Politalks.News/Pegasus/Rahul. लंबे समय की शांति के बाद अब एक बार फिर पेगासस का जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है. 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को तगड़ा झटका दिया है. पेगासस जासूसी मामले की जांच मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. जो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में काम करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब विपक्ष एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, ‘पेगासस जासूसी मामले में उच्चतम न्यायलय ने जांच के आदेश दिए हैं, यह एक बड़ा कदम है, इससे सच्चाई के सामने आने को लेकर मैं आश्वस्त हूं‘. राहुल ने प्रेसवार्ता कर मोदी सरकार पर सवालों की बारिश कर दी. इधर मानसून सत्र के बाद अब शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा होना तय है.
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 3 सदस्यीय तकनीकी कमेटी का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस पूरे मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर असंतोष जताया. कोर्ट ने कहा है कि, ‘सरकार ने न तो आरोपों का पूरी तरह खंडन किया, न विस्तृत जवाब दाखिल किया. अगर अवैध तरीके से जासूसी हुई है तो यह निजता और अभिव्यक्ति जैसे मौलिक अधिकारों का हनन है. जब मामला लोगों के मौलिक अधिकारों से जुड़ा हो तो कोर्ट मूकदर्शक बन कर नहीं बैठा रह सकता‘.
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इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, ‘देश की सुरक्षा के लिए संदिग्ध लोगों की निगरानी मान्य है. लेकिन यह निगरानी कानून सम्मत तरीके से ही होनी चाहिए. अवैध तरीके से जासूसी गलत है. उच्चतम न्यायलय ने इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर वी रवींद्रन के निर्देशन में एक कमेटी बनाई है. साथ ही इस मामले की जल्द से जल्द एक रिपोर्ट तयारी कोर्ट के सामने रखने की भी बात कही है. वहीं पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब विपक्ष एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात पर मुहर लगाई है. हमने बीते संसद सत्र में पेगासस का मुद्दा उठाया था, क्योंकि हमें लगता था कि यह लोकतंत्र की जड़ों पर सीधा हमला है. राहुल ने आगे कहा कि संसद के अंदर और बाहर हमने तीन सवाल उठाये थे. पहला तो ये कि किसने पेगासस को खरीदने की अनुमति दी, क्योंकि इस तरह का काम केवल सरकार ही कर सकती है. दूसरा सवाल यह कि पेगासस को किनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया? क्योंकि जब ये मामला सामने आया था तो जजों से लेकर बीजेपी, विपक्ष के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का नाम आया था. तीसरा सवाल यह है कि क्या किसी और देश के पास डाटा जा रहा था? लेकिन इसका भी सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, ‘पेगासस के जरिये हमारे देश पर आक्रमण हो रहा है. हमारे देश के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है वह एक बड़ा कदम है और मुझे, कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्षी दल जो पेगासस का विरोध कर रहे थे उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द सच्चाई पता चलेगी‘. राहुल ने आगे कहा कि, ‘अगर पेगासस का इस्तेमाल आतंक के खिलाफ किया जाता है तो और बात है लेकिन अगर प्रधानमंत्री इसका निजी रूप से इस्तेमाल कर रहे थे तो यह अपराध है’. राहुल ने कहा कि, ‘बीजेपी ने कर्नाटक की सरकार पेगासस का इस्तेमाल करके गिराई थी. साथ ही ना जाने उन्होंने और कहां क्या क्या किया होगा’. राहुल ने कहा कि, ‘इस मामले में देश की सरकार देश की सुरक्षा पर हमला कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में छिपने का कोई मतलब नहीं, यही राष्ट्रीय सुरक्षा है’.