Rajendra Guda On Gehlot Ministers:. राजस्थान कांग्रेस में हुई सियासी उठा-पटक को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. वहीं उस दौरान पार्टी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा इस मसले पर तीन दिन में फैसला लेने का बयान दिए जाने पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं. प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए गहलोत खेमे से पायलट गुट में आए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब आलाकमान को इस बारे में जल्दी फैसला लेना चाहिए, इससे आलाकमान की विश्वनियता पर असर पड़ रहा है. वहीं, 25 सितंबर को हुई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और RTDC के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को लेकर गुढ़ा ने कहा कि आलाकमान को इन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए.
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जल्दी से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री पर फैसला करें और जल्द तीनों नेताओं को बर्खास्त करें- राजेंद्र गुढ़ा
कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद विश्वसनीय रह चुके ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘हमारे संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि एक दो दिन में राजस्थान सीएम का फैसला कर देंगे. दूसरा शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस दिए गए थे. इस मामले को हुए एक महीने से ज्यादा का समय निकल गया है और उस समय फिर से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की बात हुई थी, अब तक विधायक दल की बैठक नहीं बुलाई गई. ऐसे में मेरा तो यही कहना है कि आलाकमान की विश्वसनीयता का सवाल है, जिस तरह की बातें हुई थीं कि जल्दी से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री पर फैसला करें और जल्द तीनों नेताओं को बर्खास्त करें.’
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मल्लिकार्जुन खड़गे को मैसेज देना चाहिए कि पार्टी डिसीजन कर रही है, इससे कांग्रेस को फायदा होगा – राजेंद्र गुढ़ा
आलाकमान के बिहाफ पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के शब्दों को याद दिलाते हुए मंत्री राजेन्द्र गुढा ने कहा कि, ‘वेणुगोपाल ने उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला एक दो दिन में करने को कहा था, वह फैसला अब जल्द किया जाए, जिससे कि हिमाचल और गुजरात के चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सके. क्योंकि दोनों जगह कांग्रेस अच्छी पोजिशन में है. चाहे मंत्री हो, ब्यूरोक्रेसी हो सब जगह सीएम को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है, इसमें जल्दी फैसला करना चाहिए.’ गुढा ने आगे कहा मल्लिकार्जुन खड़गे हमारे नए अध्यक्ष बन गए, उन्होंने काम संभाल लिया है. वह यहां पर्यवेक्षक बनकर आए थे, उन्होंने सारी चीजें देखी हैं, अब उसके बाद उन्हें यह मैसेज देना चाहिए कि पार्टी डिसीजन कर रही है, इससे कांग्रेस को फायदा होगा.’
मंत्री धारीवाल-जोशी-राठौड़ को मेरे हिसाब से इनको बर्खास्त कर देना चाहिए – गुढ़ा
वहीं सचिन पायलट कैंप अब सीएम बदलने के साथ विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के मामले में दोषी तीनों नेताओं को बर्खास्त करने की मांग उठाकर इसे मुद्दा बना रहा है. पायलट कैंप हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले दोनों मुद्दों पर एक्शन चाहता है. इसी कड़ी में मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और सीएम गहलोत के करीबी व RTDC के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को जारी किए नोटिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं होने को लेकर गुढ़ा ने कहा कि, ‘नोटिस वाले तीनों नेता पार्टी के कठघरे में खड़े हैं. पार्टी इन्हें बरी करती है, सजा देती है, सस्पैंड करती है, बर्खास्त करती है, या इन्हें से पार्टी निकाला जाता है, यह फैसला हाईकमान को करना है. मेरे हिसाब से इनको बर्खास्त कर देना चाहिए. अगर मुझे फैसला करना हो तो मैं ऐसे लोगों को बर्खास्त करूंगा.’
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इसके साथ ही गहलोत सरकार में मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने आगे कहा कि, ‘गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस बहुत बढिया हालत में है. अगर हम दिल्ली में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर सीएम पर फैसला करते हैं तो इससे पार्टी को फायदा होगा. अभी मुख्यमंत्री को लेकर लोग दुविधा में बैठे हैं, यह स्थिति राजस्थान की जनता के हित में नहीं है. वहीं सीएम अशोक गहलोत के अगले बजट पेश करने की तैयारियों के सियासी संकेतों पर मंत्री गुढ़ा ने कहा कि सीएम दिल्ली में अपनी बात कह चुके हैं, अब सीएम को लेकर फैसला होना है, यह फैसला जल्द से जल्द कर देना चाहिए.
आपको बता दें कि 25 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, उस बैठक का गहलोत खेमे के विधायकों ने बहिष्कार किया था. उस बैठक में नए सीएम के चयन का अधिकार हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित करना था मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी अजय माकन उस बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनकर आए थे. दोनों नेता देर रात तक सीएम निवास पर विधायकों का इंतजार करते रहे थे, लेकिन गहलोत कैंप के विधायक नहीं आए. चूंकि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए हाईकमान बन चुके हैं, राजस्थान का पूरा सियासी विवाद उनके सामने हुआ था. अब नए सिरे से विधायक दल की बैठक बुलाकर राजस्थान सीएम पर फैसला करना और नोटिस वाले नेताओं के खिलाफ एक्शन लेना दोनों खड़गे को तय करना है. जिसका प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं के साथ, ब्यूरोक्रेसी, विपक्षी पार्टियों सहित जनता को भी बेसब्री से इंतजार है.