कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का वायनाड से उप-चुनाव लड़ना कंफर्म हो गया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव के साथ हुई एक बैठक में इस बात पर मुहर लगाई गयी है कि प्रियंका गांधी खाली हुई वायनाड संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. प्रियंका कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी. राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. प्रियंका गांधी की परिवार की 9वीं और चौथी महिला सदस्य हैं जो चुनाव लड़ने जा रही हैं. इस पर तंज कसते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को ‘परिवार की कंपनी’ करार दिया है.
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प्रियंका की उम्मीदवार घोषित होते हुए पॉलिटॉक्स की उस खबर पर भी मुहर लग गयी है जिसमें कहा गया था कि अमेठी से चुनाव लड़ने की स्थिति में प्रियंका गांधी को वायनाड़ से चुनाव लड़ाया जाएगा और राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. वहीं प्रियंका गांधी के नाम का ऐलान होते ही बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता शाहजाद पूनवाला ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस कोई राजनीति दल नहीं बल्कि परिवार की एक कंपनी है.
पहली बार चुनाव लड़ने जा रही प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ने जा रही हैं. प्रियंका ने 2004 में पहली बार राजनीति में उतरते हुए सोनिया गांधी के लिए रायबरेली और राहुल गांधी के लिए अमेठी में चुनाव प्रचार किया था. हालांकि उनकी राजनीति केवल इस प्रचार तक ही सीमित रही. अगले दो चुनावों में भी उनकी भूमिका चुनावी प्रचारक और यूपी में प्रदर्शन तक ही सीमित रही. सक्रिय राजनीति में उनकी एंट्री 23 जनवरी 2019 को पूर्वी यूपी के प्रभारी महासचिव के रूप में हुई. इससे पहले उनके राज्यसभा जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है.
चुनाव लड़ने वाली परिवार की 9वीं सदस्य
प्रियंका सियासत में गांधी परिवार की 9वीं सदस्य हैं जो चुनाव लड़ने जा रही हैं. वे चुनाव लड़ने वाली परिवार की चौथी सदस्या भी हैं. उनसे पहले गांधी परिवार की ओर से इंदिरा गांधी (1967) ने सबसे पहले चुनाव लड़ा. उनके बाद मेनका गांधी ने 28 वर्ष की आयु में 1984 में अमेठी से चुनाव लड़ा था. हालांकि पहले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी से चुनाव लड़ते हुए सियासत की शुरूआत की थी. 2004 में राहुल गांधी के लिए उन्होंने अमेठी संसदीय क्षेत्र छोड़ा और 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली से चुनावी जीता. प्रियंका गांधी अपना पहला चुनाव दक्षिण भारत से लड़ने जा रही हैं.
सुरक्षित सीट है वायनाड
दक्षिण भारत की वायनाड संसदीय सीट प्रियंका गांधी के लिए सुरक्षित सीट है. यहां से राहुल गांधी 2019 के बाद 2024 में भी आम चुनाव भारी मतों से जीत चुके हैं. उप चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है. अमेठी में वापसी के बाद रायबरेली के साथ वायनाड को भी कांग्रेस का अपनी परंपरागत सीट बनाना निश्चित लग रहा है.