Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र में चल रहा सियासी घमासान नित नए रोज अलग ही उतार चढ़ाव के साथ आगे बढ़ रहा है. कैसे जैसे बनकर बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मोहरा बनाकर महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन तो कर दिया लेकिन अब शिवसेना के वजूद को लेकर घमासान तेज हो गया है. एकतरफ जहां शिवसेना के प्रणेता बालासाहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे शिवसेना को असली शिवसेना बता रहे हैं तो वहीं पार्टी से बागी होकर मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे गुट अपने गुट को असली शिवसेना बता रहा है. इन सब के बीच एकनाथ शिंदे ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी की पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. इसके साथ ही नई कार्यकारिणी का एलान भी कर दिया गया है जिसमे सीएम एकनाथ शिंदे को पार्टी का नया नेता चुन लिया गया है. हालांकि उद्धव ठाकरे को पार्टी प्रमुख के पद से नहीं हटाया गया है. वहीं शिंदे गुट द्वारा नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राऊत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किलें अब लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. पहले हाथ से सत्ता निकल गई वहीं अब पार्टी को बचाने की जद्दोजहद जारी है. जिसमें हर रोज नया मोड़ आ जाता है. सोमवार को हुई पार्टी की बैठक में एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है. इस बैठक में एकनाथ शिंदे गुट ने पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर शिंदे को शिवसेना के मुख्य नेता के तौर चुना है. इस बैठक में शिवसेना पक्ष प्रमुख के पद को हाथ नहीं लगाया गया है. उद्धव ठाकरे ही फ़िलहाल पक्ष प्रमुख के पद पर विराजमान हैं लेकिन उनकी स्थिती फिलहाल कठपुतली की तरह नजर आ रही है. पार्टी से जुड़े फैसलों को लेकर वे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं.
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नई कार्यकारिणी में दीपक केसरकर को प्रवक्ता चुना गया है, जबकि रामदास कदम और आनंदराव अडसुल को नेता चुना गया है. यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंकशे, तानाजी सावंत, विजय नाहटा, शिवाजीराव अधराव पाटिल को उपनेता चुना गया है. एकतरफ जहां नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है तो वहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उद्धव ठाकरे गुट ने वरिष्ठ नेता रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को शिवसेना से निकाल दिया है. शिवसेना सांसद विनायक राउत ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि आज शिंदे गुट की हुई मीटिंग में दोनों नेता शामिल हुए थे जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुंबई के ट्राइडेंट होटल में हुई शिवसेना शिंदे गुट की बैठक में शिवसेना के 13-14 सांसद ऑनलाइन उपस्थित हुए थे. पहले ही शिवसेना के 55 विधायक दो गुटों में बंट गए हैं तो अब सांसद भी धीरे धीरे गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे को 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि 15 विधायक पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं. वहीं अब शिंदे गुट ने 12-14 सांसदों के साथ आने का दावा किया है. बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के सांसदों की बैठक ली थी. हालांकि ये बैठक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई थी और इस बैठक में ज्यादातर शिवसेना सांसदों ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की बात कही थी.
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वहीं शिवसेना की नई कार्यकारिणी की बैठक को लेकर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राऊत की प्रतिक्रिया सामने आई है. संजय राऊत ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, शिवसेना से टूटे हुए लोगों के गुट ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बना ली और हमारी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया. आप लोग(एकनाथ शिंदे गुट) टूट कर अलग चले गए. 20 तारीख से SC में सुनवाई होगी कि आप MLA रहेंगे या नहीं और आप हमें ही बर्खास्त कर रहे हैं. बता दें महाराष्ट्र संकट पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच का गठन कर दिया है. यह पीठ 20 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
शिंदे गुट के साथ 40 बागी और 10 निर्दलीय विधायक
एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव नतीजों के बाद बगावत कर दी थी. वे शिवसेना के बागी विधायकों के साथ सूरत, फिर वहां से गुवाहाटी पहुंचे थे. शिवसेना में टूट के चलते उद्धव के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से राज्य के नए मुख्यमंत्री बने. वहीं, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए. एकनाथ शिंदे के खेमे में 50 विधायक हैं, इनमें शिवसेना के 40 और 10 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.