Manoj Jarange Latest News – मनोज जरांगे महाराष्ट्र में लंबे समय से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के लिए आंदोलन करते आ रहे है. उनका कहना है कि इस समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाना चाहिए. इस लेख में हम आपको मनोज जरांगे की जीवनी (Manoj Jarange Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
मनोज जरांगे की जीवनी (Manoj Jarange Biography in Hindi)
पूरा नाम | मनोज जारांगे पाटिल |
उम्र | 42 साल |
जन्म तारीख | 1 अगस्त,1982 |
जन्म स्थान | मटोरी, महाराष्ट्र |
शिक्षा | बारहवीं |
व्यवसाय | सामाजिक कार्यकर्ता |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | राव साहेब जरांगे |
माता का नाम | प्रभावती |
पत्नी का नाम | सुमित्रा |
बच्चे | एक बेटा है और तीन बेटियां |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | महाराष्ट्र |
वर्तमान पता | महाराष्ट्र |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
मनोज जरांगे का जन्म और परिवार (Manoj Jarange Birth & Family)
मनोज जरांगे का जन्म 1 अगस्त,1982 को महाराष्ट्र बीड जिले के मटोरी में हुआ था. मनोज जरांगे के पिता का नाम राव साहेब जरांगे और माँ का नाम प्रभावती है. उनके पिता किसान है. करीब बीस वर्ष पहले मनोज जरांगे के पिता सूखे से परेशान होकर जालना के अंकुश नगर की मोहिते बस्ती में आकर बस गए थे और वह तभी से यही है. मनोज जरांगे की पत्नी का नाम सुमित्रा है. मनोज जरांगे की चार संतान है. उन्हें एक बेटा है और तीन बेटियां है. मनोज जरांगे हिन्दू है.
मनोज जरांगे की शिक्षा (Manoj Jarange Education)
मनोज जरांगे ने 2010 में बारहवीं में रहते हुए पढाई छोड़ दी. इसी के बाद वह आंदोलन में सक्रिय हो गए थे.
मनोज जरांगे का शुरूआती जीवन (Manoj Jarange Early Life)
मनोज जरांगे किसान परिवार से आते है और वह मराठा आंदोलन में शामिल रहे है. उन्होंने इसके लिए एक संगठन का भी निर्माण किया जिसका नाम शिवाजी संगठन रखा है. इसका मराठी नाम ‘शिवबा संगठन’ है.
मनोज जरांगे का राजनीतिक आंदोलन (Manoj Jarange Political Career)
मनोज जरांगे महाराष्ट्र के किसी राजनीतिक घराने से नहीं आते हैं. उन्होंने मराठा आंदोलन को ही अपना करियर बनाया और लगातार उसी से जुड़े रहे. हालाकिं शुरूआती दिनों में मनोज कांग्रेस पार्टी में थे और जालना जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम किया पर बाद में मनोज ने कांग्रेस छोड़कर स्वयं का एक समुदाय बना लिया और उसका नाम शिवबा संघठन रख दिया. मनोज जरांगे ने अपने आंदोलन की शुरूआती 2011 से की थी और वह तब से अब तक दो दर्जन से भी अधिक आंदोलन कर चुके है. जरांगे को राज्य में मराठा आंदोलन का बड़ा चेहरा माना जाता है और कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर संभलकर कदम उठाती है क्योकि राज्य की कई विधान सभा व लोक सभा सीटों पर मराठे वोटर्स की पकड़ है.
मनोज जरांगे मराठा समुदाय के लिए ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग करते आ रहे है और वह समय समय पर इसी के लिए आंदोलन करते है. वह इसके लिए भूख हड़ताल, पैदल मार्च आदि कर चुके है. वह इसी मांग के लिए अक्टूबर 2023 में राज्य में भूख हड़ताल कर चुके है. जबकि इससे पहले मनोज ने वर्ष 2021 में जालना के पिपलगांव में तीन महीने तक मराठो के आरक्षण की मांग के लिए धरना दिया था. राज्य में विशेषकर मराठवाड़ा क्षेत्र और पश्चिम महाराष्ट्र में यह मुद्दा गरम करने में इनका हाथ सबसे बड़ा माना जाता है. मनोज मराठा आंदोलन के अलावे किसनो का भी मुद्दा उठाने में आगे रहे है. इसके पीछे कारण यह है कि राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानो में 90 प्रतिशत संख्या मराठी आबादी की है.
मराठा आंदोलन का मामला एक दशक पुराना
मराठा आंदोलन का मामला कोई नया नहीं है बल्कि यह एक दशक पुराना मामला है. वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने नौकरी और शिक्षा में मराठो के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था पर एक वर्ष बाद 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे कम करते हुए नौकरी में 12 प्रतिशत और शिक्षा में 13 प्रतिशत कर दिया था. कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित कर दिया है और यदि मराठो की मांगो को मान लिया जाएँ तो यह 50 प्रतिशत की सीमा को पार कर जायेगी जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.
मनोज जरांगे की आर्थिक स्थिति
मनोज जरांगे की आर्थिक स्थिति बहुत अधिक अच्छी नहीं है. बताया जाता है कि कुछ वर्ष पहले अपने संघठन को चलाने के लिए मनोज ने दो एकड़ जमीन बेच दी थी. अब यही कारण है कि लोगो को लगता है कि वह उनके बीच का आदमी है पर कई बार देखा गया है कि वह एनसीपी के नेताओ के कहने पर आंदोलन को हवा देते है.
मनोज जरांगे राज्य में हुए विधान सभा चुनाव के बाद बनने वाली नयी सरकार से आशा जताई है कि वो उनकी मांगो को पूरा करेंगे. उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर सरकार किसी की भी हो यह आंदोलन रुकेगा नहीं.
इस लेख में हमने आपको मनोज जरांगे की जीवनी (Manoj Jarange Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.