चन्नी कैबिनेट पर नजर आई सिद्धू की छाप, राणा गुरजीत को मंत्री बनाने का भारी विरोध, रो पड़े पूर्व मंत्री

मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह का आयोजन तय समय के मुताबिक रविवार शाम साढ़े चार बजे राजभवन में किया गया, कैबिनेट विस्तार से पहले कई नेताओं ने खुलकर असंतोष और नाराजगी जाहिर की, अमरिंदर सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं ने पत्ता कटने के बाद पार्टी के फैसले पर भी सवाल खड़े किए गए

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Politalks.News/PunjabPolitics. पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नए मंत्रिमंडल में दस पूर्व मंत्रियों की वापसी हुई है, जबकि आठ नए चेहरे को शामिल किया गया है. मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह का आयोजन तय समय के मुताबिक रविवार शाम साढ़े चार बजे राजभवन में किया गया, जहां कैबिनेट में शामिल हुए नए मंत्रियों को राज्यपाल ने शपथ ग्रहण करवाया. हालांकि चन्नी की अगुआई वाली सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार से पहले कई नेताओं ने खुलकर असंतोष और नाराजगी जाहिर की. अमरिंदर सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं ने पत्ता कटने के बाद पार्टी के फैसले पर भी सवाल खड़े किए, यहां तक कि कैप्टन सरकार में मंत्री रहे बलबीर सिंह यह कहते हुए भावुक हो गए- आखिर मेरी गलती क्या है?

बता दें, चरणजीत सिंह चन्नी की पहली कैबिनेट में ज्यादातर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गुट के माने जाते हैं. शामिल होने वाले मंत्रियों में ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल, राजिंदर बाजवा, अरुणा चौधरी, सुखविंदर सिंह सरकारिया और राणा गुरजीत सिंह के नाम शामिल हैं. इसके अलावा चन्नी की नई कैबिनेट में रजिया सुल्ताना, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु, रणदीप सिंह नाभा को भी मौका दिया गया है.

आपको बता दें, इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को लेटर लिखकर राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट में शामिल नहीं करने की अपील की थी. इन नेताओं ने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह ”दोआबा के भ्रष्ट और दागी नेता हैं.” नेताओं ने यह भी मांग की कि किसी साफ-सुथरी छवि के दलित नेता को मौका दिया जाए. उन्होंने यह खत मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी भेजा था.

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वहीं कैबिनेट विस्तार से कुछ मिनट पहले ही अमरिंदर सरकार में मंत्री रहे बलबीर सिंह सिधू और गुरपीत सिंह कांगर ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी से पूछा कि आखिर उनकी गलती क्या थी, जिसकी वजह से उन्हें हटा दिया गया है. यहां तक कि बलबीर सिंह तो यह कहते हुए भावुक हो गए और पूछा, ”आखिर मेरी गलती क्या है?” कांगर ने भी यह सवाल किया.

चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में शामिल हुए ते 10 पुराने चेहरे
1. सुखजिंदर रंधावा उपमुख्यमंत्री पंजाब उन्होंने नवजोत सिद्धू के साथ मिलकर कैप्टन के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों में सबसे आगे रहे। कैप्टन सरकार में जेल मंत्री रहे.
2. ओपी सोनी उपमुख्यमंत्री पंजाब अमृतसर सेंट्रल से लगातार दूसरी बार विधायक, कैप्टन के करीबी और हिंदू चेहरा भी है मैंने उपमुख्यमंत्री बनाकर अमरिंदर सिंह को साधने का काम किया है.
3. ब्रह्म मोहिंदरा ने आज सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली वरिष्ठता के आधार पर दोबारा जगह मिली हाईकमान का निर्देश था कि सीनियर्स की अनदेखी न हो.
4. मनप्रीत बादल ने मंत्री पद की शपथ ली कैप्टन के खिलाफ मुहिम के दौरान तटस्थ रहे. रेवेन्यू जेनरेट करने को इस बार फाइनेंस के साथ अन्य विभाग भी मिलने की संभावना.
5. तृप्त राजिंदर बाजवा ने आज मंत्री पद की शपथ ली कैप्टन के खिलाफ हाईकमान तक पहुंच करने वालों में अग्रणी रहे. इन्हीं की अगुवाई में 40 विधायकों द्वारा लिखी गई चिट्ठी हाईकमान तक पहुंचाई गई थी उसी के बाद कैप्टन को हटाने का फैसला लिया गया सिद्धू गुट के एक्टिव सदस्य होने के कारण दोबारा कैबिनेट में जगह.
6. अरुणा चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली पूर्व समाज कल्याण मंत्री अरुणा चौधरी दलित वर्ग से संबंध रखती हैं. उनकी पूर्व सेवाओं को देखते हुए कैबिनेट में बनाए रखा गया है.
7.नवजोत सिंह सिद्धू गुट के सुख सरकारिया ने मंत्री पद की शपथ ली पूर्व पीसीएस सुरेश कुमार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला. कैप्टन कह चुके हैं कि जो 30 साल दोस्त रहा वो आज मेरा विरोधी हो गया.
8. सिद्धू गुट के ही रजिया सुल्ताना ने मंत्री पद की शपथ ली मलेरकोटला से विधायक हैं और पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी हैं. मुस्तफा इन दिनों कैप्टन के खिलाफ और सिद्धू खेमे के साथ हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के पर्सनल सलाहकार भी है कैबिनेट में बरकरार रखा.
9. नवजोत सिंह सिद्धू गुट के ही विजय इंद्र सिंगला ने भी मंत्री पद की शपथ ली कैप्टन सरकार में शिक्षा मंत्री थे और राहुल की टीम के सक्रिय मेंबर माने जाते हैं. व्यापारी वर्ग से संबंध रखते हैं. सभी वर्गों में सांमजस्य के लिए कैबिनेट में जगह बरकरार रही.
10. भारत भूषण आशू ने भी मंत्री पद की शपथ ली कैप्टन सरकार में खाद्य विभाग मंत्री थे और सांसद रवनीत, गुरप्रीत कोटली व अन्य का पूरा समर्थन और हिंदू चेहरा भी है सिद्धू कैंप का विरोध नहीं किया.

8 नए चेहरों को पंजाब कैबिनेट में मिली जगह
1. राणा गुरजीत सिंह ने पंजाब कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली राणा गुरजीत सिंह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं उनके नाजायज माइनिंग के आरोप लगने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा दिया था लेकिन इस बार अपनी सरकार में फिर से उन्हें एक बार मंत्री बनाया गया है.

2. रणदीप सिंह नाभा ने पंजाब कैबिनेट मंत्री की शपथ ली सोनिया गांधी की पसंद माने जा रहे है और सोनिया गांधी ने उनके नाम को लिस्ट में डाला है और अब कैबिनेट में शामिल हो गए हैं.

3. राजकुमार वेरका ने पंजाब कैबिनेट मंत्री की शपथ ली दलित वर्ग से सीनियर नेता को मंत्री बनाने की मांग कई बार उठी. लंबे समय से पार्टी में सक्रिय हैं, वेरका हालांकि कैप्टन गुट के हैं.

4. संगत गिलजियां ने पंजाब कैबिनेट मंत्री की शपथ ली टकसाली कांग्रेसी. मंत्री न बनाने को लेकर नाराज थे. कैप्टन के रहते चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी. नवजोत सिंह सिद्धू गुट के हैं.

5. परगट सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और कैप्टन के खिलाफ नवजोत सिद्धू का साथ देने में आगे रहे. बरगाड़ी, बेरोजगारी और माफिया पर सवाल उठाए. अकाली दल छोड़कर कांग्रेस पर आए थे. जालंधर कैंट से विधायक हैं.

6. अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मंत्री पद की शपथ ली. ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के प्रधान रहे हैं. युवा चेहरा है और राहुल गांधी के नजदीक मान जाते हैं और बादल परिवार को घेरते रहे हैं. यह भी नवजोत सिंह सिद्धू के गुट के हैं.

7. गुरकीरत कोटली ने मंत्री पद की शपथ ली. सीएम चरणजीत चन्नी के नजदीकी हैं. 1992 में कांग्रेस की सरकार बनाने वाले पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू गुट के हैं.

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