देश में शंख से कहीं ज्यादा सुनाई देती है अजान, अछूत जाति, व्यक्ति नहीं व्यवस्था होती है- उमेशनाथ महाराज

हम वसुधैव कुटुंबकम का केवल विचार ही नहीं करते, उस पर काम भी करते हैं, जयपुर के जामडोली में केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा भारती के सेवा संगम के उद्घाटन कार्यक्रम में बोले संत उमेशनाथ महाराज, प्रमुख मोहन भागवत के सामने बाल योगी संत उमेशनाथ महाराज का उध्बोधन अब सुर्खियों में

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Speech of Umeshnath Maharaj in headlines: राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम कार्यक्रम की दीप प्रज्वलन कर शुरुआत की. सेवा संगम के उदघाटन सत्र के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत के सामने बाल योगी संत उमेशनाथ महाराज का उध्बोधन सुर्खियों में है. उमेशनाथ महाराज ने कहा कि देश में शंख से कहीं ज्यादा अजान सुनाई देती है. देश में शंख-घंटे-घड़ियाल की आवाजें बंद हो गई है, सुनाई पांच वक्त की अजान दे रही है. वहीं जातीय व्यवस्था को लेकर कहा कि अछूत जाति और व्यक्ति नहीं होती, अछूत व्यवस्था होती है.

राष्ट्रीय सेवा संगम के दौरान बाल योगी संत उमेशनाथ महाराज कहा कि देश में शंख, घंटे-घड़ियाल, नगाड़े की आवाजें बंद हो गई है और ध्वनि विस्तारक यंत्र से पांच समय की नमाज की अजान सुनाई देने लगी. देश में शंख बंद हो गए उसी कारण घुसपैठिए आए, जिन्होंने देश में माहौल खराब किया. देश को हमारे ही लोगों की नजर लगी है. इन लोगों ने देश को बांटने का काम किया है.

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संत उमेशनाथ महाराज ने अपने उध्बोधन में कहा कि पत्रकार की कलम और संतों की वाणी स्वतंत्र होनी चाहिए. आज दादी नानी कहती है कि सुबह पांच बजे अजान हाे गई उठ जाओ, लेकिन मैँ कहता हूं कि वो यह कहें उठ जाओ, शंख घंटे घड़ियाल बज रहे हैं, शंख बजता है तो देश की सब गंदगी दूर हो जाती है, समाज लप्रदूषण मुक्त हो जाता है. शंख बजना बंद क्यों हुआ है, इस बीच में कुछ लोग आए हमारे बीच से ही घुसपैठियों ने ऐसा माहौल खड़ा कर दिया.

संत उमेशनाथ महाराज ने कहा कि वंचित परिवार के लोगों को हम गले लगाएं. जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने निषाद और शबरी को गले लगाया. हम सभी परिवारों में जाकर रोटी तो खा लेते हैं, लेकिन जब तक इस पूरे समाज में रोटी और बेटी का व्यवहार लागू नहीं होगा, तब तक इस राष्ट्र में सामाजिक समरसता बहुत मुश्किल काम है. अछूत जाति और व्यक्ति नहीं होते अछूत व्यवस्था होती है. जिसको सुधारने की कोशिश करनी चाहिए. देश से जाति और ऊंच-नीच की भावना को खत्म नहीं होने की वजह से इस देश में लव-जिहाद आया है. इसी वजह से आज के कॉलेज के बच्चा- बच्ची लव मैरिज करने को तैयार है. इसलिए आज के रूढ़िवादी लोगों को तमाम रूढ़िवादिता को खत्म करके समाज को गले लगाने का काम करना होगा.

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