जिलों का प्रभार मिलते ही मंत्रियों की पहली ‘अग्रिपरीक्षा’, महारैली में भीड़ जुटाने की रहेगी जिम्मेदारी

मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद अब जिलों का प्रभार, महेश जोशी से छीना 'ससुराल' वाले जिले का प्रभार, अब संभालेंगे भीलवाड़ा, शांति धारीवाल संभालते रहेंगे पिंकसिटी, सीएम का गृह जिला गर्ग के हाथ, सबसे वरिष्ठ कल्ला को सबसे जटिल अलवर की कमान, वहीं पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक की कमान सालेह मोहम्मद को दी, लेकिन पहली जिम्मेदारी फिलहाल रैली में भीड़ जुटाने की

प्रभारी मंत्रियों की पहली 'अग्निपरीक्षा'
प्रभारी मंत्रियों की पहली 'अग्निपरीक्षा'

Politalks.News/Rajasthan. मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नए मंत्रियों और पुराने दिग्गजों की पहली अग्निपरीक्षा जल्द होने वाली है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने अपनी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के बीच प्रदेश के जिलों का प्रभार का बंटवारा कर दिया है. इसके साथ ही पहली अग्निपरीक्षा के लिए मंत्री निकल भी चुके हैं. 12 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस (Congress) की महंगाई हटाओ महारैली के लिए भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भी इन दिग्गजों पर होगी. बाद करें प्रभार की तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर (Jaipur) का प्रभारी बनाया गया है. जबकि शिक्षा मंत्री बुलाकीदास कल्ला को अलवर (alwer)और हेमाराम चौधरी को जैसलमेर का प्रभारी बनाया गया है. सीएम ने अपने गृह जिले की जिम्मेदारी सुभाष गर्ग को दी है तो महेश जोशी के उनके ससुराल भरतपुर से हटाकर भीलवाड़ा की जिम्मेदारी दी गई है.

मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद जिलों का प्रभार दिए जाने का उद्देश्य यह होता है कि सरकार की योजनाओं को प्रदेश के हर व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके. सरकार के ये मंत्री प्रभार वाले जिलों का नियमित दौरा करते हैं. जिले की विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई भी इन मंत्रियों की जिम्मेदारी होती है. लेकिन इस बार पहली अग्निपरीक्षा के तहत महारैली को सफल बनाने के लिए मंत्रियों को भीड़ लाने का लक्ष्य दिया गया है. आज से सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के 3 दिन के दौरे पर निकल गए हैं. इस दौरान संगठन के प्रभारी भी प्रभारी मंत्रियों के साथ रहेंगे और रैली में ज्यादा से ज्यादा भीड़ कैसे जुटाई जा सके इसे लेकर हर जिले में अगले 3 दिन बैठकों का दौर चलेगा.

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अपने प्रभार के जिलों में जा रहे इन महारथियों को तीन दिन सघन दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों से 3 दिन बाद वापस जयपुर लौट आएंगे और आगे की रणनीति तय करने के लिए 7 दिसंबर को प्रदेश प्रभारी अजय माकन इन सभी प्रभारी मंत्रियों और संगठन के जिला प्रभारियों और संभाग प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे. साथ ही रैली को सफल बनाने के लिए आगे की रणनीति भी तैयार करेंगे. बताया जा रहा है कि जयपुर संभाग के मंत्रियों पर भीड़ जुटाने का सबसे ज्यादा दारोमदार रहने वाला है.

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अब आपको बताते हैं किस मंत्री को किस जिले की जिम्मेदारी दी गई है. वरिष्ठ मंत्री बीडी कल्ला को अलवर, शांति धारीवाल को जयपुर, हेमाराम चौधरी को जैसलमेर, परसादी लाल मीणा कोटा, लाल सिंह कटारिया को बीकानेर, महेंद्रजीत सिंह मालवीय को अजमेर, महेश जोशी को भीलवाड़ा, रामलाल जाट को उदयपुर, प्रमोद जैन भाया को झालावाड़, विश्वेंद्र सिंह को दौसा, रमेश मीणा को भरतपुर, उदयलाल आंजना को राजसमंद, प्रताप सिंह खाचरियावास को चित्तौड़गढ़, शाले मोहम्मद को टोंक, ममता भूपेश को झुंझुनूं, भजन लाल जाटव को सवाई माधोपुर, टीकाराम जूली को पाली, गोविंद राम मेघवाल को गंगानगर/हनुमानगढ़, शकुंतला रावत को सीकर, बृजेंद्र ओला को चूरू, मुरारी लाल मीणा को प्रतापगढ़, राजेंद्र गुढ़ा को बारां, जाहिदा खान को बूंदी, अर्जुनसिंह बामनिया को जालौर, अशोक चांदना को करौली/धौलपुर, भंवर सिंह भाटी को डूंगरपुर/ बांसवाड़ा , राजेंद्र सिंह यादव को नागौर, सुखराम बिश्नोई को बाड़मेर, सुभाष गर्ग जोधपुर, महेंद्र चौधरी को सिरोही जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है.

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