों के लॉकडाउन एवं अन्य प्रतिबंधों के चलते कार्यस्थलों पर उपस्थित नहीं हो सकने के कारण इस अवधि के लिए उनके वेतन या पारिश्रमिक आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा है. अब उक्त कार्मिकों को वेतन का भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले से बड़ी संख्या में संविदा कार्मिकों, आकस्मिक एवं अन्य स्त्रोतों द्वारा नियुक्त कार्मिकों को पारिश्रमिक भुगतान का लाभ मिल सकेगा. गौरतलब है कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन प्रतिबंधों की स्थिति में भी संविदा कार्मिकों को उक्त अवधि के लिए वेतन का भुगतान किया गया था.

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वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरा बड़ा निर्णय लेते हुए जिला मुख्यालयों पर खोले जाने वाले इंदिरा महिला शक्ति केन्द्रों के लिए प्रथम चरण में चालू वित्तीय वर्ष में बजट मद में उपलब्ध 6 करोड़ 67 लाख रुपए व्यय करने की मंजूरी दे दी है. इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था. आपको बता दें, वर्ष 2021-22 के बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में इंदिरा महिला शक्ति केन्द्र खोलने की घोषणा की थी. ये केन्द्र पूरे जिले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए एक मार्गदर्शक साथी की भूमिका निभाएंगे.

इन इंदिरा महिला शक्ति केंद्रों पर बालिकाओं व महिलाओं को उनकी जरूरत के अनुसार जानकारी एवं मार्गदर्शन मिलेगा. हर उम्र वर्ग की बालिकाओं एवं महिलाओं को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक समस्याओं को सुनने की सुविधा होगी. कानून विशेषज्ञों द्वारा निःशुल्क परामर्श एवं सहायता प्रदान की जाएगी तथा महिलाओं एवं बालिकाओं से संबंधित कार्यक्रमों व योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.

इसके अलावा महिलाओं एवं बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण व्यक्तित्व विकास के लिए प्रशिक्षण व आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी मिल सकेगा. इंदिरा महिला शक्ति केन्द्र जिला मुख्यालय पर वन स्टॉप सेंटर के साथ या कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक सहायक/निदेशक कार्यालय अथवा महिला अधिकारिता कार्यालय परिसर में स्थापित किए जाएंगे.

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे निर्णय में राजस्थान विधानसभा के भूतपूर्व सदस्य एवं कुटुम्ब पेंशनर नियम 2010 के नियम 11 (3) के प्रावधानों में शिथिलता देते हुए विधानसभा के पूर्व सदस्यों को 29 अप्रैल से 31 जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए बिना अनुपलब्धता प्रमाण पत्र के निजी मेडिकल स्टोर्स से दवाइयां क्रय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

आपको बता दें, 29 अप्रैल को जारी वित्त विभाग के आदेशों के तहत कोविड-19 महामारी में राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायती योजना में शिथिलन देते हुए 31 जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए बिना एनएसी के निजी दुकानों से दवा खरीदने की अनुमति दी गई थी. वित्त विभाग ने 27 मई 2021 को राजस्थान सिविल सेवा नियम 2013 में शिथिलन हेतु आदेश जारी किए गए थे, जिसमें राज्य कर्मचारियों को छूट दी गई थी. दोनों छूट विधानसभा के पूर्व सदस्यों पर लागू नहीं होती है. अतः यह शिथिलन दिया गया है.

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