Politalks.News/Rajasthan. पैरामिल्ट्री फोर्सेज को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान के बाद से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. सीएम गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर पैरामिल्ट्री फोर्सेज की गाड़ियों के जरिए BJP के दफ्तरों तक पैसा पहुंचाने का आरोप लगाया था. सीएम गहलोत के इस बयान के बाद प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं ने सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने इसे पैरामिल्ट्री फोर्सेज का अपमान बताते हुए कहा कि, ‘कुर्सी की असुरक्षा, कांग्रेस के अंतर्कलह और देश में कांग्रेस के सिमटते जनाधार से सीएम गहलोत बहुत ज्यादा विचलित हैं और इतने विचलित है कि वह अपनी मर्यादा ही भूल गए. कई बार गहलोत को गजनी फिल्म की तरह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस होता है.’ वहीं बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने आकाओं की भाषा बोलते हैं.’
दरअसल 15 अगस्त के मौके पर पीसीसी की तरफ से शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम को समबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि, ‘देश में करप्शन खत्म करने के लिए नोट बंदी की गई थी लेकिन 500 के नोट का चलन बंद करके, दो हज़ार का नोट लाया गया जबकि सब जानते हैं कि दो हजार का नोट कम जगह घेरता है. गोवा में मणिपुर में अरुणाचल प्रदेश में फिर कर्नाटक और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सरकारी बदल दी गई. ये सरकारें आलू प्याज से नहीं बदली गई, बल्कि ये बड़े बड़े सूटकेस के अंदर जो था उससे बदली गई है. पैरामिलिट्री की फोर्स ट्रक में भरकर बॉक्स में पैसा लाते हैं, जिसे BJP के दफ्तर के पीछे से अंदर लाया जाता है. पैसों की गाड़ी पुलिस की होती है. इनकी सिक्योरिटी है इनकी सुरक्षा है पकड़ेगा कौन ये एक बड़ा षडयंत्र है जो चल रहा है लेकिन अंतिम जीत हमारी होगी.’
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सीएम गहलोत के इस बयान पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी मुखर हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों कुर्सी की असुरक्षा से, कांग्रेस के अंतर्कलह से और देश में कांग्रेस के सिमटते जनाधार से विचलित ज्यादा हैं और इतने विचलित है कि वह मर्यादा भूल गए. इतने विचलित हैं कि वह सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार को भूल गए कि किसी भी बड़े राजनीतिक दल के राष्ट्रीय राजनीतिक दल के ऊपर ओछी टिप्पणी करे या ना करें. लेकिन पैरामिलिट्री फोर्सेज के बारे में इस तरीके की बयानबाजी, यह किसी भी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता. आप का दल अलग है वह हो सकता है, आपकी सरकार अलग हो सकती है, आपके विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को, उसके दफ्तर को इस तरीके से झूठे तथ्यों से आरोपित करना गलत है.’
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘सेना हमारा स्वाभिमान और ताकत है, उस पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर अमर्यादित बयान देना मुख्यमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता. मुख्यमंत्री गहलोत वही बात कह रहे हैं जो कांग्रेस के 55 वर्षों के कालखंड में अपने ऊपर इन बातों को किया होगा कि किस तरीके से उन्होंने देश को लूटा है, किस तरीके से देश के धन का दुरुपयोग किया है, जीप घोटाले से लेकर कोयले घोटाले तक उनके खुद के हाथ रंगे हुए हैं इन पापों से.’ पूनियां ने आगे आमिर खान की चर्चित फिल्म गजनी का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस में ही इस तरह की प्रैक्टिस रही हैं. कोरोना के बाद और सरकार के दबाव में कई बार गहलोत को गजनी फिल्म की तरह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस होता है. पॉसिबल है कि गहलोत कांग्रेस की बात बता रहे होंगे और बीजेपी का नाम निकल गया. आज उनके पाप से पर्दा उठने लगा है, तो वो ईडी, सीबीआई और एजेंसीज का नाम भी लेते हैं.’
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वहीं अलवर में हुई मोब लिंचिंग की घटना का जिक्र करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष से अधिक के शासनकाल में सबसे पहला यक्ष प्रश्न है यह है कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके गृहमंत्री कालखंड में जिस तरीके से अपराध बढ़े हैं और अपराधियों का हौसला बढ़ा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंताजनक है. मॉब लिंचिंग की घटनाएं और अपीजमेंट के कारण जो लगातार अपराधियों को प्रश्रय मिला है, पुलिस की शिथिलता, प्रशासनिक कमजोरी यह सब उसके कारक हैं. इसलिए मुझे लगता है कि पुलिस की जो पंचलाइन है, अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास, अब आमजन असुरक्षित है और अपराधी अपराध करते वक्त यह सोचता नहीं है उसका क्या होगा, ऐसे हालातों से पानी सर से ऊपर गुजर चुका है. अशोक गहलोत के सियासी बयान उसको ठीक नहीं कर पाएंगे, मुख्यमंत्री को गंभीरता के साथ कानून व्यवस्था दुरूस्त करने की सख्त जरूरत है, जो वो नहीं कर पा रहे हैं.’
भाजपा सांसद एवं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौड़ ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए लिखा कि, ‘गहलोत अपने आकाओं की भाषा बोलते हैं. जो पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका हैं, उन्हीं की भाषा तो कांग्रेस पार्टी बोलती आ रही है. ये वही लोग हैं जो बार-बार पाकिस्तान की बात करते हैं. जो पैसा बैंकों से चोरी करके विदेश में ले गए. ये वही लोग हैं जो उनके साथ में खड़े हुए हैं. राजस्थान में गवर्नेस बिल्कुल खत्म हो गई और दलितों,महिला उत्पीड़न में राजस्थान नम्बर वन हैं. अपनी जिम्मेदारी छोड़कर गहलोत इस तरह के बयान दे रहे हैं, ये सैनिकों का ही नहीं उनकी मांओं का भी अपमान है. कुर्बानी देने वाले सैनिकों की बेइज्जती है. इसके लिए सीएम गहलोत को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. अपनी बौखलाहट और फ्रस्ट्रेशन में कांग्रेस इस तरह के बयान दे रही है.‘