Politalks.News/Rajasthan. अगले साल के अंत में होने वाले राजस्थान सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. बात करें राजस्थान की तो एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी बजट घोषणाओं को समय पर सुचारु रूप से लागू करवाने के लिए अपने मंत्रियों विधायकों को निर्देश दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी अब एकजुट होकर आगामी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इसी कड़ी में कोटा में दो दिवसीय भाजपा कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया गया. भाजपा कार्यसमिति की बैठक के दूसरे और एक आखिरी दिन बुधवार को प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज नेता वहां मौजूद रहे.
वहीं बीजेपी की इस बैठक में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे अपने समर्थकों के साथ बैठक में भाग लेने पहुंची और वहां मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मैडम राजे के साथ बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और मैडम के मीडिया एडवाइजर को बैठक में जाने से रोक दिया. जिसके बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने वहां जोरदार हंगामा किया और गलीगलोच तक भी की गई. शायद इस घटना का असर बैठक में देखने को मिला जिसमें मैडम राजे बिना अपने संबोधन के ही वहां से रवाना हो गईं.
आपको बता दें, कोटा में कोटा-बूंदी राजमार्ग पर स्थित एक रिसोर्ट में भाजपा कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक के दूसरे और अंतिम दिन की कार्यवाही का शुभारंभ प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने किया. भाजपा की इस बैठक में प्रदेश भर के दिग्गज नेता मौजूद रहे. लेकिन पार्टी की बैठक शुरू होने से पहले आयोजन स्थल के गेट पर जमकर हंगामा तब शुरू हो गए जब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बैठक में शामिल होने रिसोर्ट पहुंची तो उनके मीडिया एडवाइजर और पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई. इसके साथ ही मैडम राजे के साथ पहुंचे पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को भी रिसोर्ट में एंट्री नहीं दी गई. जिसके बाद भाजपा नेता कार्यकर्ता भिड़ गए और एक दूसरे को अपशब्द भी कहे.
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इस घटना के बाद पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने एक बार फिर मैडम राजे को प्रदेश की कमान सौंपने की मांग उठाई है. वहीं रिसोर्ट में एंट्री नहीं मिलने पर राजावत ने कहा कि, ‘मैं तीन बार विधायक हूं लेकिन यह नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष को तय करना है कि किसे कार्यसमिति में रखें और नहीं, हमें नहीं रखा गया है. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को हमें सम्मान देना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं दिया और हमें कार्यकारिणी में नहीं रखा.’ राजावत अपना ये बयान मीडिया में देकर वहां से निकल गए तो वहीं बैठक में मौजूद मैडम राजे भी पुरे समय वहां नहीं रही. बैठक में करीब 3 घंटे की सीटिंग के बाद मैडम राजे वहां से निकल गई. इस दौरान उनका वहां संबोधन भी होना था लेकिन वे लंच के बाद सीधे बैठक से रवाना हो गईं. सूत्रों के अनुसार अपने समर्थकों के साथ हुए व्यवहार से मैडम राजे खफा थीं और वो वहां से चली गई.
वहीं बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में दूसरे सत्र में राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा हुई. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव का राजेंद्र राठौड़, कैलाश चौधरी कनकमल कटारा ने अनुमोदन किया. मीडिया से बातचीत में राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि, ‘चर्चा के अंदर 14 सदस्यों ने भाग लिया, 27 लिखित में सुझाव आए. इसके साथ ही बाद कांग्रेस सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी किया है. ये प्रस्ताव जिला समितियों में जाएगा और फिर मंडल स्तर तक जाएगा.’ सियासी जानकारों का कहना है कि कार्यसमिति की बैठक में विधानसभा चुनाव 2023 की स्ट्रैटेजी नए सिरे से तय होगी. साथ ही राज्यसभा चुनाव समेत पिछले साढ़े 3 साल में हुए अन्य चुनावों के रिजल्ट का एनालिसिस भी किया जाएगा और हार के कारणों पर चर्चा कर जहां कमजोरी रही है, उसे दूर कर विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी होगी.
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भाजपा कार्यसमिति की इस बैठक में बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल,कैलाश चौधरी, प्रदेश सह प्रभारी एवं सांसद भारती बेन, सांसद कनकमल कटारा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, सांसद जसकौर मीणा, सांसद किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, सांसद राजेंद्र गहलोत, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद सी पी जोशी, प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर, भजन लाल शर्मा, सुशील कटारा, प्रदेश उपाध्यक्ष माधोराम चौधरी, मुकेश दाधीच, चंद्रकांता मेघवाल, नारायण सिंह देवल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष इत्यादि अपेक्षित पदाधिकारी उपस्थित रहे.
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘कोटा में इस ऐतिहासिक प्रदेश कार्यसमिति में मुझसे पत्रकारों ने पूछा कि कोटा को ही क्यों चुना. हम जब सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी काम की उदात्त भावना से करते हैं तो भूगोल और समाज को साथ लेकर चलते है और इसलिए गतिविधियों की निरंतरता यह भाजपा का एक गुण है, जो दूसरी पार्टियों से अलग करता है.’ सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी केवल नारे लगाने वाला चुनावी संगठन नहीं है. भारतीय जनता पार्टी सरोकारों की पार्टी है. राजनीति में उतार-चढ़ाव भी आते हैं और परिस्थितियों की प्रतिकूलता भी आती है. हम उप चुनाव हारे उनकी अनेक वजह थी. भारतीय जनता पार्टी राजस्थान का यह संगठन हम सभी कार्यकर्ताओं के परिश्रम से मजबूती से खड़ा हुआ है और मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 2023 का सूरज राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत की जीत के साथ उदय होगा.