दिल्ली विधानसभा चुनाव से महज 4 दिन पहले आम आदमी पार्टी के 8 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं, एक दिन बाद सभी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. मतदान से ठीक पहले ताबड़तोड़ इस्तीफें आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. पार्टी छोड़ने की वजह टिकट का न मिलना रहा. वैसे इन नेताओं ने पार्टी छोड़ने की वजह पार्टी में बढ़ते भ्रष्टाचार को बताया है. अब सवाल ये उठ रहा है कि जब इन सभी का टिकट एक महीने पहले ही कट चुका था तो ऐन वक्त पर इन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी. हालांकि बीजेपी में शामिल होते ही उनका जवाब बिना दिए ही सबके सामने आ गया. अब अगला सवाल ये है कि क्या बीजेपी ने दिल्ली में भी ऑपरेशन लोट्स चला दिया है.
महरौली से विधायक नरेश यादव, आदर्श नगर से पवन शर्मा, बिजवासन से भूपेंदर सिंह जून, कस्तूरबा नगर से विधायक मदनलाल, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया, जनकपुरी से राजेश ऋषि, पालम से भावना गौड़ और मादीपुर से विधायक गिरीश सोनी ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दिया था और शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए. अन्ना आंदोलन के समय से अरविंद केजरीवाल का साथ निभा रहे त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित मेहरौलिया ने बताया कि टिकट कटने के बाद से ही सभी विधायक आपस में संपर्क में थे. सभी ने एक दिन पहले विधानसभा परिसर में एक बैठक की ओर मंथन के बाद इस्तीफे का फैसला लिया. सभी ने एक मत से कहा कि पार्टी अपने रास्ते से भटक गयी है.
यह भी पढ़ें: इस सीट पर जीत की राह तलाश रही बीजेपी के लिए ‘कमल’ खिला पाएंगे सूर्य?
इधर, पार्टी के अन्य मौजूदा विधायक ऋतुराज झा ने यह कहते हुए सभी विधायकों की कलाई खोल दी कि उन्हें भी बीजेपी का ऑफर आया था लेकिन हर कोई बिकाउ नहीं होता. आम आदमी पार्टी के जिन विधायकों का टिकट कटा, उनमें से झा भी एक हैं. झा ने पार्टी छोड़ने वालों के लिए कहा कि आप सभी को विधायक अरविंद केजरीवाल ने ही बनाया था और इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने खुद को केजरीवाल का सच्चा सिपाही बताया. साथ ही दिल्ली चुनाव में आप की जीत का दावा भी ठोका.
गौरतलब है कि दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होना है. 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं. वोटिंग से केवल चार दिन पहले इन सभी नेताओं का बीजेपी में शामिल होना आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है क्योंकि इनसे पार्टी को मिलने वाले वोट पर असर पड़ना निश्चित है. अब देखना ये होगा कि इन सभी नेताओं का बीजेपी में जाना आम आदमी पार्टी को कितना भारी पड़ता है.



























