Ajit Doval Latest News – अजीत डोभाल भारत के पहले ऐसे पहले एनएसए है जिन्हे भारत सरकार में कैबिनेट का दर्जा प्राप्त है. अजीत डोभाल को 2014 देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्ति किया था जिस पद पर वह अब तक है. डोभाल को पीएम मोदी का बेहद करीबी माना जाता है. अजीत डोभाल पूर्व जासूस और भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हैं. अजीत डोभाल इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निदेशक और केरल कैडर से पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं. अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बांड भी कहा जाता है. इस लेख में हम आपको श्री अजीत डोभाल की जीवनी (Ajit Doval Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
अजीत डोभाल की जीवनी (Ajit Doval Biography in Hindi)
पूरा नाम | अजीत डोभाल |
उम्र | 80 साल |
जन्म तारीख | 20 जनवरी 1945 |
जन्म स्थान | पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड |
शिक्षा | अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर |
कॉलेज | आगरा विश्वविद्यालय |
वर्तमान पद | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार |
व्यवसाय | पूर्व भारतीय पुलिस सेवा |
राजनीतिक दल | – |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | मेजर जीएन डोभाल |
माता का नाम | – |
पत्नी का नाम | अरुणी डोभाल |
बच्चे | दो बच्चे |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | दिल्ली |
वर्तमान पता | दिल्ली |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
अजीत डोभाल का जन्म और परिवार (Ajit Doval Birth & Family)
अजीत डोभाल का जन्म तत्कालीन संयुक्त प्रांत (अब उत्तराखंड) पौड़ी गढ़वाल के घिरी बनलस्यूं गांव में हुआ था. अजीत डोभाल के पिता मेजर जीएन डोभाल भारतीय सेना में अधिकारी थे.
अजीत डोभाल का विवाह 1972 में अरुणी डोभाल से हुआ था. अजीत डोभाल के दो बच्चे है. शौर्य डोभाल उनके बेटे है. शौर्य डोभाल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और भाजपा उत्तराखंड के कार्यकारी सदस्य हैं. शौर्य डोभाल इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक और नेता हैं.
अजीत डोभाल की शिक्षा (Ajit Doval Education)
अजीत डोभाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर स्थित अजमेर मिलिट्री स्कूल में प्राप्त की. बाद में उन्होंने 1967 में आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया था.
अजीत डोभाल का पुलिस और खुफिया विभाग में करियर
अजीत डोभाल 1968 केरल कैडर के पुलिस अधीक्षक (एएसपी) है. उन्होंने इसी वर्ष केरल के कोट्टायम जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) का पद भार ग्रहण किया था. बाद में डोभाल ने 1972 में कुछ महीनों के लिए केरल के थालास्सेरी में भी अपनी सेवा दिया था. अजित डोभाल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सबसे होनहार अधिकारी माने जाते थे. उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक आईबी के संचालन विंग का नेतृत्व किया. डोभाल मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) और संयुक्त कार्य बल (जेटीएफआई) के संस्थापक अध्यक्ष रह चुके है.
अजीत डोभाल कई बड़े ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है. उन्होंने 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऑपरेशन ब्लैक थंडर वही ऑपरेशन है जिसमें स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी अलगाववादियों के विरुद्ध देश का अब तक सबसे बड़ा आतंरिक सैनिक करवाई की गई थी. इसी के आधार पर ऑपरेशन ब्लूस्टार सफल हो पाया था. इसको सफल बनाने के लिए डोभाल ने कड़ी मेहनत की थी और खालिस्तानी अलगाववादियों के बीच उनके सदस्य बनकर कुछ दिन रहे थे.
अजित डोभाल ने सिक्किम राज्य के भारत में विलय के लिए भी खुफिया जानकारी जुटाने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तभी सिक्किम भारत का एक राज्य बन पाया.
अजित डोभाल कंधार हवाई जहाज अपहरण मामले के समाधान निकालने वाले टीम में भी शामिल थे. वह उस टीम के साथ कंधार भेजे गए थे जिसने बातचीत के बाद अपहृत यात्रियों की जान बचाई थी.
अजीत डोभाल को बाद में खुफिया ब्यूरो के निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था.
अजीत डोभाल का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर करियर
अजीत डोभाल को 30 मई 2014 को भारत का पाँचवाँ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था, जिस पद पर डोभाल अब तक है.
जून 2014 में डोभाल ने 46 भारतीय नर्सों की वापसी में मदद की थी. हालांकि रिहाई की वास्तविक कारण ज्यादा सार्वजनिक नहीं है.
अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ मिलकर म्यांमार से संचालित नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-K) अलगाववादियों के विरुद्ध सीमा पार सैन्य अभियान की योजना बनाई थी.
भारतीय अधिकारियों की ओर कहा जाता है कि मिशन सफल रहा और ऑपरेशन में नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड से जुड़े बीस से तीस अलगाववादी मारे गए थे. पर म्यांमार सरकार इससे इंकार करती है, उनका कहना है कि भारतीय अभियान पूरी तरह से भारत की अपनी सीमा में हुआ था. पर जो भी वह ऑपरेशन सफल माना जाता है.
चीन की सीमा से लगे डोकलाम विवाद देश की सीमाओं से जुड़े अब तक के सबसे बड़े विवादों में से एक माना जाता है. यह वह विवाद था जब देश युद्ध के मोड़ पर पहुंच गया था क्योकि चीन अड़ियल रवैया अपना रहा था. ऐसे में अजित डोभाल ने स्थिति संभालने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. अजीत डोभाल तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन में भारतीय राजदूत विजय केशव गोखले के साथ मिलकर कूटनीतिक चैनलों व बातचीत के द्वारा डोकलाम गतिरोध को हल करने का कार्य किया.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ अजित डोभाल की अच्छी केमेस्ट्री है. मोदी सरकार डोभाल के सहयोग से कई बड़े कार्यो को बड़े आराम से कर पाते है क्योकि डोभाल के पास भरपूर अनुभव और सूझ-बूझ है. इसी कारण डोभाल को अक्टूबर 2018 में रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में तीन-स्तरीय संरचना का पहला स्तर माना जाता है.
इसके बाद 3 जून 2019 को अजित डोभाल को 5 वर्ष के लिए पुनः एनएसए नियुक्त किया गया. इसी के साथ उन्हें कैबिनेट मंत्री का व्यक्तिगत दर्जा दिया गया. यहां बता दें, कि अजित डोभाल ऐसे पद पाने वाले देश के पहले एनएसए है. डोभाल मोदी के सबसे निकटतम और पॉवरफुल व्यक्ति माने जाते है. डोभाल की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलो से जुड़े सभी संवेदनशील मुद्दों पर पैनी दृष्टि रहती है.
इस लेख में हमने आपको राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की जीवनी (Ajit Doval Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.