Politalks.News/Delhi. बंगाल चुनाव की गहमागहमी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एलान से राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी तेज हो चली है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. इससे पहले आम आदमी पार्टी उत्तराखंड चुनाव में भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. दिल्ली में लगातार तीन बार सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली के बाहर भी अपने पैर पसारने की कोशिश कर रही है लेकिन जितनी बार भी उसने ये कोशिश की उसे मुँह की खानी पड़ी है. हालाँकि दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी को धूल चटा कर ‘आप’ ने सत्ता हासिल की है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी एवं मायावती की बहुजन समाज पार्टी केजरीवाल के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है. क्योंकि सपा और बसपा का अपना अपना वोट बैंक है ऐसे में इनसे पार पाना केजरीवाल के लिए आसान नहीं होगा.
दिल्ली में डिजिटल पत्रकार वार्ता में सीएम केजरीवाल ने कहा- आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. सीएम केजरीवाल ने कहा कि जब दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी मिल रहा है और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती हैं, अच्छे कॉलेज मिल सकते हैं तो ये सब उत्तर प्रदेश में क्यों नही मिल सकता है? केजरीवाल ने सवालिया लहजे में कहा कि उत्तर प्रदेश में इसे कौन रोक रहा है? उन्होंने कहा कि इसे भ्रष्ट नेता और गंदी राजनीति रोक रही है. अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों हमें एक बार मौका दीजिए, मैं विश्वास दिलाता हूं कि उत्तर प्रदेश को भी बेहतर करके दिखा दूंगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीसरी बार AAP की सरकार बनी है जिसके बाद यूपी के रहने वाले कई लोगों ने उनसे कहा कि जो सुविधा दिल्ली के लोगों को मिल रही है, वो यूपी के लोगों को भी मिलनी चाहिए. केजरीवाल ने यूपी के लोगों से अपील करते हुए कहा कि AAP को एक मौका दीजिए, आप बाकी दलों को भूल जाएंगे.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी यूपी में पंचायत चुनाव भी लड़ेगी. इतना ही नहीं, चुनाव को गंभीरता से लेते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को इन चुनावों का पर्यवेक्षक घोषित किया है. उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आप पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं दिग्गज नेता संजय सिंह काफी लम्बे समय से यूपी की राजनीति में सक्रीय है. कई मौकों पर संजय सिंह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजनीतिक हमले कर चुके है. हाल ही में कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन कर रही आप पार्टी के अनशन के दौरान सीएम योगी को शाकाल की संज्ञा दी थी. संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना कहा था कि केजरीवाल ने उन्हें ‘शाकाल’ से लड़ने के लिए यूपी भेजा है जहां ‘शाकाल’ ने उनपर 14 मुकदमे डाल दिए हैं.
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आम आदमी पार्टी पहले भी जब दिल्ली से बाहर निकल कर चुनाव लड़ने की तैयारी की तब तब उसे हार मिली पंजाब, हरियाणा , गोवा में पार्टी को असफलता हाथ लगी जिसे मद्देनजर रखते हुए पार्टी ने केवल दिल्ली में अपना ध्यान केंद्रित रखने की बात कही थी. लेकिन केजरीवाल के मिशन यूपी के एलान ने सभी को अचंभित कर दिया है. हालाँकि यूपी विधानसभा चुनाव में आप पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा ये कहा तो नहीं जा सकता लेकिन यूपी की मुख्य पार्टियों को अपनी राजनीतिक रणनीतियों पर पुनः विचार करने पर मजबूर कर दिया है.
अगर वर्तमान विधानसभा सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में 312 सीटों पर बीजेपी,49 सीटों पर समाजवादी पार्टी 18 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी वहीं कांग्रेस को महज 7 सीटों पर जीत मिली थी तो वहीं 16 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था