Politalks.News/NewDelhi. देश भर में बढ़ती महंगाई के बीच आज से आम आदमी के ऊपर दोहरी मार होना शुरू हो गई है. आज से आटा, पनीर और दही जैसे पहले से पैक, लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. ऐसे में अब डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल वाले मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे महंगे हो गए है. अभी तक कुछ खान-पान की चीजें जीएसटी मुक्त रखी गई थी. अब सिर्फ खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर ही जीएसटी छूट जारी रहेगी. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का विपक्ष जहाँ विरोध कर रहा है तो वहीं सरकार अब अपनों के निशाने पर भी आ गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां एक बार फिर GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहकर संबोधित किया. वहीं बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कहा, ‘जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं.’
चंडीगढ़ में आयोजित हुई GST परिषद की 47वीं मीटिंग के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से रिटेल में बिकने वाली कई खाद्य वस्तुएं महंगी होने जा रही हैं. इस बारे में रविवार को देर रात GST काउन्सिल द्वारा एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है. अब पहले से पैक और लेबल वाले वहीं खाद्य पदार्थ जैसे आटा, दाल, पनीर और दही आदि वही खाद्य पदार्थ महंगे होंगे जिनकी पैकिंग 25 किलो से कम है, उन पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा. 25 किलो से अधिक पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों जीएसटी देय नहीं होगा. यानी रिटेल कारोबारी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं जबकि थोक कारोबारी जीएसटी के दायरे में नहीं हैं. देर रात जारी किए गए नोटिफिकेशन में ये जानकारी दी गई है. अब इसे लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ हो गए हैं.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘हाई टैक्स, कोई नौकरी नहीं. दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को कैसे नष्ट किया जाए, इस पर बीजेपी का मास्टरक्लास.’ राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में देश में जीएसटी की दरों में इजाफे के कारण महंगी होने वाली वस्तुओं की एक लिस्ट भी जारी की और साथ ही GST को एक बार फिर ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा. वहीं अक्सर अपनी ही सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने वाले पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वरुण गांधी ने लिखा कि, ‘आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है. रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा. जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं.’
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी केंद्र पर निशाना साधा और ट्वीट कर लिखा, ‘पहले पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस महंगी की. आज से आटा, अनाज, दही भी महंगा हो गया. मोदी जी के खरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए आने वाले समय में बिजली महंगी होगी. कुछ लोगों के लिए अंधाधुंध कमाई का इंतजाम हो रहा है, लेकिन ‘रेवड़ी कल्चर’ बोलकर बदनाम गरीब व मध्यवर्ग को किया जा रहा है.’ वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार देश शाम ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने लिखा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में मोदी सरकार द्वारा खुदरा में मिलने वाले आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहूं, बाजरा, ज्वार, दूध, दही, पनीर, छाछ इत्यादि खाद्य पदार्थों पर GST लगाने का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला किया है. आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है.’
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि, ‘यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वाला कदम है. इस निर्णय के विरोध में देशभर में मंडियां बन्द रखी जा रही हैं जिससे स्पष्ट होता है कि इस कदम से जनता में कितना आक्रोश है. मोदी सरकार द्वारा इस जनविरोधी कदम को अविलंब वापस लेना चाहिए.’ वहीं सपा प्रमुख एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफ़र सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख़्वाह.’
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था. ये सभी बदलाव आज से लागू हो चुके हैं. इसी प्रकार, टेट्रा पैक खाद्य जैसे दही या जूस और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी. ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं.
वहीं सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था. सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था. वहीं 1000 रुपये किराये वाले होटल के कमरे पर भी आपको GST चुकाना पड़ेगा. अभी तक 1000 रुपये तक के कमरे GST के दायरे से बाहर थे, इन पर अब 12 फीसदी की दर से GST वसूला जायगा. सरकार ने खाने पीने के सामान पर GST दर तब बढ़ाई है, जब जीएसटी कलेक्शन बंपर हो रहा है.