नितीश मंत्रीमंडल का हुआ विस्तार, शाहनवाज को मिला वफादारी का इनाम, बीजेपी का पलड़ा रहा भारी

नितीश मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी दिखा बड़े भाई की भूमिका में, बीजेपी 9 तो जेडीयू के 8 सदस्यों ने ली मंत्री पद की शपथ, तो मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व बीजेपी में नजर आई आंतरिक कलह, बीजेपी नेता ने कहा बीजेपी को बना दिया है बनिया व यादव की पार्टी, मंत्रिमंडल विस्‍तार में उच्‍च जातियों को किया गया है अपमानित

नितीश मंत्रीमंडल का हुआ विस्तार, शाहनवाज को मिला वफादारी का इनाम
नितीश मंत्रीमंडल का हुआ विस्तार, शाहनवाज को मिला वफादारी का इनाम

Politalks.news/Bihar. एक लम्बे इंतजार के बाद नितीश कुमार सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो चूका. लम्बे समय से ये सुगबुगाहट चली आ रही थी कि आखिर नितीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार क्यों अटका पड़ा है लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग चूका है. नितीश सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में आखिरकार बीजेपी ने बड़े भाई की भूमिका निभाई. मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान जदयू के 8 एवं बीजेपी के 9 सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जम्मू कश्मीर प्रभारी शाहनवाज हुसैन को भी नितीश कैबिनेट में जगह मिली है. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी की आंतरिक कलह खुल कर सामने आ गई.

नितीश कैबिनेट में इन नेताओं को मिली जगह
मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे पहले बीजेपी एमएलसी शाहनवाज हुसैन ने मंत्री पद की शपथ ली. उन्‍होंने उर्दू भाषा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. शाहनवाज को नीतीश मंत्रिमंडल में बीजेपी का बड़ा चेहरा माना जा रहा है. शाहनवाज हुसैन के रूप में बीजेपी को राज्य में बड़ा चेहरा मिल गया है. मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण करने को लेकर पटना पहुंचे शाहनवाज हुसैन का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्‍वागत किया.शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार का विकास उनकी प्राथमिकता है. वे नीतीश कुमार के साथ इमानदारी से काम करेंगे. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शाहनवाज ने कहा कि मुझे अपनी जन्‍मभूमि की खिदमत का मौका मिला है. जो भी मंत्री पद मिलगा, उसपर इमानदारी से काम करूंगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के हाथों को मजबूत करूंगा.

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शाहनवाज हुसैन के बाद नालंदा से जेडीयू विधायक श्रवण कुमार ने मंत्री पद किए शपथ ली. श्रवण कुमार मुख्यमंत्री नितीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. श्रवण कुमार के बाद बहादुरपुर से जेडीयू विधायक मदन सहनी ने मंत्री पद की शपथ ली. वे मिथिलांचल में जेडीयू के बड़े चेहरे हैं. इसके बाद मातिहारी से बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली. वे मोतिहारी सीट से लगातार चुनाव जीतते रहे हें. वे पहले भी मंत्री रहे हैं.

प्रमोद कुमार के बाद जेडीयू से एमएलसी संजय कुमार झा ने मंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले संजय झा मिथिलांचल में पार्टी का बड़ा चेहरा हैं. उन्‍होंने मैथिली भाषा में शपथ ली. धमदाहा से जेडीयू विधायक लेसी सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. लेसी सिंह पहले भी मंत्री रहीं हैं. उनके पास बिहार की राजनीति का कई सालों का अनुभव है. संजय झा के बाद बीजेपी एमएलसी सम्राट चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली. वे पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी के बेटे हैं. चौधरी के बाद दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद बीजेपी के ही गोपालगंज से विधायक सुभाष सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली.

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बांकीपुर के बीजेपी विधायक व युवा नेता नितिन नवीन ने मंत्री पद की शपथ ली. चार बार से विधायक नितिन नवीन ने बीते चुनाव में शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के बेटे लव सिन्‍हा को पराजित किया था. जेडीयू कोटे से चकाई के निर्दलीय विधायक सुमीत सिंह ने ली मंत्री पद की शपथ. सुमित सिंह चिराग पासवान के बड़े विरोधी तथा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे हैं. गोपालगंज के भोरे विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक सुनील कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली. वे बिहार पुलिस में डीजी रह चुके हैं. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद उन्‍होंने पहली बार चुनाव जीता है.

नौतन से बीजेपी विधायक नारायण प्रसाद ने ली मंत्री पद की शपथ. वे पहली बार मंत्री बने हैं.बांका के अमरपुर से विधायक जयंत राज ने मंत्री पद की शपथ ली. महज 33 साल के जयंत मंत्रिमंडल के सबसे युवा चेहरा हैं. उन्‍होंने कांग्रेस के जीतेंद्र सिंह को पराजित किया था. सहरसा के बीजेपी विधायक आलोक रंजन झा ने मंत्री पद की शपथ ली. वे पहली बार मंत्री बने हैं. बीएसपी से जेडीयू में आए जमा खान ने मंत्री पद की शपथ ली. वे कैमूर के चैनपुर से विधायक हैं. जमा खान जेडीयू के एकमात्र मुस्लिम विधायक हैं. बीजेपी कोटे से जनक राम ने ली मंत्री पद की शपथ. उन्‍हें एमएलसी बनाया जाएगा. वे बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.

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मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी में दिखी आंतरिक कलह
राजभवन में करीब 50 मिनट तक शपथ ग्रहण समारोह चला जिसमे सबसे पहले शाहनवाज हुसैन तो अंत में जनक राम ने शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह से बीजेपी की आंतरिक कलह खुलकर सामने आई. बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि मंत्रियों की सूची में जातीय व क्षेत्रीय समीकारणों का ध्‍यान नहीं रखा गया है. अनुभवहीन व आपराधिक पृष्‍ठभूमि के लोगों को मंत्री बनाया जा रहा है. बीजेपी को बनिया व यादव की पार्टी बना दिया गया है. मंत्रिमंडल विस्‍तार में उच्‍च जातियों को अपमानित किया गया है.

ज्ञानू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह को भ्रम में डाल कर बिहार के मध्‍यम दर्ज के नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्‍तार में अपनी चलाई है. इसके परिणामस्‍वरूप बीजेपी अगड़ी जातियों के वोट खो देगी. नितीश कैबिनेट के प्रथम विस्तार में 17 विधायकों एवं एमएलसी ने शपथ ली. मंत्रिमंडल विस्‍तारसे पहले ही यह तय किया जा चूका था की बीजेपी व जेडीयू के पास कौन-कौन से विभाग रहेंगे. जहाँ बीजेपी के पास वित्त, वाणिज्य कर, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, नगर विकास व आवास, पंचायती राज, एवं स्वास्थ्य जैसे कई अन्य विभाग अपने पास रखे है तो वहीं गृह विभाग, सामने प्रशासन, निगरानी, सुचना एवं जनसम्पर्क, एवं परिवहन जैसे विभाग जेडीयू के खाते में हैं.

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