Politalks.News/Rajasthan. दिसंबर के पहले पखवाड़े में मरुधरा (Rajasthan) में सियासी सरगर्मियां चरम पर रहेंगी. 5 दिसंबर को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah,) और 12 दिसंबर को कांग्रेस (Congress) की महारैली होनी है. वहीं 6 दिसंबर को बसपा का जयपुर में ही राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होना है. लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में कोरोना के सबसे संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) की एंट्री होने की आहट है. जयपुर में 7 दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से आए एक परिवार के 4 लोग पॉजिटिव आए हैं. इनमें दंपती समेत उनकी दो बच्चियां (8 और 15 साल) पॉजिटिव मिले हैं. चिंता अब और बढ़ गई है अब आदर्श नगर में जिन 12 रिश्तेदारों से मिले, उनमें से भी 5 लोग पॉजिटिव आए हैं. सभी को ओमिक्रॉन का संदिग्ध मानते हुए क्वारैंटाइन किया गया है. जयपुर समेत प्रदेश की जनता में कोरोना के नए वैरिएंट का भय है. इधर कांग्रेस की महारैली की तैयारियों की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व मंत्री शर्मा के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर हड़कंप मचा हुआ है. इसके उलट राजनीतिक पार्टियां अपने कार्यक्रमों को सफल बनाने में जुटी है. इधर इन राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है.
12 दिसंबर को कांग्रेस जयपुर में महंगाई हटाओ महारैली की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी सहित पूरे देश के दिग्गज इस रैली में शामिल होंगे. गहलोत सरकार और राजस्थान कांग्रेस ने इसे नाक का सवाल बना लिया है. महारैली की तैयारियों को लेकर सीएम गहलोत (Ashok Gehlot,), पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट प्रभारी अजय माकन, के सी वेणुगोपाल, पीसीसी चीफ डोटासरा समेत तमाम नेता विद्याधर नगर स्टेडियम पहुंचकर जायजा लिया. वहीं अब जिला प्रभारी बनाए गए मंत्रियों को जिलों में भेज दिया गया है. भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी अब इन्हीं पर होगी.
यह भी पढ़ें- क्या कैप्टन के बाद अब आजाद? ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे गुलाम नबी क्या बनाने जा रहे हैं नई पार्टी?
राजस्थान में राष्ट्रीय स्तर की रैली के सवाल पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘दिल्ली में राष्ट्रीय रैली की परमिशन नहीं दिया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है. महंगाई का मुद्दा पूरे देश में बना हुआ है. तो ऐसे वक्त में अगर पूरे देशवासियों की भावनाओं को बताने के लिए रैली रखी गई थी, उन्होंने उसको परमिशन क्यों नहीं दी? हम सोनिया जी, राहुल जी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने राजस्थान को चुना है, जयपुर को और मैं उम्मीद करता हूं कि राजस्थान से लोग आएंगे ही आएंगे बड़ी संख्या में, पूरे देश से लोग आएंगे, बहुत कामयाब रैली होगी’. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार तो सुनवाई कर ही नहीं रही है देशवासियों की, चाहे महंगाई हो आम आदमी के लिए, चाहे किसान हो, कोई परवाह ही नहीं कर रहे हैं वो, वो तो अहम-घमंड में ही मर रहे हैं और जनता आने वाले वक्त में भाजपा को सबक सिखाएगी. घमंड और अहम किसी का काम नहीं आता है, डेमोक्रेसी के अंदर आपको विनम्र रहना पड़ता है’.
कांग्रेस की महारैली की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को सीएम आवास में मंत्रियों की बैठक हुई. इसके बाद पीसीसी में सत्ता और संगठन की एक साझा महाबैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में प्रभारी माकन ने कहा कि, ‘जयपुर में पहली बार राष्ट्रीय रैली हो रही है. ये हमारे लिए गर्व की बात है. आलाकमान ने राजस्थान पर भरोसा जताया है. अगले 3 दिन कांग्रेस नेता घर-घर जाकर महंगाई के मुद्दे पर लोगों को जानकारी देंगे, सभी नेताओं को रैली में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की दी गई है’. कांग्रेस के नेताओं का कहना है इस रैली में 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंचेंगे.
यह भी पढ़ें- जिलों का प्रभार मिलते ही मंत्रियों की पहली ‘अग्रिपरीक्षा’, महारैली में भीड़ जुटाने की रहेगी जिम्मेदारी
इससे पहले जयपुर में 12 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस रैली की तैयारी बैठक के 2 दिन बाद पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. 30 नवंबर को पीसीसी में हुई बैठक में शर्मा भी शामिल हुए थे. उन्होंने मास्क ठीक तरीके से नहीं लगाया था. मास्क नाक से नीचे था. उनके साथ शामिल लोगों पर अब संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है. उनके आसपास तो कई मंत्री और विधायक थे. बैठक से पहले भारी भीड़ के बीच बृजकिशोर कई नेताओं से मिले थे.
कांग्रेस-भाजपा और बसपा में भीड़ जुटाने की होड़ मची है. पार्टियां अपने नेताओं को भीड़ बुलाने के लिए टारगेट दे रही हैं. यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की प्रस्तावित रैली की तैयारियों का जायजा लेकर आए हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां भी JECC के चक्कर लगा रहे हैं और कार्यकर्ताओं को अमित शाह के स्वागत में भीड़ जमा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. भाजपा या कांग्रेस, इस बात पर जरा भी विचार नहीं कर रही हैं कि उनकी ये रैलियां किस रफ्तार से कोरोना बढ़ा सकती हैं. आपको याद दिला दें कि प्रदेश में जब भी चुनाव की रैलियों में भीड़ जुटी कोरोना का बड़ा अटैक हुआ है. पिछले साल पंचायत और निगम चुनाव प्रचार में कोरोना भी खूब फैला था. इसमें प्रदेश के चार विधायक, एक पूर्व सांसद और तीन पूर्व मंत्रियों की कोरोना से मौत हो चुकी है.