Politalks.News/Agnipath/Bihar. अग्निपथ को लेकर आक्रोशित अग्निवीरों को लेकर देश की सियासत गर्म है. एक तरफ जहां ये अग्निवीर बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस योजना को वापस लेने की बात कह रहे हैं तो वहीं सियासी दल इसे लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं. केंद्र की इस योजना का सबसे ज्यादा विरोध अगर कहीं देखने को मिल रहा है तो वो बिहार है. बिहार में जहां प्रदर्शनकारी उग्र प्रदर्शन करते हुए जहां बीजेपी नेताओं के घरों एवं काफिलों को निशाना बना रहे हैं तो वहीं इसे लेकर अब सूबे की सत्ता में बैठे दो प्रमुख सहयोगी दल बीजेपी और जदयू आमने सामने आ गए हैं. बीजेपी नेता संजय जयसवाल ने जहां बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘सिर्फ भाजपा को टारगेट किया जा रहा है. इसे जल्द रोका जाए, नहीं तो फिर किसी के लिए ठीक नहीं होगा.’ वहीं जायसवाल के बयान पर पलटवार करते हुए ललन सिंह ने कहा कि, ‘जायसवाल मानसिक संतुलन खो बैठे हैं,अच्छा होगा कि वो युवाओं को समझाएं.’
भारत सरकार की योजना अग्निपथ को लेकर देश में फैली हिंसा के मामले में बिहार का नाम सबसे आगे आ रहा है. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने खूब उत्पात मचाया और ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. यहीं नहीं यहां तो प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी नेताओं को भी नहीं छोड़ा. लेकिन सवाल सबसे बड़ा ये है कि बिहार में तो JDU और बीजेपी दोनों की गठबंधन की सरकार है तो फिर सिर्फ बीजेपी नेताओं और पार्टी दफ्तरों पर हमले हो रहे है. कुछ ऐसा ही कहना है, BJP प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का. संजय जायसवाल ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, अग्निपथ योजना पर उपद्रव बिहार को तबाह करने का षड्यंत्र था. क्षोभ की बात यह है कि पुलिस प्रशासन इस दौरान गैर जिम्मेदार बना रहा अनयथा उपद्रव पर नियंत्रण पाया जा सकता था. हमारे मधेपुरा कार्यालय में जब आग लगाई गई उस वक्त 300 पुलिसकर्मी मौजूद थे. बावजूद उस घटना को अंजाम दिया गया. कई मामलों पर पुलिस ने बातें छिपाने की भी कोशिश की है.’
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बीजेपी नेता जायसवाल ने कहा कि, ‘बिहार में सिर्फ भाजपा को टारगेट किया जा रहा है. इसे जल्द रोका जाए, नहीं तो फिर किसी के लिए ठीक नहीं होगा. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘विपक्ष सोची समझी साजिश के तहत इन घटना को अंजाम दिलवा रहा है. बिहार के साथ साथ पुरे देश में प्रदर्शन कर रहे लोगों में कोई भी छात्र नहीं हैं क्योंकि छात्र कभी हिंसा नहीं करते हैं. ये सब उपद्रवी हैं, जो विपक्ष के कहे अनुसार देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं.’ वहीं जदयू के इस योजना पर पुनर्विचार करने वाले बयान पर जायसवाल ने कहा कि, ‘हम लोग अलग-अलग दल के हैं तो आपत्ति होना लाजमी है, लेकिन वो आएं और हमें इसका कारण बताए कि इसमें क्या गलती है.’
वहीं संजय जायसवाल के इस बयान पर अब जेडीयू की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि, ‘हमारी पार्टी को किसी भी सूरत में संजय जायसवाल से शिक्षा लेने की जरूरत नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अच्छे से सरकार चलाना आता है और उनके नेतृत्व में प्रशासन भी अच्छा काम कर रहा है. मामले को बिगड़ता देख BJP अपना संतुलन खो चुकी है इसीलिए उनको संतुलन बनाए रखने की जरूरत है. अगर BJP को लगता है कि यहां का प्रशासन लापरवाही बरत रहा है तो BJP शासित प्रदेश में प्रशासन को क्यों नहीं कह रहे उपद्रवी पर गोली चलवा दें.’ इससे पहले एक दिन पूर्व ही ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने की बात कही थी.
शुक्रवार को ललन सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा था कि, ‘केंद्र द्वारा की गयी अग्निपथ योजना की घोषणा से बिहार और देश के अन्य हिस्सों के युवाओं में आक्रोश पैदा हो गया है इसलिए केंद्र को इस योजना पर अविलंब पुनर्विचार के बारे में सोचना चाहिए. यदि यह संभव नहीं है तो युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि इस योजना से उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.’ आपको बता दें कि पिछले 4 दिनों में अग्निवीरों ने भाजपा के तीन जिला कार्यालयों में आग लगा दी. कल यानी शुक्रवार को सासाराम और मधेपुरा के भाजपा कार्यालयों में आग लगा दी थी. इस पूरे प्रकरण में भाजपा के पांच नेता निशाने पर रहे. पहले बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी के आवास पर हमला किया था, फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर. वहीं, लौरिया के भाजपा विधायक और भोजपुरी फिल्म के गीतकार विनय बिहारी पर सेना अभ्यर्थियों ने हमला किया था. वहीं, गुरुवार को नवादा से विधायक अरुणा देवी और छपरा से विधायक सीएन गुप्ता पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था. वहीं, नवादा के जिला कार्यालय को भी फूंक दिया था.