बंगाल चुनाव के बीच छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर हो सकती है ‘बालाकोट’ जैसी कार्रवाई! मिल रहे संकेत

पश्चिम बंगाल चुनाव और अर्द्धसैनिक बलों पर हमला एक संयोग! प्रशांत किशोर हालही में एक निजी चैनल के इंटरव्यू के दौरान जता चुके हैं ऐसी आशंका, बंगाल में बीजेपी 100 का आंकड़ा तब ही करेगी पार जब अर्धसैनिक बलों पर हो जाए हमला, संभावना है कि बालाकोट जैसा मंजर जल्द देखने को मिल सकता है छत्तीसगढ़ में

छत्तीसगढ़ में हो सकती है 'बालाकोट' जैसी कार्रवाई !
छत्तीसगढ़ में हो सकती है 'बालाकोट' जैसी कार्रवाई !

Politalks.News/Naxalite/BengalElection. छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में शनिवार को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ़ के 22 जवान मारे गए और 32 घायल है वहीं CRPF का एक जवान अब भी लापता है. जहां एक ओर इस घटना को लेकर देशभर में रौष व्याप्त है वहीं अब इस मामले को लेकर नई चर्चा चल पड़ी है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ‘बालाकोट‘ जैसी एक और स्ट्राइक छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर देखने को मिल सकती है. यह बात इसलिए चर्चाओं में आई है कि बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव के चलते अर्धसैनिक बल पर हमले की आशंका को पहले ही जता दिया गया था.

जी हां, भारत की राजनीति को नजदीक से जानने वाले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में कहा था कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच का अंतर तभी कम हो सकता है, जब अर्धसैनिक बलों के ऊपर हमला हो जाए या ऐसी कोई घटना हो जाए? पीके ने यह बात कुछ समय पहले एक निजी चैनल को दिए अपने एक इंटरव्यू में कही थी. जब प्रशांत किशोर से पूछा गया था कि क्या वे अब भी इस बात पर कायम हैं कि भाजपा एक सौ का आंकड़ा नहीं पार कर पाएगी? इस पर पीके ने कहा था कि वे अपनी बात पर कायम हैं, लेकिन एक ही स्थिति में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं, जब अर्धसैनिक बलों पर हमला हो जाए.

यह भी पढ़ें:- कोरोना के बढ़ रहे ऐतिहासिक मामलों के बीच चुनावी रैलियों में भीड़ जुटाने के नेता अपना रहे सियासी ‘हथकंडे’

अब इसे बहुत बड़ा संयोग कहें या महज एक इक्तेफाक कि बंगाल के तीसरे चरण के मतदान से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में माओवादियों के साथ अर्धसैनिक बलों की एक मुठभेड़ हो गई, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए औऱ सीआऱपीएफ की कोबरा बटालियन के एक जवान को माओवादियों ने अगवा कर लिया, दरअसल पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होना है और अब भी यहां पांच चरण का मतदान होना बाकी है.

सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जबरदस्त है कि भाजपा के साथ चुनाव रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके होने की वजह से प्रशांत किशोर कुछ बातें जानते थे या पिछले कुछ समय से हर चुनाव से पहले होने वाली इस किस्म की घटनाओं के विश्लेषण के आधार पर पीके ने यह दावा किया था?

यह भी पढ़ें:- विधानसभा चुनावों में क्यों हो रही चुनाव आयोग की किरकिरी? पांच मामले ऐसे जो चौंका देंगे आपको!

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म करने की हुंकार भरी है. गृह मंत्रालय में बैठकों का दौर तेज हो गया है और खबर है कि सरकार अब नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी कर रही है. शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे अमित शाह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, ‘सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. नक्सली हमले में जान गंवाने वाले जवानों को मैं सरकार और देश के सभी नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि देता हूं, उनका ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. आज हमने इस पर बैठक की है और मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि लड़ाई रुकेगी नहीं बल्कि और गति के साथ आगे बढ़ेगी, अंत में नक्सलियों के खिलाफ हमारी जीत निश्चित है.’

ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार वार्ता करती है या सीधी कार्रवाई का ऐलान करके निर्णायक लड़ाई के लिए उतरती है, संभावना इसी बात की जताई जा रही है कि बंगाल चुनाव के चौथे चरण के बाद किसी भी समय बालाकोट ऐसी एक ओर स्ट्राइक की खबर छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाके से आ सकती है, जिसके बाद प्रशांत किशोर के बीजेपी के 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीतने का दावा भी गलत साबित हो सकता है.

Google search engine