Politalks.News/Rajasthan/Pilot. राजस्थान के जालौर में दलित स्कूली छात्र की निर्मम पिटाई के बाद हुई मौत के मामले में गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. एक और जहां इस मामले में प्रमुख विपक्षी पार्टियों बीजेपी और आरएलपी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो वहीं इस घटना को लेकर व्यक्तिशः आहत हुए दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. मृतक दलित छात्र के परिजनों को ढांढस बंधाने आज जालौर के सुराणा गांव पहुंचे पायलट इस घटना को लेकर भावुक नजर आए. इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी छुआछूत को लेकर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो यह हमारे समाज के लिए दुर्भाग्य की बात है. इसके साथ ही पायलट ने घटना के लिए जिम्मेदार स्कूल प्रिंसिपल के साथ ही घटना के बाद परिजनों को प्रताड़ित करने वाले एडीएम और डिप्टी एसपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग गहलोत सरकार से की है.
आपको बता दें, मामला जालोर के सायला इलाके के सुराणा गांव स्थित सरस्वती स्कूल का है, जहां हेड मास्टर छैल सिंह के लिए अलग रखी मटकी से पानी पीने की कीमत तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के इंद्र कुमार पुत्र देवाराम मेघवाल को जान देकर चुकानी पड़ी. आरोप है कि 20 जुलाई को छैल सिंह ने इंद्र को इतना मारा कि कान के पास गंभीर चोटें आईं. वह कराहते हुए घर पहुंचा और पूरा मामला परिवार वालों को बताया. इसके बाद पिता और अन्य परिवार वाले उसे हॉस्पिटल लेकर भागे. बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में इलाज कराया था. इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद ले गए. वहां 24 दिन इलाज कराने के बाद 13 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे इंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया. थानाधिकारी ध्रुव प्रसाद ने बताया कि छैल सिंह के खिलाफ हत्या और SC/ST एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
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बता दें, तयशुदा कार्यक्रम के तहत पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहले दिल्ली से विमान के जरिए जोधपुर पहुंचे, जहां से सड़क मार्ग के जरिए जालोर के लिए रवाना हुए. जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि दलितों के साथ इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की जरूरत है. सरकार इसको लेकर कार्रवाई करेगी. पूरे दलित समाज को विश्वास दिलाना पड़ेगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी. पायलट ने कहा कि पीड़ित परिजनों की मांगों को लेकर सरकार को सहानुभूति से सोचना चाहिए. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले पाली में भी एक युवक की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उसने मूछें रखी थीं. लेकिन हम सब दलित समाज को न्याय दिलाने के खड़े हैं. दलित समाज के लोगों के जेहन में एक विश्वास पैदा करना पड़ेगा की हम उनके साथ खड़े हैं. क्योंकि इस समय कानून बनाने, नियम बनाने और भाषण देने से ज्यादा जरूरी है उनको विश्वास दिलाना.
वहीं जालौर में पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट भावुक हो गए. घटना को लेकर पत्रकारों द्वारा सीएम अशोक गहलोत के बयान कि क्राइम हर प्रदेश में होता है लेकिन राजस्थान में पुलिस तुरंत एक्शन लेती है, के सवाल पर पायलट ने कहा कि, जहां तक इस घटना की बात है मैं समझता हूं. यह कहना नाकाफी है कि बाकि राज्यों में ऐसा होता है. हमें घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी. किसी राज्य में किसी राज्य में दलित, आदिवासी गरीब कोई भी व्यक्ति हो जो असहाय है उसके साथ अगर ऐसा होता है तो हम यह नहीं कह सकते हैं कि बाकि राज्यों में हो रहा है तो यहां हो रहा है. पायलट ने आगे कहा कि हम इंतजार करते रहें कि अगला हादसा कब हो और हम ऐक्शन लें. हमें उस मानसिकता को पराजित करने के लिए कुछ कदम उठाने पड़ेंगे जो लोगों के जेहन में है, दिखाना होगा कि दलितों पर अत्याचार कर आप बच नहीं सकते. अगर उस मानसिकता पर हम दबाव नहीं डाल सकते तो हम अपना काम नहीं कर रहे हैं. सरकार का, जनता का हमारा हम सब का इकबाल कायम रहना चाहिए. इनके जेहन में रहना चाहिए कि कोई गलत काम करेगा तो उसका भुगतान करना पड़ेगा. कानून का डर जेहन में नहीं रहेगा तो फिर इस प्रकार की घटनाएं होती रहेगी. हमें इस पर पूरा संकल्पित होना चाहिए.
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इसके साथ ही सचिन पायलट ने आगे कहा कि दलित छात्र की मौत पर मैं राजनीति बिल्कुल भी नहीं करना चाहता हूं. लेकिन मैं हमेशा जब भी किसी गरीब, दलित और आदिवासियों के साथ अत्याचार हुआ है हम सब लोग एक साथ है. पायलट ने कहा कि खुले माहौल में दलितों के साथ अत्याचार करने की हिम्मत किसी में ना हो यह हम सब को प्रदर्शित करना पड़ेगा. हम सब लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं. हम सभी की जिम्मेदारी है कि मिलकर लोगों को विश्वास जीता जाए. उनके मन में विश्वास काम किया जाए. इस प्रकार की हरकतों को हम बर्दास्त नहीं करेंगे. पायलट ने कहा कि जो बच्चा चला गया है वह वापिस नहीं आ सकता, लेकिन उदाहरण बना सकते हैं.
इसके साथ ही सचिन पायलट ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने बताया कि बच्चे की लाश को रात के अंधेरे में लाया गया और दफना दिया गया. यही नहीं पीड़ित परिवार के परिजनो पर लाठीचार्ज किया गया है. उस पर सरकार को तुंरत कार्यवाही करनी चाहिए. पुलिस अधिकारी और एडीएम पर तुंरत कार्रवाई करनी चाहिए. मृतक के परिजन नाम लेकर कह रहे हैं. एडीएम का शिकायत में नाम दर्ज है. पायलट ने कहा कि मृतक के पिता और दादा नाम लेकर बोल रहे हैं कि हमारे परिवार को खदेड़ा गया और हमारे मोबाइल छीन लिए गए. उनके दामाद के हिरासत में लिया गया. चोंटे लगी है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त करवाई होनी चाहिए.
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यहां आपको बता दें कि सचिन पायलट के जालौर दौरे कर दौरान एक बार फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में पायलट को लेकर जबरदस्त क्रेज नजर आया. वहीं जोधपुर से जालौर तक सचिन पायलट की गाड़ी के साथ गाड़ियों का जबरदस्त काफिला देखने को मिला. हालांकि पायलट ने घटना की गम्भीरता को देखते इस दौरान किसी प्रकार के स्वागत सत्कार से पहले ही अपने कार्यकर्ताओं को मना कर दिया था.