केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश कर रही हैं. लोकसभा में बजट पेश के दौरान निर्मला सीतारमण ने सरकार की मंशा जाहिर करते हुए चाणक्य नीति और उर्दू शायरी का इस्तेमाल किया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाणक्य नीति कहती है, कार्य पुरुषा करे, ना लक्ष्यम संपा दयाते’ यानी इच्छाशक्ति के साथ किए प्रयासों से लक्ष्य जरूर हासिल कर लिया जाता है.
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने उर्दू की एक शायरी भी पढ़ी. उन्होंने कहा, ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है’. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चाणक्य नीति और मंजूर हाशमी की शायरी का उदाहरण इसलिए दिया क्योंकि सरकार ने बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की बात कही है. उन्होंने बजट भाषण में बताया कि 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था 1.8 ट्रिलियन डॉलर थी. हमारे सरकार के पांच साल के कार्यकाल में यह बढ़कर 2.7 ट्रिलियन डॉलर हो गई और अब इसे बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर करना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने के लिए मुख्य तौर पर तीन बिंदुओं का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार निर्माण और लोगों की विश्वास की जरुरत है.



























