Politalks.News/Rajasthan. ‘70 साल के बाद में नेताओं को मार्गदर्शन देना चाहिए और नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए, उनको आशीर्वाद देना चाहिए, मैं 70 साल में रिटायरमेंट ले लूंगा,’ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के इस बयान के सामने आने के बाद से प्रदेश के साथ साथ देश में भी चर्चाओं का दौर जारी है. सतीश पूनियां के इस बयान के सामने आने के बाद जहां भाजपा के कई नेताओं ने इसे गलत बताया तो वहीं विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया. क्योंकि अगर सतीश पूनियां के बयान को आधार बनाकर देखा जाए तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को तो अगले 5 साल में रिटायर हो जाना चाहिए. इस हिसाब से देखा जाए तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 72 साल के हैं और 2024 तक वे 74 के पुरे हो जाएंगे. क्योंकि बीजेपी का तो ये उसूल है कि 75 बाद के नेताओं को मार्गदर्शन करना चाहिए. ऐसे में चौतरफा घिरी बीजेपी के बचाव में गुरूवार को राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने सतीश पूनियां के इस बयान को निजी बयान बताकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया.
आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महत्सव के तहत चलाये जा रहे हर घर तिरंगा अभियान की औपचारिक शुरुआत के लिए जयपुर पहुंचे प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने बड़ा बयान दिया. गुरूवार को पत्रकारों से बात करते हुए अरुण सिंह ने कहा कि, ‘विधानसभा चुनाव में 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ नेताओं के टिकट नहीं काटे जाएंगे. इन नेताओं ने पार्टी के लिए हर स्तर पर मेहनत की है. ऐसे में पार्टी कभी भी अपने नेताओं कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं कर सकती.’ सतीश पूनियां के द्वारा दिया गया बयान उनका अपना निजी विचार है. पार्टी से उसका कोई संबंध नहीं है.’ अगले महीने सितंबर में सतीश पूनियां के अध्यक्ष के तौर पर 3 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. जब इससे जुड़ा सवाल अरुण सिंह से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश संगठन में काेई बड़ा बदलाव नहीं होगा.’
अरुण सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि राजस्थान में भाजपा रिकॉर्ड सीटों के साथ सत्ता में आएगी.’ वहीं युवाओं को मौके देने के सवाल पर अरुण सिंह ने कहा कि, ‘भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जिसने युवाओं काे मौका देने की बात जमीनी स्तर पर लागू की है. आगमी विधानसभा चुनाव में युवाओं काे भी भरपूर अवसर मिलेगा.’ वहीं भरतपुर में संत विजयदास के आत्मदाह मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच करने के सवाल पर अरुण सिंह ने कहा कि, ‘जब हमने भरतपुर में संतों से बात कि तो उनकी मांग थी कि इस पुरे मामले की केंद्रीय जांच होनी चाहिए. यही नहीं उन्होंने हमारे समक्ष साक्ष्य भी प्रस्तुत किए थे. उसी के आधार पर हमने मांग रखी कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराई जा सकती है. अभी मामला केंद्र के स्तर पर विचाराधीन है.’
खैर ये तो अरुण सिंह की सियासी बयानबाजी है लेकिन उनके इस बयान से ये साफ़ हो गया कि पार्टी में किसी भी वरिष्ठ नेता का टिकट नहीं काटा जाएगा. वहीं सतीश पूनियां के बयान से सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर अगले चुनाव से पहले 70 पार का फार्मूला लागू हुआ तो फिर मौजूद 12 विधायक, 5 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, 18 पूर्व विधायक के साथ साथ कई विधायक उम्मीदवार भी 70 पार की गिनती में आ रहे हैं. वहीं अगर पूनियां के इस फॉर्मूले पर यदि केंद्र काम करता है तो दिग्गज भाजपा नेताओं में शामिल पूर्व CM वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ, वासुदेव देवनानी, नरपत सिंह राजवी के टिकटों पर संकट खड़ा हो सकता है.
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पिछले महीने जयपुर में आयोजित हुए टॉक जर्नलिज्म कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा था कि, ‘पार्टी में 8 साल से 80 साल तक जो भी काम करता है, उसका सम्मान है. उम्र की बात पर काफी लोग नाराज भी हो सकते हैं. हमारे यहां जनसंघ के नेता हुआ करते थे और अच्छे विचारक हैं नानाजी देशमुख. उन्होंने कहा था- राजनीति के लोगों की भी रिटायरमेंट एज होनी चाहिए. किसी ने पूछा कितनी होनी चाहिए ? नानाजी देशमुख ने जवाब दिया था 65 साल. मैं नानाजी देशमुख की बात में थोड़ी और एड कर देता हूं कि 70 साल के बाद में नेताओं को मार्गदर्शन देना चाहिए और नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए, उनको आशीर्वाद देना चाहिए. मैं 70 साल में रिटायरमेंट ले लूंगा. मैं इस मंच से यह कमिट करता हूं.’