Rajendra Gudha Vs Hairsh Choudhry on OBC Reservation. राजस्थान की सत्ताधारी कांग्रेस में जारी सियासी घमासान की आग में आए दिन किसी न किसी मुद्दे की आहुति लगती ही जा रही है, जिसके चलते ये आग भभकती ही जा रही है. गहलोत-पायलट जैसे स्थायी मुद्दे के अलावा कभी अफसरों की ACR का मुद्दा हो, या विधायकों के इलाकों के जनउपयोगी मुद्दे हों, किसी न किसी बहाने प्रदेश कांग्रेस में आपसी खींचतान बढ़ती ही जा रही है. हाल ही में OBC आरक्षण की विसंगतियों को लेकर तेजी से शुरू हुआ विवाद अब अलग ही दिशा में जा पहुंचा है. OBC आरक्षण में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे पूर्व मंत्री हरीश चौधरी द्वारा पूर्व सैनिकों को लेकर दिए गए बयान के बाद से सियासत गरमा गई है. चौधरी के बयान के बाद अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले प्रदेश सरकार में पंचायत एवं सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की चेतावनी सामने आई है. राजेंद्र गुढ़ा ने हरीश चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘मेरे सुनने में आया है कि सेना के हमारे पूर्व सैनिकों के अधिकारों के साथ कुठाराघात करने का कुप्रयास किया जा रहा है. जिस दिन ऐसा हुआ उसी दिन मैं इस्तीफा देकर सरकार की ईंट से ईंट बजाने का काम करूंगा.’
राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गजों के बीच में जारी आपसी खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. OBC आरक्षण को लेकर अब कांग्रेस सरकार के पार्टी विधायक और मंत्री ही आमने सामने आ गए हैं. पूर्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है कि ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को सरकार जल्द दूर करे, वरना वे ओबीसी युवाओं के हक के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. यही नहीं हरीश चौधरी ने भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी समेत सभी आरक्षण श्रेणियों से रिजर्वेशन देने की बजाय अलग से कोटा निर्धारित करने की पैरवी कर रहे है. वहीं हरीश चौधरी के बयानों पर अब सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेन्द्र गुढ़ा का बड़ा बयान सामने आया है. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘मेरे सुनने में आया है कि सेना के हमारे पूर्व सैनिकों के अधिकारों के साथ कुठाराघात करने का कुप्रयास किया जा रहा है.’
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राजेंद्र गुढ़ा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘जिस दिन सरकार पूर्व सैनिकों के खिलाफ यह फैसला लेगी, उसी दिन मैं सरकार से रिजाइन कर आप लोगों के बीच आकर खड़ा हो जाऊंगा और सरकार की ईंट से ईंट बजाने का काम करूंगा.’ वहीं जिला पूर्व सैनिक संघ जयपुर पैट्रन सूबेदार अर्जुन सिंह राठौड़ का कहना है कि, ‘सैनिक कल्याण मंत्री ने पूर्व सैनिकों की मांगें गौर से सुनी. हमें आश्वासन दिया है कि किसी कीमत पर उन्हें जाति के आधार पर बंटने नहीं दिया जाएगा. संघ के पदाधिकारियों ने भी बदलाव की मांग का पुरजोर विरोध किया है.’
बता दें कि, 2018 में वसुंधरा राजे सरकार में OBC सहित अन्य कैटेगरी के आरक्षण में भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण कोटे को खत्म कर मूल भर्ती के कुल पदों में से भूतपूर्व सैनिकों का 12.5% कोटा तय किया गया है. इससे कुल पदों में OBC की आबादी ज्यादा होने से भूतपूर्व सैनिकों में सबसे ज्यादा ओबीसी के भूतपूर्व सैनिकों का चयन होता है. इसके बाद सरकार इन भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण वर्गों की कैटेगरी में से कटौती की. इससे OBC के 21% आरक्षण कोटे के अधिकांश पदों पर भूतपूर्व सैनिक काबिज हो जाते हैं. OBC के मूल वर्ग को पद नहीं मिल पाते हैं. कई भर्तियों में तो भूतपूर्व सैनिकों के अलावा OBC के मूल लोगों को एक भी पद नहीं मिला है.
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वहीं हरीश चौधरी एवं OBC समुदाय की सरकार से मांग है कि, भूतपूर्व सैनिकों के कोटे को आरक्षित वर्ग से काटना बंद करें. 2018 की पुरानी व्यवस्था लागू करें. ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान की मांग है कि भूतपूर्व सैनिकों की मेरिट कुल पदों पर बनाई जाती है. इसमें 36% बिना आरक्षित पदों में से काटा जाए. ओबीसी के मूल आरक्षण कोटे को सुरक्षित रखा जाए. 2018 से पूर्व की भांति भूतपूर्व सैनिकों का 12.5 % आरक्षित कोटा आरक्षित वर्ग के कोटे से काटा जाए. रोस्टर व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करने, ओबीसी को जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण देने सहित कई मांगे शामिल हैं.