अब गाय पालने का नहीं लेना होगा लाइसेंस- सीएम गहलोत बोले- मैं भी हिंदू हूं और मुझे हिंदू होने पर है गर्व

मैं घोषणा करता हूं, अब गौशालाओं को 9 महीने के लिए अनुदान मिलेगा और इसी वित्तीय वर्ष स मिलेगा, राज्य में प्रत्येक ब्लॉक में नंदीशाला के निर्माण पर सरकार 1 करोड़ 56 लाख रुपए का देगी अनुदान, कुछ RSS के लोग मुझे मिले, मैंने उन्हें मोहन भागवत और पीएम मोदी को एक संदेश देने को कहा कि हम RSS या BJP के दुश्मन नहीं हैं, हमारी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है, खाली आप एक काम करो कि हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं हो- सीएम अशोक गहलोत

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के गो-पालकों को बड़ी खुशी देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि राजस्थान के शहरों में गाय पालने के लिए लाइसेंस लेने का नियम अब लागू नहीं होगा. इसके साथ ही CM गहलोत ने गौशालाओं को इसी वित्तीय वर्ष से साल के 9 महीने अनुदान देने की भी घोषणा की है, इससे पहले तक 6 महीने अनुदान दिया जाता था. रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा गो भक्तों और संतों के साथ गोरक्षा संत ओंकार महासभा में शामिल हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार 1 करोड़ रुपए के अनुदान से सभी ग्राम पंचायतों में सामाजिक संगठनों की मदद से गौशालाएं खोलने जा रही है.

राजस्थान गो सेवा समिति की ओर से जयपुर के सांगानेर स्थित पिंजरापोल गौशाला में हुए गोरक्षा सन्त हुंकार महासभा के आयोजन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश से एक परिपत्र निकल गया कि घरों में गाय नहीं रख सकते, अब उसका लाइसेंस हो गया है. उस आदेश के बारे में मैंने सरकार के मंत्रालय से मालूम करवाया है, वह जयपुर में लागू हुआ है. मैंने कह दिया है, राजस्थान में वह आदेश कहीं भी लागू नहीं होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मैं घोषणा करता हूं, अब गौशालाओं को 9 महीने के लिए अनुदान मिलेगा और इसी वित्तीय वर्ष से यह अनुदान मिलेगा. यही नहीं राज्य में प्रत्येक ब्लॉक में नंदीशाला के निर्माण पर सरकार 1 करोड़ 56 लाख रुपए का अनुदान देगी.’

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दरअसल, अप्रैल 2022 में निकले डीएलबी के एक सर्कुलर के मुताबिक, प्रदेश के 213 शहरों में एक ही गाय या भैंस पाली जा सकती थी. इसके लिए भी कम से कम 100 वर्गगज जमीन अलग तय कर निगम या पालिका से लाइसेंस लेने की शर्त लगाई गई थी, इसके लिए राज्य सरकार ने नए गोपालन नियम लागू कर दिए. पशु मालिक को पाबंद किया गया कि पड़ोस में रहने वालों को गोबर-मूत्र आदि से कोई परेशानी न हो. हर पशु के कान में टैग बांधना अनिवार्य होगा, जिस पर मालिक का नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखना होगा. पशु बाहर घूमता पाया गया तो 10 हजार रुपए तक जुर्माना होगा और रास्ते या खुले स्थान पर पशु को बांधा नहीं जा सकेगा. पशुपालक कूड़ेदान में इकट्ठा गोबर को हर 10 दिन में निगम या निकाय की सीमा से बाहर ले जाएगा. केंचुआ खाद बना सकेगा, लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन होने पर 1 महीने के नोटिस पर लाइसेंस रद्द होगा और उसके बाद पशु नहीं पाल सकेंगे. शहरी क्षेत्र के लिए निकाले गए इन नए नियमों से जुड़े आदेश को लेकर काफी विरोध हो रहा था और कई गो भक्तों की भावनाएं भी आहत हो रहीं थीं. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.

धर्म के नाम पर हो रही राजनीति पर हमला बोला: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे वे हिंदू हैं और उन्हें हिंदू होने पर गर्व है और मैं भी यही कहता हूं कि हमें हिंदू होने पर गर्व है. सीएम गहलोत ने कहा कि वर्तमान में कुछ लोग डिवीजन करने की कोशिश कर रहे हैं. वो कहते हैं कि कांग्रेस तो मुसलमानों की पार्टी बन गई है. सीएम ने कहा कि ऐसा करके भले ही वो लोग चुनाव जीत लें लेकिन लंबे समय के लिए यह उचित नहीं है.

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RSS पर निशाना-हिंसा किसी रूप में बर्दाश्त नहीं
कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि, कुछ RSS के लोग मुझे मिले, मैंने उन्हें मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक संदेश देने को कहा कि हम RSS या BJP के दुश्मन नहीं हैं. हमारी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है और होनी भी नहीं चाहिए. खाली आप एक काम करो कि हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं हो. महात्मा गांधी ने भी कहा था कि हिंसा का जवाब हिंसा नहीं हो सकता है. गांधीजी ने कहा था कि आंख के बदले आंख की नीति पर चलने से सारी दुनिया के अंधे होने का खतरा है. किसी को भी हिंसा बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए, बल्कि हिंसक तत्वों का बहिष्कार करना चाहिए.

इसके साथ ही कार्यक्रम में मौजूद साधु संतों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि साधु-महात्मा दूर दृष्टि रखते हैं. आने वाले भविष्य में प्राणी मात्र का क्या होगा यह दूरदृष्टि संत-महात्माओं में होती है. कोई भी नहीं सोच सकता कि देश में तनाव रहे, हिंसा भड़के, दंगे हों लेकिन आज माहौल चिंताजनक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि साधु-संत कभी नहीं चाहेंगे कि कोई हिंसा हो या जीव मात्र की हत्या हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मंदिर भी जाता हूं मस्जिद भी जाता हूं, गुरुद्वारा और चर्च में भी जाता हूं लेकिन मैं वहां केवल एक ही प्रार्थना करता हूं कि कि वसुदैव कुटुंबकम की तरह पूरी दुनिया एक परिवार की तरह रहे.

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