Politalks.News/Bharat. साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. चुनावी रणनीतिकार के रूप में देशभर में लोहा मनवा चुके प्रशांत किशोर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकातों ने सियासी अफवाहों को जोर दे दिया है. इन मुलाकातों में प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने को लेकर अपनी निर्वाचन क्षेत्रवार गणित को स्पष्ट किया है. सियासी पंडितों का कहना है कि क्या प्रशांत किशोर के पास सच में बीजेपी को हराने का फॉर्मूला है ?
रणनीति का लोहा मनवा चुके पीके-
पश्चिम बंगाल में TMC के मुख्य चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भाजपा को धूल चटाई थी. TMC की जीत में पीके की रणनीति का अहम रोल था. अब बंगाल की जीत के बाद प्रशांत किशोर की दिमाग में क्या चल रहा है ये तो समय ही बताएगा. लेकिन पिछले पखवाड़े में हुई पीके और शरद पवार की मीटिंग में देश की हर लोकसभा सीट को लेकर दोनों के बीच बात हुई है.
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आमने-सामने के मुकाबले में दी जा सकती है भाजपा को मात !
सूत्रों की माने तो पीके का मानना है कि यदि आमने-सामने का मुकाबला हो तो भाजपा को आसानी से सत्ता से बाहर किया जा सकता है. पीके का केल्कुलेशन है कि विपक्षी पार्टियों के मत विभाजित हो जाने के कारण ही भाजपा साल 2014 और साल 2019 में सत्ता में आई थी. सूत्रों की माने तो प्रशांत किशोर का फॉर्मूला है कि अभी लोकसभा चुनाव में समय है. किसी भी प्रकार के मतभेदों को दूर करने के लिए पर्याप्त वार्ता और विचार विमर्श किया जा सकता है, ताकि 543 सीटों में से कम से कम 350 सीटों पर सीधी टक्कर यानि भाजपा से वन टू वन फाइट होनी चाहिए.
बिना कांग्रेस भाजपा को हराना असंभव !
ऐसा भी बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने पवार को सलाह भी दी है कि कांग्रेस के बिना किसी भी मोर्चे की कवायद को विराम लगा दें. मंगलवार को शरद पवार ने कुछ राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ मीटिंग की थी. प्रशांत किशोर ने शरद पवार से कहा है कि 543 में से 300 सीटें कांग्रेस को दी जाएं. और बाकि की बची हुई सीटें अन्य पार्टियो में उनकी पॉजिशन, पावर और स्थानीय समीकरणों के हिसाब से बांटी जाएं. पीके का मानना है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में केवल कांग्रेस ही भाजपा को टक्कर दे सकती है. क्योंकि इन राज्यों में क्षेत्रीय दलों की हालात भाजपा का हराने जैसी नहीं है.
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पर्दे के पीछे राहुल की रणनीति !
प्रशांत किशोर और शरद पवार की ये सारी कवायद और होमवर्क पूरा होने पर पूरा मसला सोनिया गांधी के दरबार में जाता दिख रहा है. इसके बाद ही राष्ट्रीय विकल्प पर चर्चा होगी. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर और शरद पवार ये जो पूरा काम कर रहे हैं. इसके लिए राहुल गांधी ने ही शरद पवार को सुझाव दिया था. राहुल पहले भी कह चुके हैं कि शरद पवार विपक्ष के वरिष्ठतम सदस्यों में से एक है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के कहने पर ही पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशांत किशोर को पंजाब सरकार का प्रधान सलाहकार बनाया है. पीके को कैप्टन ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है ताकि विधानसभा चुनाव में पीके की मदद ली जा सके.