आडवाणी की रथ यात्रा थी सत्ता के लिए जबकि भारत जोड़ो यात्रा है सत्य के लिए- कन्हैया का बड़ा बयान

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा हुई शुरू, 120 यात्रियों में शामिल बिहार कांग्रेस के दिग्गज युवा नेता कन्हैया कुमार ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा के यात्रा के तीन बिन्दू हैं- राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक, जबकि आडवाणी की राजनीतिक यात्रा थी, उस यात्रा से भाजपा को सत्ता मिली थी, लेकिन कांग्रेस की यात्रा है सत्य को पुर्नस्थापित करने के लिए

कन्हैया कुमार का बड़ा बयान
कन्हैया कुमार का बड़ा बयान

Politalks.News/BharatJodoYatra. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में करीब 120 कांग्रेसी कार्यकर्त्ता 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की यात्रा तय करने वाले हैं. कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की इस यात्रा का अंतिम पड़ाव इसका अंतिम पड़ाव कश्मीर होगा. इस यात्रा को कांग्रेस पार्टी में जान फूंकने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. सोनिया गांधी भी इसे लेकर खासी उत्साहित हैं. वहीं इस यात्रा को लेकर बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की ये यात्रा महज गांधी परिवार और उसके वजूद को बचाने के लिए निकाली जा रही है. वहीं दूसरी तरफ कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के युवा नेता कन्हैया कुमार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा 1990 में की गई रथ यात्रा सत्ता के लिए थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी की यह यात्रा सत्य के लिए है.’

आपको बता दें, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के साथ जो 120 ‘भारत यात्री’ कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा करेंगे उनमें कन्हैया कुमार भी शामिल हैं. कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर PTI हिंदी के साक्षात्कार में कन्हैया कुमार ने कहा कि, ‘किसी भी भारतीय के लिए यह सौभाग्य की बात है कि वह इस यात्रा का हिस्सा बने. यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि इसके सांस्कृतिक, सामाजिक पहलू भी है, लोगों के साथ मेलजोल है.’

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वहीं जब कन्हैया कुमार से जबलाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा से जुड़ा सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘भारत जोड़ो यात्रा के यात्रा के तीन बिन्दू हैं, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक. वो राजनीतिक यात्रा थी और सत्ता के लिए थी, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा सत्य के लिए है. मैं उस यात्रा के नकारात्मक प्रभावों में नहीं जाना चाहता, देश उसके नकारात्मक प्रभावों को देख रहा है. उस यात्रा से भाजपा को सत्ता मिली थी, लेकिन कांग्रेस की यात्रा सत्य को पुर्नस्थापित करने के लिए है.’ गौरतलब है कि लाल कृष्ण आडवाणी ने 1990 में राम मंदिर आंदोलन के समय रथयात्रा निकाली थी जिसका भारतीय जनता पार्टी को राजनीतिक फायदा मिला था.

कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि, ‘केंद्र सरकार अमीर और गरीब के बीच खाई पैदा कर रही है जिस कारण इस यात्रा का महत्व है. बार-बार-बार यह कह कर आलोचना की जा रही है कि भारत कहां टूटा है कि यह यात्रा निकाली जा रही है. भारत भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से नहीं टूटा है, लेकिन सरकार की नीति के कारण अमीर और गरीब के बीच भयंकर खाई दिखेगी. यह जो खाई बढ़ रही है, यह यात्रा उसको लेकर है.’ यात्रा के उद्देश्यों के बारे में बात करते हुए, बिहार के कांग्रेसी नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि, ‘अगर सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचनाओं के कारण लोग आशंकित हैं तो एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में, अपने भाइयों और बहनों से मिलना चाहिए और उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए.

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जब कन्हैया कुमार से सवाल पुछा गया कि यह यात्रा बिहार में क्यों नहीं जा रही तो उन्होंने कहा कि, ‘कई कारकों को ध्यान में रखा गया है, यह दक्षिण से उत्तर या पूर्व से पश्चिम हो सकता है. अब हम दक्षिण से उत्तर की ओर जा रहे हैं. लेकिन यात्राएं अन्य राज्यों में ‘उप-यात्रा’ के रूप में की जाएंगी. मैं बिहार से आता हूं और आपने देखा कि कोरोना के दौरान क्या हुआ? लोग गुड़गांव और मुंबई से बिहार चले गए, तो क्या राजनेताओं को नहीं चलना चाहिए?’ आपको यहां हम बताते चलें कि, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु में कन्याकुमारी से शुरू हो चुकी है और उत्तर की ओर बढ़ रहे है. यह तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट और जम्मू, श्रीनगर में समापन करेगी. यात्रा में भाग लेने वालों को “भारत यात्रियों”, “अतिथि यात्रा”, “प्रदेश यात्रियों” और “स्वयंसेवक यात्रियों” के रूप में बांटा गया है. यात्रा की टैगलाइन “मिले कदम, जुड़े वतन” है.

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