Politalks.News/CoronaThirdWave. कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर का मुकाबला कर चुका भारत ने अब सम्भावित तीसरी लहर से मुकाबले के लिए तैयारी कर ली है. कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक हाईलेवल बैठक बुलाई है. खबर है कि बैठक में पीएम मोदी तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारियों का ब्यौरा ले सकते हैं. मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय, कैबिनेट सचिव और नीति आयोग शामिल हो सकते हैं. वहीं दूसरी लहर के दौरान हुई अव्यवस्थाओं से सबक ले चुकी राजस्थान सरकार ने अब तीसरी लहर के मद्देनजर पहली बार राजस्थान के हर अस्पताल की प्रोफाइल बनाई जा रही है. खास बात यह है कि इस प्रोफाइल में सरकारी-प्राइवेट हर अस्पतालों को छोटी से छोटी जानकारियां साझा करनी होगी.
आपको बता दें, हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कोविड-19 की तीसरी लहर की सितंबर-अक्टूबर तक आने की आशंका जताई गई थी. इसी के चलते आज दोपहर 3:30 बजे पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा और तैयारियों की समीक्षा की जा सकती है. बीती जुलाई में ही पीएम मोदी के कैबिनेट में बड़ा बदलाव हुआ था. उस दौरान स्वास्थ्य समेत कई बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारियां बदली गई थी. इस लिहाज से भी यह बैठक अहम मानी जा रही है. जानकार पहले ही इस बात को लेकर चिंता जता चुके हैं कि तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती है.
यह भी पढ़ें- अगस्त के साथ ही कांग्रेस की कलह का भी होगा अंत! सितंबर में बदल जाएगा सत्ता-संगठन का नजारा
वहीं इधर राजस्थान में पिछली बार कोरोना की दूसरी लहर के समय अव्यवस्थाओं के कारण कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गई थीं. अब तीसरी लहर के मद्देनजर पहली बार मरुधरा के हर अस्पताल की प्रोफाइल बनाई जा रही है. खास बात यह है कि इस प्रोफाइल में अस्पतालों को छोटी से छोटी जानकारियां साझा करनी होगी. एक ओर जहां मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी स्तर पर बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों और स्टाफ की जानकारी तो देनी ही होगी, वहीं सफाई ठेकेदार, इलेक्ट्रीशियन, फायर इंचार्च और यहां तक की प्लंबर की जानकारियां भी प्रोफाइल में समाहित की जाएगी. आपको बता दें, स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को प्रोफाइल बनाने के बाद 25 अगस्त तक उसे मुख्यालय भेजने के आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि इस प्रोफाइल में सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों की बड़ी से लेकर छोटी से छोटी जानकारी शामिल करनी होगी.
देनी होगी यह सभी जानकारी
हर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल, जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी प्रोफाइल में कुल बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड की जानकारी के साथ ही पीकू, नीकू और एसएनसीयू बेड की पूरी जानकारी देनी होगी. एलएमओ, पीएसए प्लांट्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर, ऑक्सीजन पाइपलाइन बेड, ऑक्सीजन फिलिंग सुविधा, ऑक्सीजन टैंकर फैसिलिटी, यूनिट के मोबाइल नंबर,सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की जानकारी, बेस एम्बुलेंस,104-108 एम्बुलेंस, क्रिटिकल एम्बुलेंस, प्राइवेट एम्बुलेंस, वेंटीलेटर, पीडियाट्रीक वेंटीलेटर, रेडिएंट वार्मर की सूचना शामिल करनी होगी. इसके अलावा रेमेडिसिविर, टोसिजुमाब समेत अन्य उपलब्ध इंजेक्शनों और सभी दवाइयों तथा डायग्नोस्टिक टेस्ट के बारे में भी बताना होगा.
यह भी पढ़ें: जादूगर के गढ़ मारवाड़ में पायलट का शक्ति प्रदर्शन, सूर्यनगरी से बाड़मेर तक उमड़ा जनसैलाब
यही नहीं अस्पताल के सभी नर्सिंग सुपरीडेंट, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन, रेडियोग्राफर, ऑक्सीजन सिलेंडर फिलिंग स्टेशन के मोबाइल नंबर, सभी चिकित्सकों, सभी एम्बुलेंस ड्राइवर्स ,पीएसए प्लांट इंचार्ज, टेक्निशियन, नर्सिंग डिपार्टमेंट, ड्रग स्टोर डिपार्टमेंट, इक्विपमेंट इंचार्ज, लैबोरेटरी इंचार्ज, फायर इंचार्ज, सफाई ठेकेदार, इलेक्ट्रीशियन और यहां तक की प्लंबर के भी नाम और मोबाइल नंबर मांगे गए हैं.
दरअसल, भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से एक एक्सपर्ट पैनल गठित की गई थी, जिसने सितंबर और अक्टूबर के बीच में तीसरी लहर की दस्तक का अुनमान लगाया था. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाज्स्टर मैनेजमेंट (NIDM) की तैयार की हुई एक्सपर्ट्स कमेटी ने यह भी कहा कि वयस्कों की तरह बच्चे भी समान जोखिम में होंगे. क्योंकि अगर बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो जाते हैं, तो डॉक्टर, वेंटिलेटर्स, एम्बुलेंस आदि जैसी सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं.