राजस्थान पर्यटन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग के साथ CM गहलोत ने दिए ये खास निर्देश

प्रचार-प्रसार के आधुनिकतम माध्यमों से राजस्थान के पर्यटन की मजबूत ब्रांडिंग कर यहां अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जाए, ब्रांडिंग इस तरह हो कि पर्यटकों के मानस पटल पर राजस्थान की अमिट छवि अंकित हो जाए, 2024 तक प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए

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Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जल जीवन मिशन और पर्यटन विभाग सहित कई योजनाओं की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत में कहा कि राजस्थान किले, महल, बावड़ियों जैसी ऐतिहासिक धरोहरों के साथ ही पुरातत्व, लोकरंग एवं विविध प्राकृतिक सम्पदाओं का खजाना है. यहां कदम-कदम पर पर्यटन की संभावनाएं मौजूद हैं. ऐसे में प्रचार-प्रसार के आधुनिकतम माध्यमों से राजस्थान के पर्यटन की मजबूत ब्रांडिंग कर यहां अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जाए. मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि ब्रांडिंग इस तरह हो कि पर्यटकों के मानस पटल पर राजस्थान की अमिट छवि अंकित हो जाए. वहीं जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल पहुंचाने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है.

सीएम आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विश्व मानचित्र पर पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान का विशेष स्थान है. राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग से यहां के पर्यटन को न केवल नई पहचान मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े हुए उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा.

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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि पर्यटन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है. ऐसे में पर्यटन गतिविधियों को व्यापक स्तर पर बढ़ाने से प्रदेश में रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध हो सकेंगे और राज्य की जीडीपी में भी वृद्धि होगी. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की मंशा के साथ नई पर्यटन नीति-2020 जारी की है. साथ ही, वर्ष 2021-22 के बजट में पर्यटन विकास कोष में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है. इसमें आधारभूत संरचना के विकास एवं पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए 300 करोड़ तथा टूरिस्ट डेस्टिनेशन ब्रांडिंग के लिए 200 करोड़ रूपए का बजट शामिल हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्थान के पर्यटन को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए प्रभावी मीडिया कैंपेन चलाने के साथ ही रोड शो, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेवल मार्ट, डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट, द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार जैसी गतिविधियों का वृहद स्तर पर आयोजन किया जाए. डिजिटल एवं आउटडोर मीडिया, आकर्षक क्रियेटिव्स एवं लघु फिल्मों आदि के माध्यम से पर्यटन गतिविधियों को शो-केस किया जाए. सीएम गहलोत ने महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों तथा मेलों-उत्सवों की भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग करने पर जोर देते हुए कहा इसके लिए पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा सकता है.

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इसके साथ ही सीएम गहलोत ने ये निर्देश भी दिए कि विभाग पर्यटक स्थलों पर लपकों की समस्या को दूर करने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करे, ताकि देश-विदेश से आए पर्यटक सुगमता और सहजता के साथ पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें और उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी या ठगी नहीं हो. जो भी पर्यटक राजस्थान आए वह यहां की अच्छी छवि लेकर जाए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने करीब 20 साल पहले पर्यटकों की सहायता के लिए पर्यटक सहायता बल बनाया था. इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. पर्यटन गतिविधियों के विस्तार को देखते हुए इस सहायता बल में कार्मिकों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है.

वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल
इसके अलावा निवास पर आयोजित जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल पहुंचाने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है. राजस्थान की पेयजल आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी है कि चम्बल परियोजना, माही बांध, नर्मदा परियोजना सहित अन्य वृहद् परियोजनाओं के जल का कुशलतम उपयोग किया जाए. साथ ही व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को संचित कर इस जल के माध्यम से जल जीवन मिशन की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जाए.

सीएम गहलोत ने कहा कि यह मिशन प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो सके, इसके लिए विभिन्न स्तर पर दी जाने वाली स्वीकृतियों का समय और कम किया जाए ताकि धरातल पर जल्द काम शुरू हो सके. यह एक अच्छा कदम है कि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने एवं महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए घरेलू जल कनेक्शन महिला मुखिया के नाम से जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएं बनाई जा रही हैं. राज्य सरकार के इस निर्णय से महिलाओं को अपने गांव में जल जीवन मिशन के प्रबंधन में भागीदारी निभाने का मौका मिलेगा और वे सशक्त बनेंगी.

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