पायलट ने दिया धोखा, एक गद्दार को कैसे बना दोगे CM?- गहलोत का आलाकमान को दो टूक संदेश

अगर सचिन पायलट ने आलाकमान के साथ प्रदेश की जनता, पार्टी विधायकों से माफ़ी मांगी होती तो मुझे दिल्ली जाकर नहीं मांगनी पड़ती माफ़ी, 25 सितम्बर को जो कुछ भी हुआ वो मेरे कहने से नहीं हुआ अगर एक भी MLA ये कह देगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा- अशोक गहलोत

गहलोत ने पायलट को बताया 'गद्दार'
गहलोत ने पायलट को बताया 'गद्दार'

Ashok Gehlot On Sachin Pilot. राजस्थान कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से शांत पड़ी सियासत में अब बड़ा बवाल मचना तय है. हाल ही में मीडिया समूह NDTV को दिए अपने इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए अब सचिन पायलट के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है . वहीं राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान को दो टूक संदेश दे दिया है कि, ‘एक गद्दार प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता और हाईकमान सचिन पायलट को CM नहीं बना सकता. एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं… ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया… पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं.’ यही नहीं मुख्यिमंत्री अशोक गहलोत ने साफ़ कहा कि, ‘अगर सचिन पायलट ने आलाकमान के साथ प्रदेश की जनता, पार्टी विधायकों से माफ़ी मांगी होती तो मुझे दिल्ली जाकर माफ़ी मांगनी नहीं पड़ती.’

अगले साल के अंत में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में जारी आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. पिछले कुछ समय से प्रदेश कांग्रेस नेता भले ही एकजुटता का संदेश दे रहे हो लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की सियासी अदावत पर खुद सीएम गहलोत ने मुहर लगा दी है. यही नहीं उन्होंने साफ़ कर दिया है कि मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे. हाल ही में अपने पाली जिले के दौरे पर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने NDTV को दिए अपने इंटरव्यू में बड़ा बयान देते हुए राजस्थान की सियासत में खलबली मचा दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा NDTV को दिए इंटरव्यू के कुछ अंश हम आपके साथ साझा कर रहे हैं.

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25 सितम्बर को हुए सियासी घटनाक्रम से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जिन विधायकों ने अलग से बैठक बुलाई उन्हें आप बागी नहीं कह सकते. इससे पहले भी बगावत हुई थी और 34 दिन तक होटल में रहे थे ये लोग, ये वही 90 लोग हैं जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया था. बिना हाईकमान के आदेश के कोई भी मुख्यमंत्री सरकार बचाने का काम नहीं कर सकता. अगर हाईकमान का साथ होता है तभी लोग साथ देते हैं. ये लोग मेरे कहने से नहीं कर रहे कुछ ये सब कांग्रेस आलाकमान के साथ हैं. 25 सितम्बर को जो कुछ भी हुआ वो मेरे कहने से नहीं हुआ अगर एक भी MLA ये कह देगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.’

वहीं जब 90 विधायकों की नाराजगी से जुड़ा सवाल सीएम गहलोत से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘वो नाराज इसलिए हुए थे क्योंकि उनके बीच एक बात फैला दी गई कि मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बना दिया जाएगा. यही नहीं सचिन पायलट ने भी इस तरह का व्यवहार किया वहां पर कि वो मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. विधायकों को टेलीफोन किया और कहा कि आप हाईकमान पर छोड़ना आब्जर्वर आएंगे. ऐसे में विधायकों को लगा कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित होगा और अगले दिन सचिन पायलट की ताजपोशी हो जायेगी. इस भ्रम के अंदर वो सभ एक जगह इकट्ठे हो गए. उन्हें डर था कि जिसके कारण 34 दिन तक होटल में रहना पड़ा, जो अमित शाह के साथ मिलकर सरकार गिराने का काम कर रहे थे, उन्हें कैसे मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया जाये.’

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इंटरव्यू में कहा कि, ‘अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान दोनों इस षड्यंत्र में शामिल थे, मानेसर में उन लोगों के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी. 10 करोड़ रूपये बांटे गए थे इसका मेरे पास सबूत भी है. सचिन के साथ मौजूद विधायकों में से किसी को 5 करोड़ मिले, किसी को 10 करोड़… और दरअसल, यह रकम दिल्ली के BJP दफ्तर से उठाई गई… सचिन पायलट कैम्प के लोगों से मिलने के लिए धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से बातचीत के लिए भेजे गए नेताओं को मुलाकात नहीं करने दी गई.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जो आदमी गद्दारी कर चुका है, उसे हमारे एमएलए और मैंने खुद भुगता है, 34 दिन तक होटलों में रहे हैं, उनको वे कैसे स्वीकार करेंगे?’

सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाये जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘सचिन पायलट को आलाकमान मुख्यमंत्री कैसे बना सकता है. एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता… हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं… ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया… उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं. यह संभवतः हिन्दुस्तान में पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की. अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनना ही था तो उन्हें खुद AICC में जाकर नेताओं से माफ़ी मांगनी चाहिए थी, कांग्रेस आलाकमान, पार्टी विधायकों और राजस्थान की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए थी. अगर वो माफ़ी मांग लेते तो शायद मुझे दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से माफ़ी मांगने की जरुरत ही नहीं पड़ती.

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वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘आप सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए. अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए. मैं अमरिंदर सिंह की तरह बगावत नहीं करूंगा. मैं सरकार लाने के लिए जान लगा दूंगा.’ सचिन पायलट के साथ झगड़े के सवाल पर गहलोत ने कहा जब 2009 में लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 20 सांसद कांग्रेस के जीते तो मुझे दिल्ली बुलाया गया. जब वर्किंग कमेटी की बैठक हुई तो राजस्थान से मंत्री बनाने के बारे में मुझसे पूछा गया. सचिन पायलट को जानकारी है, मैंने पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी.’

सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘उस समय वसुंधरा राजे की सरकार में 70 गुर्जर मारे गए थे, यहां गुर्जर-मीणाओं में झगड़ा था. मैंने गुर्जर समाज से सचिन पायलट को मंत्री बनाने की सिफारिश की. इससे गुर्जर-मीणा का झगड़ा खत्म होगा. बाद में मेरे पास सचिन पायलट का फोन आया था कि मेरी सिफारिश कीजिए, जबकि मैं तो पहले ही सिफारिश कर चुका था. जिस आदमी के दिल में प्यार होगा, तभी तो वह नौजवान की सिफारिश करेगा.’

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