ब्रिटेन में पीएम जॉनसन का इस्तीफा, क्रिस पिंचर द्वारा दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छूना बना वजह

ब्रिटेन में भी आया सियासी संकट, सरकार के खिलाफ अविश्वास इस कदर बढ़ा कि 36 घंटे पहले ही मंत्री बनाए गए मिशेल डोनेलन के इस्तीफे के बाद बुधवार शाम तक कैबिनेट के 17 मंत्रियों, 12 संसदीय सचिवों और विदेशों में नियुक्त सरकार के 4 प्रतिनिधियों ने भी दे दिया इस्तीफा, बोरिस जॉनसन के काम करने के तरीकों, लॉकडाउन पार्टी और कुछ नेताओं के सैक्स स्कैंडल को बनाया मुद्दा

img 20220707 wa0149
img 20220707 wa0149

Politalks.News/UK/PrimeMinister. भारत के किसी न किसी राज्य में हर एक दो महीने में आने वाले सियासी संकट की हवा शायद सात समुंदर पार ब्रिटेन तक पहुंच गई है. ब्रिटेन में आए सियासी संकट की परिणीति प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के साथ पूरी हो गई है. पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन ने कहा कि पीएम पद के लिए जब तक किसी नेता का चयन नहीं हो जाता है, तब तक वो इस पद पर रहेंगे. इसके साथ ही जॉनसन ने बताया कि देश के नए वित्त मंत्री चीफ नादिम जहावी के कहने पर उन्होंने देश की भलाई के लिए यह इस्तीफा दिया है. बोरिस ने आगे कहा कि पद पर रहते हुए उन्होंने जितनी उपलब्धियां पाईं उस पर उनको गर्व है. बोरिस जॉनसन ने अपने संबोधन में कहा कि जो भी देश के नए प्रधानमंत्री होंगे, उनको वो पूरा समर्थन करेंगे. जॉनसन ने कहा कि अब तक के पूरे घटनाक्रम से साफ है कि अब संसदीय दल चाहता है कि पार्टी का नया नेता प्रधानमंत्री के पद पर बैठे.

दरअसल, बतौर पीएम बोरिस जॉनसन में अविश्वास जताते हुए 50 से ज्यादा मंत्रियों और सांसदों ने इस्तीफा दे दिया था. सरकार के खिलाफ अविश्वास इस कदर बढ़ता जा रहा था कि 36 घंटे पहले ही मंत्री बनाए गए मिशेल डोनेलन ने भी इस्तीफा दे दिया. बुधवार शाम तक कैबिनेट के 17 मंत्रियों, 12 संसदीय सचिवों और विदेशों में नियुक्त सरकार के 4 प्रतिनिधियों ने इस्तीफा दे दिया था. इस सबके बाद जॉनसन पर भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे का दबाव था. बता दें, इस्तीफा देने वाले सभी सांसदों और मंत्रियों ने जॉनसन के काम करने के तरीकों, लॉकडाउन पार्टी और कुछ नेताओं के सैक्स स्कैंडल को मुद्दा बनाया है.

यह भी पढ़ें: कपड़ों को हाथ कैसे लगाया, मंत्री आए तो क्या हमारे कपड़े फेंक दोगे? महिला सांसद ने किसे लगाई फटकार?

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर इस सियासी संकट की शुरुआत क्रिस पिंचर की नियुक्ति से हुई थी. इस साल फरवरी में पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टा का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया गया था. “द सन” की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. बताया गया कि इससे पहले भी कई बार उन पर इस तरह के सेक्स स्केंडल के आरोप लग चुके हैं. यह रिपोर्ट सामने आने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से रिजाइन कर दिया. कंजर्वेटिव पार्टी के कुछा सांसदों का कहना था कि जॉनसन को क्रिस पिंचर पर लगे आरोपों के बारे में पता था और फिर भी उनको नियुक्त किया गया.

यह भी पढ़ें: ‘बोल देना नशे में था तो बच जाएगा’- नूपुर को धमकी देने वाले हिस्ट्रीशीटर चिश्ती को गहलोत पुलिस का ज्ञान

वहीं, बीती 1 जुलाई को ब्रिटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को क्रिस पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं थी और फिर सरकारी प्रवक्ता ने 4 जुलाई को कहा कि प्रधानमंत्री इन आरोपों के बारे में जानते थे, लेकिन आरोप साबित नहीं हुए थे इसलिए पिंचर को नियुक्त ना करना सही नहीं समझा. इसके बाद, जॉनसन के मंत्रियों ने एक के बाद एक इस्तीफा देना शुरू कर दिया. सबसे पहले 5 जुलाई को वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने रिजाइन किया. उनके बाद स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और उनके अलावा 2 कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया. इस तरह दो दिन में ही 41 मंत्रियों ने रिजाइन कर दिया.

Leave a Reply