Politalks.News/UttrakhandAssemblyElection. उत्तराखंड में चुनावी शोर थम गया है. प्रदेश में एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा. प्रचार का शोर थमने से पहले भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी. आम आदमी पार्टी भी पूरी जान लड़ा रही है. अब चुनाव प्रचार थमने के बाद डोर-टू-डोर कैंपेन पर जोर रहेगा. दूसरी तरफ बात करें मतदान की तैयारी की तो बर्फबारी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि करीब 1000 से ज्यादा बूथों पर बर्फबारी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. वहीं चुनाव को देखते हुए 72 घंटे पहले ही सीमा को सील कर दिया गया है.
81 लाख 72 हजार 173 मतदाता चुनेंगे अपनी सरकार
उत्तराखंड में अगले पांच साल के लिए चुनाव का दिन आ गया है . 14 फरवरी को एक फेज में पूरे प्रदेश में मतदान होना है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार इस बार 81 लाख 72 हजार 173 मतदाता अपनी सरकार चुनेंगे. इसके लिए प्रदेशभर में कुल 11,647 मतदान बूथ बनाए गए हैं. जिनमें 24 बूथ ऐसे हैं जो कि सर्दियों में पलायन करने वालों के लिए बनाए गए हैं. मतदान के लिए उत्तराखंड को 276 जोन में बांटा गया है, जिनमें 1447 सेक्टर हैं. चुनाव आयोग ने प्रदेश में इस बार 156 मॉडल बूथ बनाए हैं, जिन पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इन 156 में से सर्वाधिक 24 बूथ हरिद्वार जिले में हैं.
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5860 बूथों से होगी वेब कास्टिंग, बनाए गए 101 सखी बूथ
चुनाव के लिए हाईटेक इंतजाम करते हुए 5860 बूथों पर वेब कास्टिंग के इंतजाम भी किए गए हैं. प्रदेश में इस बार 101 सखी बूथ बनाए गए हैं, जिन पर पोलिंग का पूरा स्टाफ महिलाएं होंगी. इनमें सबसे ज्यादा हरिद्वार में 19, देहरादून के 18 बूथ शामिल हैं. इसके अलावा प्रदेश में इस बार छह दिव्यांग बूथ भी बनाए गए हैं. जिनमें से देहरादून और हरिद्वार में दो-दो, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में एक-एक बूथ शामिल हैं.
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भारत-नेपाल सीमा की गई सील
चंपावत जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में 14 फरवरी को संपन्न होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा को सील किया गया था. इस दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था के मद्देनजर मतदान से पूर्व, मतदान की समाप्ति तक जिले से लगने वाली भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा को 72 घंटे के लिए सील किया गया.