Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद से सपा गठबंधन में आई दरार अब रह रह कर बढ़ती ही जा रही है. उपचुनावों की हार के बाद से ही गठबंधन में शामिल कई नेताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि सिर्फ एक दल महान दल के अलावा विधानसभा चुनाव में साथ आये सभी दल समाजवादी पार्टी के साथ हैं लेकिन उनके लिए भी अब लंबे समय तक टिक पाना असंभव सा लगने लगा है. उपचुनाव के बाद आज हो रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गठबंधन में खींचतान अब और भी ज्यादा खुलकर सामने आ चुकी है. कई मौकों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सवाल उठाने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर पलटवार किया है. राजभर ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव किसी से भी मिले मिले तो वाह-वाह, हम मिलें तो कैरेक्टर ढीला, ये अब नहीं चलेगा.’
सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा से बढ़ती दूरियों और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर लग रहे आरोपों खुलकर जवाब दिया. यहीं नहीं इस दौरान राजभर ने पत्रकारों से बात करते हुए एकबार फिर अखिलेश पर जमकर निशाना साधा. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से मिलते हैं उन्हें गुलदस्ता देते हैं तो सबकुछ ठीक है लेकिन हम मिलते है सवाल उठने लग जाते हैं. अखिलेश यादव को तो खुद सीएम योगी से चोरी चोरी मिलते ही रहते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने न तो हमसे वोट मांगा न हमें बुलाया. हमें जहां से बुलाया गया, जिसने वोट मांगा हमने उसे वोट दिया है.’
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ओमप्रकाश राजभर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि, ‘आप सीएम से मिलो तो वाह वाह और अगर हम मिलें तो हम मिलें तो कैरेक्टर ढीला, ये अब नहीं चलेगा. फिलहाल सुभासपा समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है. अखिलेश यादव जब तक हमें नहीं कहते कि ‘आप अपना देखें, हम अपना’ तब तक हम सपा के साथ ही रहेंगे.’ अखिलेश यादव यदि गठबंधन से निकालते हैं तो इस बार हम बीजेपी के पास नहीं जाएंगे बल्कि बसपा से गठबंधन का प्रयास करेंगे. इसके लिए हम बसपा प्रमुख मायावती से भी बात करेंगे.’ वहीं पत्रकार वार्ता के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी के मुद्दे पर सीएम और एसीएस होम से बातचीत चल रही है. हम अपने विधायक की मदद कर रहे हैं. गृहमंत्री से भी अब्बास के लिए बात की है.’
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव को सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए लेकिन वह मुसलमानों के मुद्दों पर बोलने से डरते हैं. आज तक अखिलेश यादव ने किसी मुसलमान की मदद नहीं की है और इसके 100 से ज़्यादा उदाहरण मेरे पास है. अखिलेश यादव खुद चोरी चोरी मुख्यमंत्री से भी मिलते हैं, जन्मदिन पर तोहफे देते हैं. ऐसे में मैं अगर मुख्यमंत्री और अमित शाह से मिल लिया तो इसमें क्या बुरा है?’ यह पहला मौका नहीं है जब राजभर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के तुरंत बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि, ‘अखिलेश यादव बताएं कि उन्होंने अभी तक धरातल पर क्या काम किया है. अभी तक उन्होंने पार्टी की हार एवं अन्य मुद्दों को कितने गांवों में बैठक की है.’
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यहीं नहीं राजभर ने अखिलेश यादव को जमीन पर उतारकर चुनाव लड़ने की सलाह दी थी. राजभर ने कहा था कि, ‘2012 में अखिलेश यादव अपने दम पर नहीं बल्कि अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे. 2012 का विधानसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में लड़ा गया था लेकिन ताज अखिलेश के सिर सजा. अखिलेश यादव के नेतृत्व में वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2022 में लोकसभा व विधानसभा के जो भी चुनाव हुए, सभी में सपा को हार का सामना करना पड़ा. उपचुनाव व विधान परिषद के चुनाव में भी समाजवादी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. अब तो खुद अखिलेश यादव स्पष्ट करें कि आखिर अभी तक एक भी चुनाव में उन्हें जीत क्यों नहीं हासिल हुई.‘ हालांकि राजभर के सलाह देने वाले बयान पर अखिलेश ने दो टूक शब्दों में कहा था कि मुझे किसी कि भी सलाह की जरुरत नहीं है.