राजे व पूनियां की PM मोदी से मुलाकात हुई लेकिन बात नहीं, प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों में भरा जोश

भाजपा का लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि उसकी प्राथमिकता देश के लिए बड़ा काम करना व देश को बड़ा बनाना है और इसे ही ध्यान में रखते हुए भाजपा को अपने संगठन का विस्तार करना चाहिए- प्रधानमंत्री मोदी

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Politalks.News/BJP/Bharat. देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव सहित कई अहम मुद्दों को लेकर रविवार को दिल्ली में आयोजित हुई बीजेपी के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि उसकी प्राथमिकता देश के लिए बड़ा काम करना और देश को बड़ा बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि इसे ही ध्यान में रखते हुए भाजपा को अपने संगठन का विस्तार करना चाहिए. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सभी पदाधिकारियों और प्रदेशाध्यक्षों को एकजुटता के साथ काम करने आह्वान किया.

आपको बता दें, इस बैठक में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों के अध्यक्ष, राज्यों के प्रभारी व सह-प्रभारी तथा राज्यों के संगठन मंत्री भी शामिल हुए. बैठक में राजस्थान से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर सहित अन्य नेता मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा ने दीप प्रज्जवलित कर बैठक की शुरुआत की और बाद में बैठक को संबोधित भी किया. बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और इस संबंध में एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया. बैठक के दौरान असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, आत्मनिर्भर भारत अभियान और तीन कृषि कानूनों के बारे में भी चर्चा हुई.

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पार्टी के पदाधिकारियों की इस बैठक के दौरान दोपहर 2.15 से लेकर 3.45 तक पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समक्ष सभी प्रदेशाध्यक्षों ने राज्यवार अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें अपने-अपने राज्यों के संगठन की संरचना और कार्ययोजना को लेकर जानकारी दी गई. इसी कड़ी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने राजस्थान भाजपा इकाई के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने प्रदेश में पार्टी की संरचना, सेवा कार्यों, पंचायतीराज और निकाय चुनाव और आगामी कार्य योजना को लेकर जानकारी दी. इस दौरान कोविड काल में राजस्थान भाजपा की ओर से किए गए कार्यों की बैठक में प्रशंसा भी की गई.

आपको बता दें, जैसा कयास लगाया जा रहा था कि इस बैठक में या अलग से राजस्थान भाजपा में चल रही गुटबाजी को लेकर कुछ चर्चा होगी तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है. दिनभर अलग-अलग राज्यों की समीक्षा बैठकों का दौर चला. इस दौरान बैठक के बीच में चाय पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बाद में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां से मुलाकात जरूर हुई, लेकिन राजस्थान को लेकर बैठक के दौरान या बाद में अलग से कोई चर्चा नहीं हुई है.

राजधानी दिल्ली स्थित एनडीएमसी कंवेशन सेंटर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की इस बैठक को प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा ने संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘भाजपा का जो मिशन है, भाजपा का जो संगठन है, यह केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं है. बल्कि उसके लिए प्राथमिकता देश के लिए बड़ा कार्य करना है और देश को बड़ा बनाना है.’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा संगठन को भी उसी हिसाब से अपनी गुणवत्ता में विकास करना चाहिए. ‘सबका साथ-सबका विकास‘ को भाजपा का मूलमंत्र बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस मूलमंत्र को लेकर ही भाजपा देश में सकारात्मक कार्य कर रही है. पीएम ने कहा, ‘चाहे जीएसटी सुधार का विषय हो, कृषि सुधार के विषय हो या फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण का विषय हो, देश में लगातार सुधार का कार्य करते हुए भारत को आगे ले जाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है.’

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि आज देश के विकास के लिए एक सकारात्मक माहौल है इसलिए देश के विकास में सब को आगे बढ़कर काम करना है. पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ‘देश पहले‘ के आदर्श वाक्य के साथ पार्टी को मजबूत करें, उसका विस्तार करें. बैठक के बाद एक सम्मेलन के दौरान बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से सभी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ. बैठक में देश की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित हुआ जिसमें कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों और कोविड-19 के प्रबंधन में प्रभावी नेतृत्व देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया गया.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान हुई राष्ट्रीय पदाधिकारियों की यह पहली बैठक थी जिसमें सभी पार्टी पदाधिकारी प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हुए. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं.

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