Budget 2024: संसद के अंतिम सत्र की आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण से शुरुआत हुई. राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने केंद्र की मोदी सरकार के कार्यों का सदन में लेखा जोखा रखा. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा की अमृतकाल की शुरुआत में यह भवन बना है. यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक भी है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा. ऐसी नीतियां जो आज़ादी के अमृत काल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पिछला वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि वाला रहा है. रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉम को सरकार ने लगातार जारी रखा है. नारी शक्ति अधिनियम पारित करने के लिए मैं सदस्यों का अभिवादन करती हूं, यह मेरी सरकार के महिला नीत विकास के संकल्प को मजबूत करता है. राम मंदिर के निर्माण की अकांक्षा सदियों से थी, आज यह सच हो चुकी है. मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हम बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे हैं, जीवन में पहली बार बड़े स्तर पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं. सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं. बीते दशक में सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का आधार बनाया है. देश में पहले जो बैंकिग व्यवस्था चरमरा रही थी, वह आज विश्व में सबसे मजबूत बैंकिंग प्रणालियों में से एक है. आज बैंकों का एनपीए चार प्रतिशत ही है. आज हर भारतीय स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देखकर गौरवान्वित है.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डिजिटल इंडिया का किया जिक्र करते हुए कहा कि भारत में बिजनेस करना आसान हो इसके लिए मेरी सरकार काम कर रही है. इज ऑफ डूइंग आसान हो रहा है. सरकार का एक और बड़ा रिफॉर्म डिजिटल इंडिया का निर्माण है. डिजिटल इंडिया ने भारत में बिजनेस को आसान बना दिया गया है. आज देश के चार बेहद अहम स्तंभ हैं. युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब से ये देश खड़ा है. देश के हर समाज में इनकी स्थिति ऐसी ही है. इसलिए इन चार स्तंभों को ठीक करने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है. 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को पक्का घर मिला है. 11 करोड़ ग्रामीणों को पाइप से पानी पहुंचा है. कोरोना काल से ही 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है. अब इसे आने वाले 5 वर्षों के लिए आगे बढ़ाया गया है. इसपर 11 लाख करोड़ रुपये और खर्च होने का अनुमान है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश में 15 नवंबर से विकसित भारत संपर्क यात्रा चल रही है. अभी तक इस यात्रा से करीब 19 करोड़ देशवासी जुड़ चुके है. पिछले दो वर्षों में विश्व ने दो युद्ध देखे और कोरोना जैसी महामारी देखी. इसके बावजूद सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा और सामान्य भारतीयों का बोझ नहीं बढ़ने दिया. 2014 से पहले के 10 वर्षों में औसत महंगाई दर 8 फीसदी से अधिक थी. पिछले दशकों में औसत महंगाई 5 प्रतिशत रही. मेरी सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो. पहले देशवासियों को 2 लाख रुपये की आय पर टैक्स लग जाता था. आज भारत में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगता है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने किसानों का भी जिक्र करते हुए कहा कि मेरी सरकार ने पहली बार 10 करोड़ से अधिक किसानों को देश की कृषि योजना में प्रमुखता दी है।l. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिल चुके हैं. दो सालों में किसानों के लिए बैंक से आसान लोन में तीन गुना वृद्धि की गई है. पिछले 10 लाख वर्षों में लगभग 18 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में धान और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को मिले हैं. किसानों को सस्ती खाद मिले इसके लिए 10 सालों में 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपये खर्च किए गए. आज देश में शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं और इस वजह से मातृ मृत्यु दर में भारी गिरावट आयी है, साथ ही उज्ज्वला योजना का लाभ लेने वाले गरीब परिवारों में बीमारी की घटनाओं में कमी आयी है. कर के एक बड़े हिस्से का उपयोग युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं गरीबों को सशक्त बनाने के लिए किया जा रहा है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट पर बल दे रही है. भारत की युवा शक्ति की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नए कदम उठा रही है. सरकार ने बीते 10 वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है. मेरी सरकार ने वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी, भारत के हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है. आज मेड इन इंडिया एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है.