Politalks.News/CWCMeeting. काफी लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस वर्किंग कमेटी के बैठक हो ही गई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में AICC मुख्यालय पर CWC की बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. साथ ही संगठनात्मक चुनावों की जानकारी देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘संगठन में बदलाव की जरुरत है, इसकी पूरी जानकारी आपको मिल जायेगी’. आपको बता दें की अक्टूबर 2022 में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा. CWC की बैठक में सोनिया गांधी ने G-23 गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मैं कांग्रेस की अध्यक्ष हूं और अगर किसी को भी मुझसे बात करनी हो तो मुझसे सीधे बात करें मीडिया के जरिये नहीं. पार्टी की मजबूती के लिए एकता और अनुशासन जरुरी है’. बैठक में सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय मुद्दों का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. सोनिया ने कहा कि, मोदी सरकार की नीति है बेचो, बेचो, बेचो’.
शनिवार सुबह 10.30 बजे शुरू हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी आखिरकार मुख्य धारा में लौटती हुई दिखी. सोनिया गांधी अपने पुराने तल्ख़ अंदाज में बैठक को संबोधित करते हुए बोलीं, ‘पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है. लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है’. सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘जब से सीडब्ल्यूसी ने मुझे 2019 में इस क्षमता में लौटने के लिए कहा है, तब से मैं अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष हूं. पिछले दो साल से मैं कांग्रेस की अध्यक्ष हूं और मुझे पता है कि क्या हो रहा है क्या नहीं’.
G-23 गुट को नसीहत देते हुए बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है. इसीलिए मैं चाहती हूं कि मीडिया के जरिए मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है, आइए और मुझसे सीधे बात कीजिये. आज की इस बैठक में क्यों ना हम सभी एक स्वतंत्र और ईमानदार चर्चा करें. लेकिन इस कमरे की चारदीवारी के बाहर जो बात होनी चाहिए, वह सीडब्ल्यूसी का सामूहिक निर्णय होना चाहिए’. बता दें की पंजाब के सियासी संग्राम के बीच G-23 गुट के कई नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिख जल्द ही CWC की बैठक बुलाने की बात कही थी. वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा था कि, ‘कांग्रेस में कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है तो फिर निर्णय कौन ले रहा है’. बताया जाता है कि, ‘सिब्बल के इस बयान से आलाकामन नाखुश था इसी कारण सोनिया गांधी ने G-23 गुट के नेताओं को नसीहत दे डाली’.
CWC बैठक की शुरुआत में सोनिया गांधी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, ‘संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही स्थगित होने के बाद से ही मैं यह बैठक करना चाहती थी, लेकिन आज जब सभी को दोहरा टीकाकरण हो चुका है तो इस बैठक का आयोजन किया गया’. वहीं सोनिया गांधी CWC की इस बैठक में अपने ख़राब स्वास्थ्य के चलते अनुपस्थित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्ण और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. बैठक के दौरान किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कृषि कानूनों को ‘काला’ बताया है. सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘आज तीनों कृषि कानून को संसद से पारित हुए एक साल हो चुका है और तब से लेकर अब तक किसान आंदोलनरत हैं और तब से उन्होंने बहुत कुछ झेला है’.
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हाल ही में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटनाएं भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है कि वह किसान आंदोलन को कैसे देखती है’. वहीं देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘सरकार के प्रचार-प्रसार के बावजूद अर्थव्यवस्था अभी भी बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार के पास आर्थिक सुधार के लिए एक ही उत्तर है कि वह दशकों से बड़े प्रयास से निर्मित राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच रहा है’. सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘लेकिन यह सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बेचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे से खतरे में है’.
वहीं बढ़ती महंगाई का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘आवश्यक वस्तुओं और पेट्रोल डीजल की कीमतों में- में बेरोकटोक वृद्धि जारी है. क्या देश में कोई कभी सोच सकता है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक होगी, गैस सिलेंडर की कीमत 900 रुपये होगी और खाना पकाने का तेल 200 रुपये लीटर होगा. बीजेपी की यही नीति है कि वह देश के लोगों के लिए जीवन को असहनीय बना रही है’.
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, ‘जब हम पिछली बार मिले थे तब से लेकर अब तक में भारत सरकार ने अपनी वैक्सीन खरीद की नीति में बदलाव किया है. यह राज्यों की मांगों के जवाब में किया गया है. यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक था जब राज्यों को वास्तव में सुना गया और देश को लाभ हुआ. फिर भी, सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपा राज्यों को नुकसान में डालने का कोई मौका नहीं खोया’.
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वहीं जम्मू कश्मीर में बढ़ रहे अपराध का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि, ‘हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हत्याओं में अचानक तेजी आई है. इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए. धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर दो साल से केंद्र शासित प्रदेश रहा है. इन बर्बर अपराधों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है’. वहीं भारत चीन सीमा विवाद का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्षी नेताओं से कहा था कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कोई कब्जा नहीं किया है और तब से उनकी चुप्पी हमारे देश को महंगी पड़ रही है’.
वहीं 5 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव का और पार्टी के असंतुष्ठ नेताओं को नसीहत देते हुए सोनिया ने कहा कि, ‘हमारी पार्टी की तैयारी कुछ समय पहले ही शुरू हो गई थी. निःसंदेह हम अनेक चुनौतियों का सामना करते हैं लेकिन यदि हम एकजुट हैं, यदि हम अनुशासित हैं और यदि हम केवल पार्टी के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो मुझे विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे’. सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘मैं पिछले 2 साल से अध्यक्ष हूं और पिछले दो वर्षों में, बड़ी संख्या में हमारे सहयोगियों, विशेष रूप से युवाओं ने पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को लोगों तक ले जाने में नेतृत्व की भूमिका निभाई है – चाहे वह किसानों का आंदोलन हो, महामारी के दौरान राहत का प्रावधान हो. मैं समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रही हूं. हमने राष्ट्रीय मुद्दों पर संयुक्त बयान जारी किए हैं और संसद में भी अपनी रणनीति का समन्वय किया है’.
CWC की इस बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा सहित करीब 54 दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे मौजूद.