Politalks.News/Rajasthan/Baljeet Yadav. राजस्थान के इतिहास में शायद यह पहला मामला होगा जब प्रदेश की सरकार को समर्थन दे रहे एक निर्दलीय विधायक ने अपनी ही राज्य सरकार के खिलाफ एक अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया हो. प्रदेश में पिछले दिनों REET भर्ती सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल माफिया व धांधली के साथ हाल ही में गुरुकुल यूनिवर्सिटी के नाम पर सामने आए बड़े फर्जीवाड़े के खिलाफ राज्य की गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने विरोध जताते हुए आज एक अनूठा प्रदर्शन किया. काले कपड़े पहनकर सुबह सूर्योदय से पहले राजधानी के सेंट्रल पार्क पहुंचे विधायक बलजीत यादव ने सूर्य उदय के साथ दौड़ना शुरू किया जो कि सूर्यास्त तक लगातार दौड़ते रहेंगे. खबर लिखे जाने तक यादव लगभग 55 किलोमीटर दौड़ चुके हैं. इन बीच गहलोत सरकार में मंत्री महेश जोशी ने उन्हें रोकने का प्रयास भी किया लेकिन यादव नहीं माने. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष ने यादव को साफा पहनाकर उनका हौसला बढ़ाया.
फेसबुक लाइव के दौरान रो पड़े यादव
आपको बता दे, सूर्योदय से पहले सेंट्रल पार्क पहुंचे बलजीत यादव ने दौड़ने से पूर्व अपने फेसबुक पेज पर लाइव आते हुए कहा कि, ‘मैं सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहा हूं. दम घुटता है जब लोग इस तरह से निर्लज्जता दिखा रहे हैं. इसके प्रति रोष तो प्रकट कर ही सकता हूं, इसलिए स्वयं को कष्ट देकर सरकार को बताना चाहता हूं कि प्रदेश का युवा कितना पीड़ित है. 23 राज्य ऐसे हैं जहां पर प्रदेश के युवा को नौकरी नहीं दी जा रही है. प्रदेश सरकार नौकरी दे नहीं रही है तो ये युवा बेरोजगार कहां जाएंगे? राजस्थान के युवा की नौकरी पर डाका क्यों डाला जा रहा है?’ इस दौरान बलजीत यादव रो पड़े और रोते हुए ही बोले कि, ‘जनता लाचार है, मैं इन गुंडों से नहीं लड़ सकता, इसलिए मुझे अपना गुस्सा जाहिर करना है.’
गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े के दोषियों के खिलाफ करनी होगी कार्रवाई
वहीं सीकर से 30 किलोमीटर आगे कागजों में बनी गुरुकुल यूनिवर्सिटी के नाम से सामने आए फर्जीवाड़े को लेकर बलजीत यादव ने कहा कि, ‘कुलपति बिना बिल्डिंग के बने ही रिपोर्ट बनाकर सरकार को बता रहे हैं कि बिल्डिंग बन चुकी है, जबकि धरातल पर खाली जमीन है. सरकार आंखों देखी मक्खी कैसे निगल रही है. सरकार उस यूनिवर्सिटी को मान्यता भी दे रही है. पता चलने पर बिल वापस ले लिया गया. सरकार ने माना भी कि बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन उसके बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी होगी.’
पेपर लीक गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग
वहीं REET सहित अन्य परीक्षाओं की पेपर लीक गैंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विधायक बलजीत यादव का ने कहा कि, ‘पेपर लीक का मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा निजी विद्यालय चलाता है और उसके विद्यालय में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का सेंटर भी दिया जाता है. वह बेरोजगारों से मोटी रकम लेकर नौकरी लगवाने की गारंटी लेता है. इसके लिए पेपर उसके पास रहते हैं. परीक्षा में पेपर खराब होने पर ओएमआर शीट को बदलवाने के लिए भी 10 लाख रुपये लेता है.’ विधायक यादव ने पेपर लीक गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
महेश जोशी मनाने पहुंचे पर नहीं बनी बात, राठौड़ ने बढ़ाया हौसला
इस दौरान गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी और मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी मुख्यमंत्री का संदेश लेकर सेंट्रल पार्क पहुंचे और ट्रैक रोककर बलजीत यादव को दौड़ रोकने और मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत करने का न्यौता दिया. लेकिन बलजीत यादव नहीं माने और कहा कि, ‘उनका संकल्प लिया हुआ है और वह उसे पूरा कर के ही दम लेंगे, बीच में अपना संकल्प नहीं तोड़ने वाले.’ इसके बाद बलजीत यादव ने दोबारा दौड़ना शुरू कर दिया. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सेंट्रल पार्क पहुंचकर विधायक बलजीत यादव को साफा पहनाया और समर्थन दिया. इस दौरान यादव ने दोहराया कि जब तक पेपर लीक माफियाओं और गुरुकुल यूनिवर्सिटी के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती है तब तक सरकार का विरोध जारी रहेगा.
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क्या है गुरुकुल विश्विद्यालय फर्जीवाड़ा मामला?
गुरुकुल शिक्षण संस्थान ने गुरुकुल विश्वविद्यालय सीकर के नाम से यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन किया था. राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालय एक्ट 2005 के तहत चार सदस्यों की कमेटी का गठन कर यूनिवर्सिटी के इंस्पेक्शन के लिए भेजा था. कमेटी में मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह, सुखाडिया विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय अध्यक्ष एवं सांख्यिकी विषय के प्रोफेसर घनश्यम सिंह राठौड़, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में सांख्यिकी विषय के सह आचार्य डॉ जयंत सिंह एवं विधि महाविद्यालय अलवर में सह आचार्य डॉ विजय बेनीवाल को शामिल किया गया. कमेटी ने गुरुकुल यूनिवर्सिटी का इंस्पेक्शन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी थी. यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन करने वाली संस्था ने 10 एकड़ में बने कॉलेज कैंपस को ही यूनिवर्सिटी बता दिया, जिसमें पहले से 5 इंस्टीट्यूट चल रहे हैं. वेरिफिकेशन टीम ने आंख बंद करके विश्वास भी कर लिया और कॉलेज कैंपस को ही यूनिवर्सिटी मान लिया.
सबसे बड़े मजे की बात यह है कि विधानसभा में कई बार विवादों के कारण चर्चा में रहने वाले सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कुलपति की कमेटी ने ही कागजों में बनी यूनिवर्सिटी का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार निजी यूनिवर्सिटी खोलने के लिए विधानसभा में बिल तक ले आई. मामले का खुलासा होने के बाद बिल वापस ले लिया गया. इधर, पोल खुलने के बाद यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन करने वाली संस्था ने लीपापोती के लिए रातों रात युद्ध स्तर पर निर्माण भी शुरू करा दिया है.