राजस्थान का उदयपुर शहर एक बार फिर से सुर्खियों में है. उदयपुर शहर एक बार फिर से संवेदनशील स्थिति में आ गया है. उदयपुर प्रशासन को साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का पूरी संभावना लग रही है. इसी वजह से उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एक बड़ा निर्णय लिया है कि अब कोई भी किसी भी सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक झंडे नहीं लगाएगा. बड़ी बात यह है कि यह आदेश कुछ दिनों के लिए नहीं बल्कि आगामी 2 माह तक लागू रहेगा. कलेक्टर के द्वारा आदेश जारी करने के बाद पुलिस ने धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है. हनुमान जयंती के दिन जारी हुए इस आदेश से प्रदेश का राजनीतिक पारा भी गर्मा गया है. इस आदेश को लेकर आज केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिंदुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है.
झील नगरी उदयपुर में धार्मिक झंडे लगाने को लेकर कलेक्टर के आदेश पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. मंत्री शेखावत ने कहा कि हिंदुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है. ये भगवा ध्वज के विरोधी हैं.
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मंत्री शेखावत ने कहा कि अब उदयपुर में धार्मिक ध्वज लगाने के लिए प्रशासन से आज्ञा लेनी होगी. क्रोनोलॉजी समझिए कि बागेश्वर धाम की धर्मसभा के बाद यह निषेधाज्ञा जारी हुई है, यानी विशेष तौर पर यह आदेश भगवा ध्वजों के लिए है. हिंदुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए मंत्री शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत के वादों पर अब किसी को भरोसा नहीं रहा है. कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष कह रहे हैं, भर्ती परीक्षाओं को नि:शुल्क करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं है. मतलब सरकार ने शुल्क में छूट के बहाने से भर्तियां लटकाने का नया तरीका ढूंढ लिया है कि निर्देश ही न भेजो, प्रक्रिया स्वतः अटक जाएगी.