इन किसानों ने दिया बिल को समर्थन, कानून वापस लेने पर उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी

ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने तोमर से किसान कानूनों के समर्थन में की मुलाकात, कहा सरकार ने कानून वापस लिए तो होगा उग्र प्रदर्शन, सरकार फैला रही है भ्रम, रातों रात खड़े किये भाजपा समर्थित संगठन-किसान नेता किसान संगठनों के अनुसार कल बुलाया गया अनशन रहा सफल, अन्ना हजारे ने तोमर पर लगाए स्वामीनाथन आयोग की शिफारिशें लागू नहीं करने का आरोप, अगर किसानों को कुछ कहा तो राज्यों के पुलिस थानों में बांधे जाएंगे पशु- टिकैत

These farmers supported the bill, warned of furious performance on withdrawal of the law
These farmers supported the bill, warned of furious performance on withdrawal of the law

Politalks.News/Delhi. कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 20वां दिन है. देश भर के किसान कड़कड़ाती ठण्ड के बीच अपनी मांगो को लेकर दिल्ली की बॉर्डर पर बैठे हैं. किसान संगठनों के अनुसार कल बुलाया गया अनशन सफल रहा और देश भर की जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं केंद्र ने सख्त रवैया अपनाते हुए साफ़ कहा, कि तीनों कानून वापस नहीं होंगे. इसी बीच देश भर के कई किसान संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और बिल को न सिर्फ अपना समर्थन दिया, बल्कि यहाँ तक कहा कि अगर सरकार अगर तीनों बिल वापस लेगी तो हम आंदोलन करेंगे. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य शिव कुमार कक्का ने किसान संगठनों की सरकार से मुलाक़ात पर कहा, कि सरकार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है . वहीं अन्ना हजारे ने भी सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानी तो वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.

कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच स्थिति साफ़ होने के बजाय और बिगड़ती जा रही है. ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के देश के विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से किसान कानूनों के समर्थन में मुलाकात की. बैठक के बाद किसान संगठनों ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं, अगर सरकार इन कानूनों को वापस लेती है तो हम सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे. वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा, सभी पदाधिकारियों ने पत्र देकर कृषि सुधार बिलों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वो लंबे समय से ऐसे बिल के लिए संघर्ष कर रहे थे, मोदी सरकार ने ये नेक काम देश के किसानों के हित में किया है, हम इस बिल का स्वागत करते हैं, मैं सभी का हृदय से धन्यवाद देता हूं. जिसके बाद किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकार भ्रम फैलाने का काम कर रही है.

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सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्य शिव कुमार कक्का ने कहा, कि मोदी सरकार देश में भ्रम फैलाने का काम कर रही है. सरकार ने रातों रत कई संगठन खड़े कर दिए, जिनका कभी नाम तक नहीं सुना. इन तीनों कानूनों का समर्थन करने वाले संगठन भाजपा समर्थक है. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि हम बातचीत से इसका समाधान चाहते हैं, यहां से किसान वापस नहीं जाएगा, अगर पुलिस प्रशासन ने हमारी ट्रॉलियों को रोका तो ऊपर का रास्ता जाम करेंगे और हमें कुछ कहा तो गांवों में, थानों में पशु बाधेंगे.

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किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे भी सामने आ चुके है और उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर पर स्वामीनाथन आयोग की शिफारिशें लागू नहीं करने का आरोप लगाया. अन्ना ने कहा अगर सरकार किसानों की मांगे नहीं मानेगी तो मैं आमरण अनशन पर बैठ जाऊँगा वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ANI को दिए अपने इंटरव्यू में साफ़ कहा कि मुझे नहीं लगता कि अन्ना हज़ारे किसान आंदोलन से जुडेंगे, क्योंकि हमने किसानों का कोई अहित नहीं किया.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा किसानों को ​तीनों कानूनों पर चर्चा करनी चाहिए, हमारे कृषि मंत्री इसके लिए तैयार हैं. कुछ तत्व ऐसे हैं, जो इस आंदोलन का फायदा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. गडकरी ने आगे कहा राजनीतिक नेताओं का राजनीति करने का अधिकार है सही बात राजनीतिक पार्टियां बताएं, किसान संगठन या किसान बताएं, हम वो बदलाव करने के लिए तैयार हैं. इस विषय को सब राजनीति से दूर रखेंगे तो किसानों की भलाई होगी. गडकरी ने कहा हमारी सरकार गांव, गरीब, मज़दूर, किसान के हितों के ​लिए समर्पित है, जो भी नए सुझाव वो(किसान) देंगे उसे स्वीकारने के लिए तैयार है हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा

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