Nawab Malik Latest News – 2023 में राजस्थान में हुए 16वीं विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेता नवाब मलिक ने लोहावट सीट से एक बड़ी जीत दर्ज की. खींवसर राजस्थान में बीजेपी के उन नेताओ में थे जो पहले वसुंधरा राजे सिधिंया के निकटतम माने जाते थे पर बाद वे पार्टी के आदर्श के अनुसार सभी गुट से अपने आप को अलग कर लिया और पार्टी के लिए एक समर्पित कार्यकर्त्ता की भांति कार्य किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें एक बड़ी जीत मिली. जीत के बाद नवाब मलिक को राजस्थान की नई कैबिनेट में स्थान भी मिला. इस लेख में हम आपको एनसीपी नेता नवाब मलिक की जीवनी (Nawab Malik Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
नवाब मलिक की जीवनी (Nawab Malik Biography in Hindi)
पूरा नाम | मोहम्मद नवाब मलिक |
उम्र | 65 साल |
जन्म तारीख | 20 जून,1959 |
जन्म स्थान | दुसवा, यूपी |
शिक्षा | ग्रेजुएशन |
कॉलेज | मुंबई विश्वविद्यालय |
वर्तमान पद | एनसीपी नेता |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | मोहम्मद इस्लाम मलिक |
माता का नाम | – |
पत्नी का नाम | मजहबीन |
बच्चे | दो बेटे और दो बेटियां |
बेटें का नाम | फराज और आमिर |
बेटी का नाम | नीलोफर और सना मलिक शेख |
स्थाई पता | मुंबई |
वर्तमान पता | मुंबई |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
नवाब मलिक का जन्म और परिवार (Nawab Malik Birth & Family)
नवाब मलिक का जन्म 20 जून,1959 को यूपी के बलरामपुर जिले के उतरौला के दुसवा गांव में हुआ था. नवाब मलिक का पूरा नाम मोहम्मद नवाब मलिक है. उनके पिता मोहम्मद इस्लाम मलिक एक कबाड़ी थे और वो मुंबई में कबाड़ी का धंधा करते थे. साथ ही वो और भी छोटे मोटे धंधे से भी जुड़े हुए थे. परिवार छोटा मोटा होटल भी चलाया करता था.
नवाब मलिक की 21 वर्ष में शादी मजहबीन से हुई. नवाब मलिक के दो बेटे और दो बेटियां है. फराज और आमिर बेटे का नाम है जबकि नीलोफर और सना मलिक क्षेख बेटियों के नाम है. नवाब मलिक मुस्लिम है और जाति से मलिक है.
नवाब मलिक की शिक्षा (Nawab Malik Education)
नवाब मलिक की अधिक पढाई नहीं हो पायी है. एक रिपोर्ट के अनुसार नवाब ने प्राइमरी शिक्षा सेंट जोसेफ इंग्लिस स्कूल से शुरू की पर बाद में परिवार व दोस्तों के कहने पर नवाब मलिक के पिता ने नवाब का नाम अंग्रेजी स्कूल से कटवा कर उर्दू स्कूल में करवा दिया और नवाब ने शुरूआती पढाई वही से पूरी की थी. बाद में नवाब ने मुंबई के सीएसटी स्थित अंजुमन इस्लाम स्कूल से 11वीं तक की पढाई पूरी की थी.
इसके बाद नवाब ने 12वीं की पढाई के लिए बुरहानी कॉलेज में एडमिशन लिया था और पास करने के बाद यही से ग्रेजुएशन भी करना आरम्भ किया मगर इसी बीच मुंबई विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर फीस बढ़ा देने के कारण पुरे शहर में आंदोलन हुआ था. नवाब मलिक इन्ही आंदोलनों में पहली बार भाग लिया और कांग्रेस की सभाओ में भाग लिया जो बाद में लगातार जारी रहा. यही से नवाब मलिक के राजनीति में आने के मार्ग खुल गए. हालांकि नवाब मलिक ने बीए नहीं किया पर वो राजनीति में आ गए.
नवाब मलिक का शुरूआती जीवन (Nawab Malik Early Life)
नवाब मलिक मूल रूप यूपी के रहने वाले है पर बाद में उनके पिता मुंबई जाकर काम धंधे में लग गए थे. सामान्य घर से संबंध रखने वाले नवाब मलिक के पिता एक कबाड़ी थे. इतना ही नहीं एक इंटरव्यू में नवाब मलिक ने बताया था कि शुरूआती दिनों में वह भी कबाड़ी ही थे. नवाब मलिक ने कहा था विधायक बनने तक मैं भी कबाड़ी ही था और मेरे परिवार अब भी कबाड़ी ही है.
नवाब मलिक का परिवार 1970 में उत्तर प्रदेश से मुंबई जाकर बस गया था. नवाब ने मुंबई से ही पढाई की थी और उसी दौरान 1977 में जनता पार्टी की सरकार में कांग्रेस उतरी थी. नवाब मलिक उसी वर्ष कांग्रेस की सभाओ में जाने लगे थे और कांग्रेस के नेताओ की भी सम्पर्क में आये थे.
नवाब मलिक का राजनीतिक करियर (Nawab Malik Political Career)
नवाब मलिक की राजनीतिक यात्रा वर्ष 1977 से शुरू हुई थी. पर राजनीतिक क्षेत्र में सफलता मलिक को नब्बे के दशक में मिली थी. नवाब मलिक संजय गाँधी के विचारो से बहुत प्रभावित थे. जब 1980 में संजय गाँधी की मौत हुई तब उनकी पत्नी मेनका गाँधी ने संजय विचार मंच नाम की संस्था की स्थापना की थी. नवाब मलिक इस मंच से जुड़ गए और 1984 में इसी मंच से अपना पहला चुनाव लड़ा. संजय विचार मंच कोई राजनीतिक पार्टी नहीं थी इसलिए नवाब मलिक को निर्दलीय माना गया. हालांकि इस चुनाव में नवाब हार गए पर नवाब को राजनीति का चस्का यहाँ से और बढ़ गया था.
एक इंटरव्यू में नवाब मलिक ने कहा था कि उस समय की स्थिति को देखते हुए मुझे लगा कि अगर राजनीति में टिके रहना है तो कांग्रेस के अलावे और कोई विकल्प नहीं है. इसी के बाद नवाब मलिक फिर से कांग्रेस के लिए ही काम करने लग गए.
नवाब मलिक ने उसी के बाद कांग्रेस से 1991 में नगर निगम चुनाव के लिए टिकट मांगा पर कांग्रेस ने मलिक को टिकट देने से इंकार कर दिया. उसी के बाद बाबरी विवाद के बाद महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी सक्रिय हो गई थी और वह मुस्लिमो के बीच अपनी पहचान बना रही थी. मुस्लिमो के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नवाब मलिक ने समाजवादी पार्टी में शामिल होना अपने करियर के लिए अच्छा समझा और सपा ने उन्हें 1995 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स की अधिकता वाले क्षेत्र नेहरू नगर से टिकट दे दिया पर नवाब शिव सेना के कैंडिडेट से हार गए. पर एक वर्ष बाद में उसी क्षेत्र में हुए उपचुनाव में मलिक की जीत हुई. यह मलिक की पहली राजनैतिक जीत थी इसी के बाद नवाब मलिक एक स्थापित नेता बन गए. फिर तो राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव जो 1999 में हुआ था, नवाब मलिक फिर से सपा के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़ा और फिर से जीत गए.
नवाब मलिक की यह जीत उनके राजनीतिक करियर लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई क्योकि इसके बाद राज्य में गठबंधन की सरकार बनी थी. उस गठबंधन में कांग्रेस, राकांपा शामिल थी पर समाजवादी के चुने दो विधायक भी उसमें शामिल हो गए गए थे. नवाब मलिक को पहली बार राज्य में बनने वाली गठबंधन की सरकार में मंत्री बनाया गया. नवाब मलिक आवास मंत्री बनाये गए. मंत्री बनने के बाद नवाब मलिक की सपा से दुरी बढ़ने लगी थी. एक इंटरव्यू में नवाब मलिक ने कहा था कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम लीग जैसा काम कर रहे थी. इसके बाद नवाब मलिक मंत्री रहते हुए में ही समाजवादी पार्टी छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए. इसके बाद नवाब मलिक एनसीपी में रहते हुए उच्च और तकनीकी शिक्षा और श्रम मंत्री भी बनाये गए.
नवाब मलिक विवादों से घिरे
नवाब मलिक महाराष्ट्र के उन नेताओ में शामिल रहे है जो समय समय पर विवादों में लगातार घिरते रहे है. शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान के बचाव में नवाब मलिक ने अधिकारी समीर बानखेड़े और एनसीबी के विरुद्ध लगातार निराधार आरोप लगाते रहे. इससे पहले भी नवाब मलिक पर कई बार भ्रष्ट्राचार के आरोप लग चुके है लेकिन सबसे बड़ा आरोप नवाब मलिक पर 2022 में लगा था. नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े होने का आरोप लगा था. नवाब मलिक को 23 फरवरी, 2022 को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था.
नवाब मलिक की संपत्ति (Nawab Malik Net Worth)
कभी कबाड़ का काम करने वाले नवाब मलिक राजनीति करके आज के समय में कई करोड़ के मालिक है. 2019 के विधानसभा चुनाव के समय नवाब मलिक के हलफनामे के अनुसार उनके पास सम्पत्ति 6 करोड़ है.
इस लेख में हमने आपको एनसीपी नेता नवाब मलिक की जीवनी (Nawab Malik Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
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