कांग्रेस के गढ़ में भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री में व्यवधान पहुंचा सकता है सीएम गहलोत की छवि को नुकसान

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रोकने की धमकी देने वाले विजय बैंसला और गुर्जर नेताओं के साथ सचिवालय में बैठक आज, यात्रा के सत्ताधारी कांग्रेस के गढ़ राजस्थान में घुसने से पहले माहौल शांत करना चाहती है गहलोत सरकार, क्योंकि अगर यहां हुई कुछ भी गड़बड़ तो...

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Bharat Jodo Yatra in Rajasthan. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में प्रवेश का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, सरकार में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने यात्रा को प्रदेश में न घुसने देने की धमकी दी है. हालांकि गहलोत सरकार विजय बैंसला की इस धमकी को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाह रही थी लेकिन ये भी सच है कि यात्रा के बीच कोई कोताही या व्यवधान उत्पन्न हो, ऐसा भी होने देना नहीं चाहती. यही वजह है कि अब गुर्जरों को शांत करने के लिए गुर्जर नेता विजय बैंसला को सरकार ने सोमवार को बातचीत के लिए सचिवालय बुलाया है. सरकार चाहती है कि यात्रा आने से पहले गुर्जरों से 2019 और 2020 में हुए समझौतों के बकाया बिंदुओं पर निर्णय हो जाए. बता दें, इससे पहले सरकार ने पिछली वसुंधरा सरकार में गुर्जरों के साथ हुए समझौते को रद्द करते हुए गुर्जरों को काफी हद तक शांत कर दिया है.

इसके बावजूद विजय सिंह बैंसला एमबीसी आरक्षण सहित अन्य 12 मुद्दों पर सरकार का स्पष्टीकरण चाहते हैं. कांग्रेस के आला नेता इस बात को भली भांति जानते हैं कि ऐसा न करने पर भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग में दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं. अगर ऐसा होता है कि राहुल गांधी सहित कांग्रेस आलाकमान के गुस्से का सीधा सामना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करना पड़ सकता है, और ऐसा होना वाजिब भी है क्योंकि अब तक राहुल गांधी की यात्रा गैर-कांग्रेसी सत्ता वाले राज्यों से गुजरी है और वहां अभी तक कोई व्यवधान नहीं पड़ा है, ऐसे में अगर कांग्रेस के गढ़ राजस्थान में ऐसा हुआ तो यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आलाकमान की तगड़ी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अब गहलोत सरकार एक सेफ रास्ता निकलना चाहती है और आज होने वाली गुर्जरों से बातचीत इसी का एक हिस्सा है.

इसी मुद्दे पर आज सुबह 10 बजे सचिवालय में होने वाली बैठक में विजय बैंसला सहित एमबीसी वर्ग के 17 नेता मौजूद रहेंगे. सरकार की तरफ से इस बैठक में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, खेल व युवा राज्य मंत्री अशोक चांदना और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना गुर्जर नेताओं से बातचीत के लिए अधिकृत किए गए हैं. ये चारों नेता गुर्जरों से बातचीत करके यात्रा का विरोध नहीं करने के लिए मनाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर होने के चलते इस मुलाकात का हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं. काबिले गौर है कि गुर्जर नेता होने के बावजूद सचिन पायलट को इस बैठक से दूर रखा गया है. हालांकि गहलोत-पायलट के बीच हाल में हुई खींचतान के चलते ऐसा किया गया है.

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इधर, सरकार के साथ होने वाली इस बैठक में विजय बैंसला के अलावा भूरा भगत, एडवोकेट हनुमान गुर्जर, एडवोकेट वीरेंद्र धाभाई, सुवालाल गुर्जर, वेदप्रकाश, अमराराम देवासी, रामराज भोपर, पिंटू गोटन, इंद्रजीत गुर्जर, लोकेंद्र चावड़ी, महावीर रलावाता, हनुमान सिराधना समेत एमबीसी वर्ग के 17 नेता शामिल होंगे.

गुर्जरों की तरफ से मुख्य मांग है कि गहलोत सरकार ने जो 2019 और 2020 में समाज के साथ समझौते किए थे, उनको अक्षरश: लागू किया जाए. समझौते के कई बिंदुओं पर अभी भी कार्रवाई होनी बाकी है. इनमें से मुख्य रूप से आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर दर्ज हुए केसों के निस्तारण के साथ-साथ देवनारायण योजना में बच्चों की रुकी हुई छात्रवृत्ति जारी करने, अलग-अलग भर्तियों में 233 और 372 युवाओं को नौकरी देने, प्रक्रियाधीन भर्तियों और बैकलॉग को पूरा करने संबंधी मांगे शामिल हैं.

गौरतलब है कि राहुल गांधी कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ने का संदेश देते हुए देशभर में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में राहुल गांधी की यात्रा झालावाड़ से प्रवेश करके कोटा, बूंदी, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर होते हुए राजस्थान से बाहर निकलेगी. इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ के झालरापाटन, कोटा के रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर व दक्षिण, बूंदी के केशवरायपाटन, टोंक के देवली-उनियारा, सवाईमाधोपुर के खंडार, सवाई माधोपुर व बामनवास, दौसा के लालसोट, सिकराय, दौसा व बांदीकुई और अलवर के अलवर ग्रामीण, रामगढ़ एवं राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से होकर गुजरने वाली है.

यात्रा के मार्ग में आने वाले ज्यादातर इलाके गुर्जर बहुल हैं. गुर्जर नेता विजय बैंसला करीब 15 दिन पहले यह घोषणा कर चुके हैं कि अगर समझौते को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया तो हम राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे. इस चेतावनी के बाद वे लगातार उन इलाकों में सक्रिय हैं जहां से राहुल गांधी की यात्रा गुजरेगी.

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ऐसे में सरकार को डर है कि अगर गुर्जरों से हुए समझौतों को समय पर लागू नहीं किया तो राहुल की यात्रा का गुर्जर समाज विरोध कर सकता है. दौसा, झालावाड़ और कोटा में समाज के लोगों के साथ बैठक करने के बाद विजय सिंह बैंसला ने यात्रा का विरोध करने के संकेत भी दे दिए हैं. हालांकि गुर्जर आरक्षण आंदोलन का एक धड़ा राहुल गांधी की यात्रा का विरोध न करने का फैसला पहले ही ले चुका है लेकिन विजय सिंह बैंसला दूसरे धड़े का नेतृत्व करते हुए कई बार यात्रा को रोकने की चेतावनी दे चुके हैं. ऐसे में सरकार कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती जिससे कि राहुल गांधी की यात्रा में कोई भी दिक्कत हो. माना यही जा रहा है कि सरकार गुर्जरों को मनाने में कामयाब हो जाएगी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शांति के साथ प्रदेश से होकर निकलेगी.

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