Politalks.News/Rajasthan. बीते दिनों नागौर और बाड़मेर दौरे के समय पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने पंचायतों में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिया था और 300 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप सरपंचों पर लगाया था जो कि सरपंचों को नागवार गुजरा. तब से सरपंच संघ ने मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर राजधानी जयपुर में जारी सरपंच संघ के धरने में बीती रात उस समय ट्विस्ट आ गया जब आंदोलन कर रहे सरपंच संघ में दो फाड़ हो गई और एक गुट ने मंगलवार रात को आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, जबकि दूसरा गुट अभी भी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आवास पर धरना दे रहा है. वहीं दूसरे गुट का कहना है कि फोटो खिंचवाने के चक्कर में एक गुट ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी लेकिन हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं हैं और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा और हम तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक लिखित समझौता नहीं होता. वहीं सरपंच संघ के धरने को समर्थन दे रहे गहलोत सरकार में राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मंत्री भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच कभी भ्रष्ट नहीं होता. गुढा ने कहा कि सरपंच संघ की मांगें जायज हैं और मैं खुद इस बारे में मुख्यमंत्री गहलोत से बात करूंगा.
आपको बता दें, विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित सरपंच संघ में फूट उस समय पड़ गई, जब एक गुट ने मंगलवार शाम पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा से मुलाकात के बाद आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी, लेकिन दूसरा गुट अभी भी राजधानी जयपुर में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के निवास पर धरने पर बैठा है. धरने पर बैठे सरंपचों का कहना है कि जयपुर आंदोलन के वक्त पुरानी कार्यकारिणी भंग हो चुकी थी. अब ये लोग समझौते की बात रहे हैं, लेकिन सिर्फ फोटो खिंचवाने लिए मंत्री मीणा के निवास पर गए. दूसरे गुट के सरपंचों ने कहा कि प्रकरण को लेकर उन्होंनें संघर्ष समिति बनाई है. आज हमारी मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा से मुलाकात हुई है. सरपंचों ने कहा कि जब तक हमारी मांगों पर सरकार लिखित कार्रवाई का आश्वासन नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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वहीं दूसरी तरफ अपनी बेबाकी के जाने जाने वाले गहलोत सरकार में राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी अब खुलकर सरपंचों के पक्ष में खड़े हो गए हैं. यही नहीं मंत्री गुढ़ा ने बड़ा बयान देते कहा कि, ‘सरपंच भ्रष्ट नहीं हो सकता है, मंत्री फिर भी भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच कभी भ्रष्ट नहीं होता, वह कभी भ्रष्टाचार नहीं करता. मैं इनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करूंगा. इनकी मांगों को किस तरह से पूरा किया जाए, उसके लिए मजबूती से पक्ष रखूंगा.’ गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों के मकान और जमीनें बिकती हैं लेकिन सरपंच कभी जमीन नहीं खरीदता है. वैसे सरपंच के लिए भी सरकार को मानवीय दृष्टिकोण से सोचना चाहिए.
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वहीं अपनी ही सरकार के पंचायत राज मंत्री पर जोरदार तंज कसते हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों को जबरन टारगेट किया जा रहा है. इस तरह से सरपंचों को टारगेट नहीं किया जा सकता. आईएएस, आरएएस, आईपीएस जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन यह सरपंच अपनी सरपंचाई करने के लिए जमीन तक बेच देते हैं. जो सरपंचों के खिलाफ कह रहे हैं, वो उचित नहीं है. कौन भ्रष्ट है कौन नहीं, ये हर कोई जानता है? रमेश मीणा का कद बड़ा है, लेकिन फिर भी उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सरपंचों के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचे.