निकम्मा किसको कहा..उन निकम्मों को बुला तो लेते.. सीएम ने ली कांग्रेस की चुटकी

राजस्थान की 16वीं विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देने पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, गहलोत-डोटासरा सहित समस्त विपक्ष को लिया आड़े हाथ, पूर्ववर्ती सरकार को बताया 'पेपरलीक सरगना सरकार'

bhajal lal sharma cm rajasthan
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राजस्थान की 16वीं विधानसभा के तृतीय सत्र में विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देने पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बीते दिन सदन में कांग्रेस की बखिया उधेड़कर रख दी. 2020 में सचिन पायलट की बगावत के बाद तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत द्वारा दिए गए ​’नाकारा निकम्मा..’ बयानों को ढाल बनाकर सीएम ने कांग्रेस की जमकर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि निकम्मा किसको कहा था…नाकारा किसको कहा था…जरा उन निकम्मों को बुला तो लेते’. 121 मिनट के अपने भाषण में सीएम ने कांग्रेस पर जमकर हमले किए. विपक्ष की ओर से किरोड़ी लाल मीणा के फोन टेपिंग को लेकर हंगामा और नारे जारी रहे लेकिन उन हंगामों के बीच सीएम ने अपनी लय जारी रखी और पेपर लीक जैसे कई मुद्दों पर तत्कालीन गहलोत सरकार को जमकर घेरा.

मैं किसान का बेटा, आवाज दबा नहीं सकते

सीएम भजनलाल ने विपक्ष के नेता टीकाराम जूली को लेकर भी कांग्रेस की घेराबंदी की. उन्होंने कहा कि किसान का पसीना ही किसान की ताकत है और उनका सशक्त आधार है. हमारे किसान अपनी मेहनत के बल पर प्रदेश के चहुंमुखी विकास को गति दे रहे हैं. मैं किसान का बेटा हूं. मेरी आवाज दबा नहीं सकते लेकिन देखकर दुःख हुआ कि कांग्रेस पार्टी ने बड़ा षड़यंत्र रचते हुए आज पवित्र सदन में दलित किसान के बेटे को बोलने तक नहीं दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान विधान सभा के इतिहास में यह पहला मौका है कि जब प्रतिपक्ष ने अपने ही नेता की आवाज को दबा दिया, जबकि हम तो एक मजबूत विपक्ष चाहते हैं. दरअसल जूली का भाषण तैयार था लेकिन पार्टी के विरोध के चलते जूली बोल नहीं सके, जिसका सत्ताधारी पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया.

गहलोत बनी पेपरलीक की सरगना सरकार

मुख्यमंत्री ने विगत गहलोत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि गत सरकार पेपरलीक की सरगना सरकार बनी रही. हमने 15 दिसम्बर, 2023 को सत्ता संभालने के अगले ही दिन 16 दिसम्बर 2023 को पेपरलीक रोकथाम के लिए एसआईटी गठित की. इसमें अभी तक 100 एफआईआर एसओजी थानों में दर्ज करते हुए 266 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया. हमारी सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने की दिशा में हर संभव आवश्यक कदम उठाएगी.

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वहीं विपक्ष को घेरते हुए कहा कि गत सरकार किसान, युवा और मजदूर विरोधी रही हैं. उन्होंने इनके विकास के लिए नीतियां तक नहीं बनाई. आपसी खींचतान और कुर्सी बचाने में ही लगी रही थी. कोविड जैसी महामारी में भी जनता की सुध लेने के बजाय होटल में आराम फरमाती रही. इसका भी परिणाम रहा है कि गत सरकार ने महिला अत्याचार, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिक दंगे, बेरोजगारी से आत्महत्या, महंगाई और महंगी बिजली में प्रदेश को नम्बर वन बना दिया. हमने एक ही साल में कई नीतियों को बनाने के साथ समयबद्ध लागू किया.

चूरू-सीकर-झुंझुनूं की प्यास बुझाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार ने जल जीवन मिशन में बड़े घोटाले किए, जिनसे देश में प्रदेश की बदनामी हुई हैं. गत सरकार ने नल से जल मिलने के सपने को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हमारी सरकार ने पहल करते हुए केंद्रीय नेतृत्व के सहयोग से मिशन की अवधि को मार्च 2028 तक बढ़ाया, जिससे अब लाखों घर तक पानी पहुंच रहा है. यह हमारी डबल इंजन सरकार की शक्ति है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी को चुनावी झुनझुना बनाकर जान बूझकर लटकाया, अटकाया और भटकाया. हमारी सरकार ने राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत सबसे मजबूत आधार नवनेरा बैराज के निर्माण को पूरा करवाते हुए 17 जिलों के वर्षों पुराने सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.

अब हमारी सरकार द्वारा इसका दायरा बढ़ाते हुए हमने पूर्व प्रस्तावित 3510 एमसीएम को बढ़ाकर 4102 एमसीएम जल प्राप्त करने का समझौता किया है. विपक्ष ‘राम’ शब्द को लेकर भी सवाल उठा रहा है, जबकि यह तो राजस्थान के ‘रा’ और मध्यप्रदेश के ‘म’ से मिलकर बना है. विपक्ष को अब इसमें भी पीड़ा होने लगी है. उन्होंने कहा कि चाहे विपक्ष कितनी भी राजनीति करें, हम चूरू, सीकर और झुंझुनूं जिलों के सूखे कंठों की प्यास बुझाएंगे. 

खुल जा सिम-सिम कहने से नहीं होगा विकास

सीएम ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके बड़े मुखिया को लगता था कि खुल जा सिम-सिम कहने से ही विकास हो जाएगा, लेकिन विकास के लिए तो पसीना बहाना पड़ता है. पिछली सरकार ने 5 साल में कुल 4 हजार 148 घोषणाएं की और उनमें से एक हजार 921‘ घोषणाएं अपूर्ण रहीं. मैं समाज के अंतिम व्यक्ति और किसान व गरीब का दर्द भलीभांति जानता हूं. प्रदेशवासियों से संकल्प पत्र और बजट में जो वादे किए, उन्हें धरातल पर उतार रहे हैं. पहले साल में ही 55 प्रतिशत घोषणाएं पूरी कर आमजन के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास को और अधिक मजबूत किया है.

पहली बार भर्ती कैलेंडर जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के भरोसे और विश्वास पर खरी उतरी है. हमने 5 वर्षों में 4 लाख राजकीय नियुक्तियों की घोषणा की थी. अभी तक 59 हजार से अधिक नियुक्तियां दी जा चुकी है और 1 लाख 72 हजार 990 प्रक्रियाधीन है. हाल ही में वर्ष 2025 के लिए परीक्षा कैलेंडर जारी किया है. यह हमारे मजबूत इरादों और संकल्पबद्ध निर्णयों को परिलक्षित करता है. संभवतः राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा संभव हुआ है. हम वर्षों से अटकी चतुर्थ श्रेणी भर्ती को पूरा करने में जुटे हैं, ताकि हर युवाओं को हर पद पर राजकीय नौकरी करने का अवसर मिले.

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